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    आपके करीबियों के लिए खतरनाक हो सकती है Mold Toxicity, ऐसे करें इसकी पहचान और इससे बचाव

    Updated: Tue, 14 May 2024 05:47 PM (IST)

    वायरस-बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों के बारे में तो सभी जागरूक कहते हैं लेकिन आपके घरों की दीवार में लगने वाली फंंगस भी आपको बीमार बना सकती है। इसे मोल्ड टॉक्सिसिटी (Mold Toxicity) कहते हैं जो एक तरह का साइलेंट किलर होता है। यह आमतौर पर घर के बाथरूम किचन या सिंक के पास की दीवारों में नमी के कारण होने वाले काले या सफेद रंग के फंगस होते हैं।

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    क्या है मोल्ड टॉक्सिसिटी, जो बन सकता है साइलेंट किलर (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर घर के बाथरूम, किचन या सिंक के पास की दीवारों में नमी के कारण काले या सफेद रंग के रूई के फाहे जैसे जम जाते हैं। इन्हें मोल्ड कहते हैं और इससे होने वाले नुकसान को मोल्ड टॉक्सिसिटी (Mold Toxicity) कहते हैं। ये एक तरह का साइलेंट किलर होता है, क्योंकि आमतौर पर लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे यह तमाम तरह की बीमारियों का कारण बन घर में मौजूद लोगों को संक्रमित करता है।

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    मोल्ड की वजह से बीमार होने पर भी लोग इसका असल कारण नहीं पकड़ पाते, जिससे वह लक्षणों के अनुसार दवाइयां लेकर कुछ देर के लिए अपना इलाज कर लेते हैं, लेकिन दवा बंद करते ही लक्षण दोबारा नजर आने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि मोल्ड टॉक्सिसिटी के प्रति जागरूकता बढ़े और लोगों को अपनी बीमारी का असल कारण पता चले। आइए जानते हैं कि कैसे खतरनाक है मोल्ड टॉक्सिसिटी-

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    क्या है मोल्ड टॉक्सिसिटी ?

    मोल्ड एक खतरनाक केमिकल रिलीज करता है, जिसे माइकोटॉक्सिन कहते हैं। ये जानवरों और इंसानों के सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।

    कैसे फैलती है मोल्ड टॉक्सिसिटी ?

    मोल्ड वाले कमरे में सांस लेने से, इसके कण हमारे खाने और पानी के जरिए शरीर में जाने पर या किसी अन्य की स्किन पर मोल्ड लग जाने और उसके संपर्क में आने पर भी मोल्ड टॉक्सिसिटी फैल सकती है। संपर्क में आने पर मोल्ड शरीर के अंदर ब्लडस्ट्रीम और लिम्फेटिक सिस्टम में चला जाता है। इससे प्रोटीन सिंथेसिस की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जिससे इसका दुष्प्रभाव अंगों पर दिखने लगता है। इसी के बाद मोल्ड टॉक्सिसिटी के लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं।

    मोल्ड टॉक्सिसिटी के लक्षण क्या हैं?

    लोगों को ऐसा लगता है कि मोल्ड टॉक्सिसिटी से मात्र रेस्पिरेटरी सिस्टम प्रभावित होता है।, लेकिन असलियत ये है कि मोल्ड टॉक्सिसिटी रेस्पिरेटरी सिस्टम के साथ ब्रेन, वजन, हार्मोन्स, स्किन, विजन, नींद, मेंटल हेल्थ तक को प्रभावित कर सकता है। मोल्ड टॉक्सिसिटी के लक्षण निम्न हैं-

    • ब्रेन फॉग
    • सर्दी-जुकाम और खांसी
    • नाक बहना
    • सांस लेने में दिक्कत
    • अस्थमा के लक्षण
    • थकान
    • एंग्जायटी और डिप्रेशन
    • नींद न आना
    • सिरदर्द
    • चक्कर आना
    • नजर कमजोर होना

    मोल्ड टॉक्सिसिटी की कैसे करें पहचान?

    आप घर पर आसानी से मोल्ड टॉक्सिसिटी की पहचान की जा सकती है। ERMI टेस्ट, डस्ट टेस्ट या और एयर सैंपलिंग कर के माइकोटॉक्सिन और मोल्ड टॉक्सिसिटी का पता लगाया जा सकता है। लक्षणों की जानकारी रखें और घर बैठे कलेक्टिव होम टेस्ट भी कर सकते हैं।

    मोल्ड टॉक्सिसिटी से कैसे करें बचाव ?

    • नहाने के बाद एग्जास्ट फैन चलाएं।
    • इस बात का ध्यान दें कि घर में नमी के लेवल 50% से कम रहे।
    • बाथरूम में नहाने के बाद दीवारों से एक्स्ट्रा पानी हटा दें।
    • घर की छतों पर और नीचे जमीन के पास मोल्ड का ध्यान दें।
    • एयर प्यूरीफायर पर इन्वेस्ट करें।
    • कमरों के खिड़की-दरवाजे खोलते रहें, जिससे फ्रेश हवा घर में हमेशा बनी रहे।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।