Multiple Sclerosis Day 2023: गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है मल्टीपल स्केलेरोसिस, जानें इसके लक्षण और बचाव
Multiple Sclerosis Day 2023 मल्टीपल स्केलेरोसिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। इस बीमारी के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 30 मई को विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस मनाया जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Multiple Sclerosis Day 2023: खराब जीवनशैली इन दिनों लोगों को कई तरह की बीमारियों का शिकार बना रही है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों में होने वाली समस्याएं अक्सर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी रहती हैं। मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple sclerosis) ऐसी ही एक बीमारी है, जिससे मौजूदा समय में कई सारे लोग परेशान हैं। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें नर्वस सिस्टम यानी मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को बुरी तरह प्रभावित करती है।
दुनियाभर में इस बीमारी से करीब 2.8 मिलियन लोग परेशान हैं। मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति की चलने-फिरने और शरीर के विभिन्न अंगों को हिलाने-डुलाने की क्षमता कम हो जाती है। लेकिन आज भी इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूकता की कमी नजर आती है। ऐसे में लोगों को इसके प्रति जागरूक, बीमारी से प्रभावित लोगों को स्वीकार और उनका समर्थन करने के मकसद से हर साल 30 मई को विश्व मल्टीपल स्केलेरोसिस दिवस मनाया जाता है। तो चलिए जानते हैं क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण-
मल्टीपल स्केलेरोसिस क्या है?
मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर अटैक करती है। यह एक तरह की ऑटो इम्यून बीमारी है, जो खून के जरिए दिमाग तक पहुंचती है और अपना असर दिखाती है। इस बीमारी की शुरुआत में सिर्फ सूजन होती है, लेकिन धीरे-धीरे यह पूरे बॉडी सिस्टम को बिगाड़ना शुरू कर देती है। मल्टीपल स्केलेरोसिस होने पर पीड़ित में निम्न लक्षण नजर आते हैं-
- एक से अधिक अंगों का सुन्न हो जाना या कमजोरी लगना
- चलने में परेशानी
- थकान
- दोहरा दिखना, धुंधली नजर या कम दिखाई देना
- झुनझुनी
- मांसपेशियों में अकड़न या ऐंठन
- शरीर के अंगों में दर्द
- अवसाद
- याद रखने में समस्या
- सिर का चक्कर
- यौन, आंत्र और मूत्राशय की शिथिलता
- बोलने में परेशानी
- मेमोरी लॉस
- सीजर्स (फिट्स)
मल्टीपल स्केलेरोसिस के कारण
इस बीमारी का प्रमुख कारण अभी तक साफ नहीं है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर 20 से 40 साल की उम्र तक आयु में यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में लेती है। साथ ही अगर परिवार में इस बीमारी का कोई इतिहास रहा है, तो भी इसके होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा निम्न कारक भी इस बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं-
- सूजन
- मोटापा
- धूम्रपान,
- थायरॉइड
- बोवेल डिजीज
- एनीमिया
- टाइप 1 मधुमेह
- विटामिन डी का निम्न स्तर
मल्टीपल स्केलेरोसिस का इलाज क्या है?
मल्टीपल स्केलेरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए अब इस बीमारी से निपटने के लिए इम्युनोमॉड्यूलेटर-आधारित उपचार मौजूद है। इसके तहत अब मरीज मौखिक रूप से दवाएं ले सकते हैं। इसके अलावा इस बीमारी के लक्षणों को मैनेज करने के लिए जरूरी है कि पीड़ित व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट और मजबूत रहे।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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