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ब्रेन की अच्छी सेहत के लिए थोड़ा कोलेस्ट्रॉल भी ज़रूरी, नहीं तो बढ़ सकती है ब्रेन हेमरेज की संभावना

अगर ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का स्तर बहुत नीचे चला जाए तो इससे ब्रेन हैमरेज की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए थोड़ा घी-तेल और मक्खन भी करें डाइट में शामिल।

By Priyanka SinghEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 08:48 AM (IST)
ब्रेन की अच्छी सेहत के लिए थोड़ा कोलेस्ट्रॉल भी ज़रूरी, नहीं तो बढ़ सकती है ब्रेन हेमरेज की संभावना
ब्रेन की अच्छी सेहत के लिए थोड़ा कोलेस्ट्रॉल भी ज़रूरी, नहीं तो बढ़ सकती है ब्रेन हेमरेज की संभावना

हाल ही में अमेरिका स्थित हॉवर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार अगर ब्लड में बैड कोलेस्ट्रॉल एलडीएल का स्तर बहुत नीचे चला जाए तो इससे ब्रेन हैमरेज की आशंका बढ़ जाती है। यह एक ऐसी शारीरिक अवस्था है, जिसमें ब्रेन तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचता। इससे उसकी कोशिकाओं को ऑक्सीजन भी नहीं मिल पाता, जिससे ब्रेन की कोई भी रक्त कोशिका फट सकती है और इससे दिमाग हमेशा के लिए क्षतिग्रस्त हो सकता है। इस शोध में 12,866 लोगों को शामिल किया गया। इस शोध में शामिल करने से पहले उनके शरीर में मौज़ूद एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नाप लिया गया था। इसके बाद नौ वर्षों तक नियमित रूप से उस समूह के लोगों के ब्लड में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच की जाती थी। शोध के बाद वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि जिन लोगों में एलडीएल का स्तर 70 मिलीग्राम प्रति डीएल से कम था, उनमें ब्रेन हैमरेज की आशंका अधिक थी। इसलिए ब्रेन की अच्छी सेहत के लिए थोड़ा कोलेस्ट्रॉल भी ज़रूरी है। इससे डर कर घी-तेल या मक्खन का सेवन पूरी तरह बंद कर देना गलत है।

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गर्भवती स्त्रियों के लिए ज़रूरी है विटमिन डी

हर स्त्री यही चाहती है कि वह स्वस्थ शिशु की मां बने और भविष्य में उसका बच्चा न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी चुस्त-दुरुस्त हो। हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार गर्भावस्था के दौरान अगर कोई स्त्री धूप में बहुत कम समय बिताए तो इससे भविष्य में बच्चे को लर्निंग डिसॉर्डर जैसी समस्या हो सकती है। स्कॉटलैंड में स्कूल जाने वाले 4,000 से भी अधिक बच्चों पर किए गए एक अध्ययन के बाद ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के शोधकर्ता इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि गर्भावस्था के दौरान अगर स्त्री को अल्ट्रावायलेट-बी (यूवीबी) किरणों का पर्याप्त पोषण न मिले तो इससे गर्भस्थ शिशु के ब्रेन का विकास प्रभावित हो सकता है। दरअसल ये किरणें शरीर में विटमिन डी के निर्माण में सहायक होती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के ब्रेन के विकास के लिए बहुत ज़रूरी है। अत: होने वाले बच्चे की अच्छी सेहत के लिए हर स्त्री को गर्भावस्था के दौरान प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे तक सुबह की धूप में ज़रूर बैठना चाहिए।

डॉक्टर की राय

मैं इस रिसर्च से पूरी तरह सहमत हूं। गर्भावस्था में विटमिन डी और कैल्शियम की कमी से गर्भवती स्त्री को हाई बीपी, गर्भस्थ शिशु के ब्रेन और हड्डियों के विकास में रुकावट और प्री-मेच्योर डिलिवरी जैसी समस्याएं हो सकती  हैं। अत: प्रेग्नेंसी के  दौरान स्त्रियों को रोज़ाना सुबह 7 से 8 बजे के बीच कम से कम आधे घंटे तक धूप में बैठना चाहिए। डॉक्टर की सलाह पर विटमिन डी के सप्लीमेंट्स का भी सेवन किया जा सकता है।  

डॉ. ज्योति खत्री, स्त्री रोग विशेषज्ञ (मदरहुड  हॉस्पिटल, नोएडा)


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