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    बार-बार चक्कर आना वर्टिगो के हैं संकेत, जानें इसके लक्षण और उपचार

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Thu, 13 Aug 2020 05:44 PM (IST)

    यह एक बीमारी है जो कान के आंतरिक हिस्से में होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्टिगो वेस्टिबुलर सिस्टम में किसी प्रकार की समस्या आने से होती है जो मस्तिष्क को नियंत्रित करती है।

    बार-बार चक्कर आना वर्टिगो के हैं संकेत, जानें इसके लक्षण और उपचार

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। वर्टिगो एक सामान्य रोग है। इस रोग में व्यक्ति को चक्कर आते हैं। साथ ही धरती घूमती हुई नजर आती है। जबकि कई अवसर पर व्यक्ति भर्मित भी हो जाता है। उसे मानसिक ज्ञान का जरा भी स्मरण नहीं रह जाता है। इस दौरान मितली और उल्टी भी होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है और ठीक नहीं हो रहा है, तो आपको जल्द डॉक्टर से मिलने की जरूरत है। इस प्रकार के लक्षण वर्टिगो के संकेत हैं। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह खतरनाक हो सकता है। आइए वर्टिगो के बारे में विस्तार से जानते हैं-

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    वर्टिगो में चक्कर आने का मतलब ऊंचाई से डरना नहीं है। यह एक बीमारी है, जो कान के आंतरिक हिस्से में होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि वर्टिगो वेस्टिबुलर सिस्टम में किसी प्रकार की समस्या आने से होती है, जो मस्तिष्क को नियंत्रित करती है। कभी-कभी यह बीमारी मस्तिष्क में असंतुलन की वजह से भी होती है।

    वर्टिगो के लक्षण

    -व्यक्ति को ठीक से सुनाई नहीं देती है

    -कान का बंद हो जाना

    -खाना खाने में परेशानी

    -दूर की चीज़ें धुंधली दिखना

    - चक्कर आना

    -दिशा भर्मित होना

    -तेज सिर दर्द होना

    -जी मचलाना

    वर्टिगो के उपचार

    इस रोग में कान के आंतरिक हिस्से की एमआरआइ की जाती है, जिससे वेस्टिबुलर सिस्टम के वर्तमान स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है। अगर वर्टिगो प्राथमिक स्तर में है, तो दवाओं की मदद से ठीक किया जाता है। जबकि अंतिम स्तर पर रहने पर सर्जरी की जाती है। वैसे कान को नियमित देखभाल करने से इस रोग से बचा जा सकता है। इसके लिए कानों के वैक्स की अच्छे से सफाई करनी चाहिए। किसी भी ठोस पदार्थ को कानों में नहीं डालना चाहिए। जबकि कानों में ऑयल डॉक्टर की सलाह के बाद ही डालें।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।