कई गुणों से भरपूर है मुलेठी, लेकिन ज़्यादा खाने से हो सकते हैं ये 4 नुकसान!
मुलेठी में कैल्शियम ग्लीसिर्रहिजिक एसिड एंटी-ऑक्सिडेंट एंटीबायोटिक और प्रोटीन के तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। मुलेठी खानें में मीठी होती है। मुलेठी के छोटे टुकड़े चूसने से खांसी गले में खराश या कंठ रोगों की तमाम समस्यों से राहत मिल सकती है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। मुलेठी को अंग्रेज़ी में Liquorice कहा जाता है। यह एक झाड़ीदार पेड़ होता है, जो अंदर से पीला और हल्की सुगंध वाला होता है। मुलेठी को आमतौर पर कई सेहत से जुड़ी कई समस्याओं के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर उपयोग किया जाता है। मुलेठी को सदियों से आंखों, मुंह, गले, सांस, हृदय रोग, घाव के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
मुलेठी में कैल्शियम, ग्लीसिर्रहिजिक एसिड, एंटी ऑक्सिडेंट, एंटीबायोटिक और प्रोटीन के तत्व पाए जाते हैं। जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद साबित होते हैं। मुलेठी खानें में मीठी होती है। मुलेठी के छोटे टुकड़े चूसने से खांसी, गले में खराश या कंठ रोगों की तमाम समस्यों से राहत मिल सकती है। आपने मुलेठी के फायदों के बारे में ख़ूब सुना होगा, लेकिन क्या आप इसके नुकसान के बारे में भी जानते हैं? आइए जानें मुलेठी से जुड़े नुकसान के बारे में।
मुलेठी के नुकसान
1. मुलेठी का अगर आप ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग करते हैं, तो इससे क्रोनिक थकान, सिरदर्द, सूजन, एडिमा, सांस की तकलीफ, जोड़ों में अकड़न और पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन स्तर को कम और मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती है।
2. सीमित मात्रा में लंबे समय तक मुलेठी खाने से शरीर में पोटेशियम की कमी, हाई ब्लड प्रेशर और मांसपेशियां कमज़ोर हो सकती हैं। किडनी, डायबीटिक और गर्भवती महिलाओं को इसे डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए।
3. इसका उपयोग उच्च रक्तचाप, मोटापा, मधुमेह, एस्ट्रोजेन-संवेदनशील विकार, गुर्दा, हृदय या यकृत और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं जैसी मेडिकल कंडीशन वाले लोगों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए।
4. जो लोग हाइपोथायरायडिज़्म से पीड़ित हैं, उन्हें मुलेठी का उपयोग नहीं करना चाहिए।
मुलेठी के फायदे
1. खांसीः सर्दी के मौसम में गले में खराश या खांसी की समस्या अक्सर होती है। ऐसे में मुलेठी के छोटे-छोटे टुकड़े करके चुसते रहने से खांसी की समस्या में राहत मिल सकती है।
2. पाचनः मुलेठी में फ्लेवोनॉइड जैसे तत्व पाए जाते हैं। जो पाचन को तो अच्छा रखने का काम करता ही है, साथ ही ये वजन को कम करने में भी मदद कर सकते हैं।
3. मुंह की दुर्गंधः मुंह से बदबू आने की समस्या में मुलेठी काफी असरदार साबित होती है। मुलेठी के टुकड़ों को सौंफ के साथ या सिर्फ मुलेठी को इस्तेमाल करने से मुंह की दुर्गंध दूर हो जाती है।
4. आंखों: आंखों की जलन और आंखें के लाल होने पर मुलेठी को लाभदायक उपचार की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
5. त्वचा: मुलेठी को एंटॉऑक्सीडेंट का पॉवरहाउस भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही वजह है कि मुलेठी आपकी त्वचा संबंधी कई समस्याओं को दूर करती है और स्किन को फिर से जवां बनाने वाली जड़ी-बूटी के तौर पर भी देखा जाता है।
6. अर्थराइटिस: अर्थराइटिस के रोगियों को मुलेठी राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। मुलेठी में एंटी ऑक्सिडेंट और एंटीबायोटिक के गुण पाए जाते हैं जो अर्थराइटिस, दर्द सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं।
7. अवसाद से लड़ती है: यह जड़ी बूटी अवसाद यानी Depression के इलाज में भी मददगार साबित होती है। मुलेठी अधिवृक्क ग्रंथि (adrenal glands) के कामकाज में सुधार लाती है, जो घबराहट और अवसाद से लड़ने में मदद करती है। इसके अलावा, इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और बीटा कैराटीन जैसे आवश्यक खनिज और फ्लेवोनॉइड्स हैं, जो अवसाद को दर करने में मदद करते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।