Mulethi in Ingestion: अपच और बदहजमी से बार-बार हो रहे हैं परेशान तो मुलेठी का यूं करें इस्तेमाल
Mulethi in Ingestion कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो हमारे किचन में ही मौजूद हैं लेकिन हम उनके बारे में नहीं जानते। इन्हीं में से एक है मुलेठी तो चलिए आपको इसके इस्तेमाल के तरीकों और फायदों से वाकिफ कराते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mulethi in Ingestion: हम सभी इस बात को मानते हैं कि पहले के जमाने में छोटी-छोटी समस्याओं के लिए हमारी दादी या नानी डॉक्टर्स पर निर्भर नहीं होती थीं। सदियों पुराने उनके घरेलू नुस्खे कई बार बड़ी बड़ी मुसीबतों को आने से पहले ही रोक देती थीं। वही तरीके अब फिर से वापस आ रहे हैं। पिछले कुछ सालों में, मार्केट में भी "घरेलू नुस्खों" से बने उत्पादों का चलन बढ़ा है। कई ऐसी जड़ी-बूटियां हैं जो हमारे किचन में ही मौजूद हैं लेकिन हम उनके बारे में नहीं जानते। इन्हीं में से एक है 'मुलेठी', तो चलिए आपको इसके फायदों से वाकिफ कराते हैं।
मुलेठी पूरे यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व में उगाई जाती है। यह एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों और पेय पदार्थों के साथ-साथ कफ कैंडी बनाने में किया जाता है। मुलेठी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर से लेकर सर्दी और खांसी जैसे संक्रमण के साथ-साथ अत्यधिक शुगर और ब्लड प्रेशर तक किसी भी समस्या में मदद कर सकती है। इसके अलावा मुलेठी अपच और कब्ज में भी मदद कर सकती है। मुलेठी का पानी मांसपेशियों में ऐंठन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है।
मुलेठी की जड़ का सेवन कैसे करें? या फिर मुलेठी की जड़ को कैसे पीते हैं?
-मुलेठी की जड़ की चाय बनाने के लिए एक कप गर्म पानी लें और उसमें एक मुलेठी की जड़ डालें। अब इसे 5 मिनट के लिए गर्म पानी में डूबा रहने दें फिर से छान कर सर्व करें। इस ड्रिंक का इस्तेमाल अपच और कब्ज को कम करने और गले में खराश को शांत करने के लिए भी कर सकते हैं।
-अगर आपको इसकी चाय पीना पसंद नहीं है तो, आप मुलेठी की जड़ को आसानी से चबा सकते हैं।
-आप जड़ का पाउडर बना सकते हैं और इसे अपनी चाय या गर्म दूध में मिला सकते हैं। यह तरीका भी सबसे सरल और प्रभावी हो सकता है।
अपच और कब्ज के अलावा मुलेठी यानी लीकोरिस रूट कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में मदद कर सकती है, जानें-
1. मुलेठी सर्दी और खांसी, खासकर सूखी खांसी के इलाज में प्रभावी है। इसके प्राकृतिक ब्रोन्कोडायलेटर गुणों के कारण, यह सर्दियों में अस्थमा से संबंधित लक्षणों के इलाज के लिए एक प्रभावी घटक है।
2. पीरियड्स में होने वाली ऐंठन को रोकता है। मुलेठी में एंटीस्पास्मोडिक प्रभाव होते हैं, जो मांसपेशियों को आराम देने वाले के रूप में कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। यह बेचैनी को भी कम करता है और ऐंठन को रोकने में मदद करता है।
3. मुलेठी में पाए जाने वाले दो एलिमेंट्स ग्लाइसीर्रिज़िन और कार्बेनॉक्सोलोन एड्स गट-हेल्थ हैं। कब्ज, पेट दर्द, नाराज़गी, एसिडिटी और पेट की अन्य समस्याओं से राहत देने के अलावा, ये यौगिक गैस्ट्रिक और पेप्टिक अल्सर को रोकने में भी मदद कर सकते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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