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    Nutrient Deficiencies: भारतीयों में पाई जाती है इन 7 पोषक तत्वों की कमी!

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Thu, 25 Mar 2021 01:19 PM (IST)

    Nutrient Deficiencies आज हम बात करेंगे कि भारत में रह रहे लोगों में किस पोषक तत्व की आमतौर पर कमी होती है। अपने आहार के ज़रिए सूक्ष्म पोषक तत्वों को प्राप्त करना वास्तव में सबसे मुश्किल काम है।

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    भारतीयों में पाई जाती है इन 7 पोषक तत्वों की कमी!

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Nutrient Deficiencies: सेहतमंद और एक अच्छी ज़िंदगी के लिए अच्छा पोषण बेहद महत्वपूर्ण होता है। हालांकि, समृद्ध, स्थानीय, रंगीन आहार लेने के बावजूद, कई सारे भारतीय अस्वस्थ हैं। इसका कारण है कि हम में कई तरह के ज़रूरी पोषक तत्वों और खनीजों की कमी होती है। 

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    आज हम बात करेंगे कि भारत में रह रहे लोगों में किस पोषक तत्व की आमतौर पर कमी होती है। अपने आहार के ज़रिए सूक्ष्म पोषक तत्वों को प्राप्त करना वास्तव में सबसे मुश्किल काम है। जिसकी वजह से भारतीयों में अनीमिया, हड्डियों की क्षति और नाज़ुक स्वास्थ्य जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है। तो आइए जानें कि हम भारतीयों में किन चीज़ों की कमी होती है। 

    आयरन

    भारतीयों में आयरन की काफी ज़्यादा कमी देखी जाती है। इसकी वजह से महिलाओं को ख़राब स्वास्थ्य का ख़तरा होता है, यहां तक कि इनमें से कई एनीमिया से भी पीड़ित होती हैं। पोषण संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार, 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और महिलाओं को दिन में 8.7 मिलीग्राम, जबकि युवा महिलाओं को कम से कम दिन में 14.6 मिलीग्राम आयरन की आवश्यकता होती है।

    प्रोटीन

    प्रोटीन हमारे शरीर की मज़बूती में अहम भूमिका निभाता है, लेकिन फिर भी 80 प्रतिशत भारतीयों में इसकी कमी पाई जाती है। पोषण संबंधी दिशा-निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को प्रति किलो वज़न के हिसाब से एक ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए। इसलिए, आपको अपने आहार में सभी तरह के प्रोटियन प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

    फोलेट

    फोलेट हरी पत्तेदार सब्ज़ियों और फलियों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है लेकिन इसके बावजूद, भारतीयों में फोलेट की कमी होती है। फोलेट गर्भावस्था के दौरान भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, किसी भी तरह की कमी का फौरन इलाज करना चाहिए।

    विटामिन-डी

    विटामिन डी एक वसा में घुलनशील खनिज है, जो हड्डियों, त्वचा और प्रतिरक्षा को मज़बूत करता है, और बीमारियों को दूर करता है। अफसोस की बात है कि देश में विटामिन-डी की कमी ज़्यादातर लोगों में पाई जाती है। धूप लेने और विटामिन-डी से समृद्ध भोजन के सेवन से इस नुकसान से बचा जा सकता है। 

    विटामिन बी12

    बी 12 की कमी आपके रक्त प्रवाह, मस्तिष्क स्वास्थ्य और नसों के लिए समस्याएं पैदा कर सकती है। शाकाहारी खाने में इसके विकल्प कम हैं, इसलिए अपने स्रोत को समझदारी से चुनें। कई तरह के अनाज, बाजरा और सब्ज़ियों में ये खनीज मौजूद होता है, जिसका सेवन नियमित रूप से रोज़ाना होना चाहिए।

    विटामिन-ए

    बच्चों में विटामिन-ए की कमी आम है और इसकी कमी से उनके विकास में दिक्कत आ सकती है। वहीं, विटामिन-ए की कमी वयसकों में आंखों की रोशनी को कमज़ोर कर सकती है और आंखों से जुड़ी दिक्कतें भी आ सकती हैं। इसलिए, खाने की मदद से इस मूल विटामिन की कमी को पूरी करना महत्वपूर्ण है।

    ज़िंक

    नए अध्ययनों से संकेत मिला है कि भारत में जिंक की कमी बढ़ रही है। यह बदले में, आपकी प्रतिरक्षा को कम कर सकता है और बीमारियों की संभावना को बढ़ा सकता है। रोज़ाना पुरुषों को 11 मिलीग्राम, जबकि महिलाओं को 8 मिलीग्राम ज़िंक का सेवन करना चाहिए।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।