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    नसों में ब्लॉकेज की वजह से होताी है वेरीकोज़ वेन्ज़, ऐसे करें बचाव

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Fri, 21 Aug 2020 05:15 PM (IST)

    विशेषज्ञों की मानें तो नसें गुरुत्व के खिलाफ काम करती हैं और जब इसमें हल्की सी भी बाधा आती है तो यह काम करना बंद कर देती है।

    नसों में ब्लॉकेज की वजह से होताी है वेरीकोज़ वेन्ज़, ऐसे करें बचाव

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। वेरीकोज़ वेन्ज़ एक सामान्य रोग है। इसमें पैरों की नसें बढ़ जाती है। यह रोग किसी भी नस में हो सकती है। वेरीकोज़ वेन्ज़ के चलते नसें नीले रंग की दिखाई देनी लगती हैं। इसका मुख्य वजह अत्यधिक समय तक खड़े रहना है। इससे पैरों की नसें दब जाती है। इसके चलते नसें न केवल नीली और बढ़ जाती हैं, बल्कि टेढ़ी मेढ़ी भी हो जाती हैं। ऐसे वक्त में व्यक्ति को काफी तेज़ दर्द होता है। कभी-कभी यह दर्द असहाय हो जाता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर आप भी वेरीकोज़ वेन्ज़ से परेशान हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो मामूली लक्षणों में इन उपायों का अपना सकते हैं-

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    वेरीकोज़ वेन्ज़ क्या है

    विशेषज्ञों की मानें तो नसें गुरुत्व के खिलाफ काम करती हैं और जब इसमें हल्की सी भी बाधा आती है, तो यह काम करना बंद कर देती है। इससे रक्त संचरण सुचारू रूप से नहीं हो पाता है। चूंकि रक्त पैरों की नसों के माध्यम से ऊपर चढ़कर हृदय तक पहुंचता है। ऐसे में अगर नसों में रक्त प्रवाह के दौरान कोई अवरोध पैदा होता है अथवा दवाब पड़ता है, तो रक्त प्रवाह रुक जाता है। इन वजहों से नसें बढ़ जाती हैं और टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं।

    वेरीकोज़ वेन्ज़ के उपाय

    -इसके लिए सबसे खास बात यह है कि आप अपने वजन पर नियंत्रण रखें। वजन अधिक रहने के चलते भी वेरीकोज़ वेन्ज़ के होने की संभावना बढ़ जाती है। इससे पैरों पर अत्यधिक दवाब नहीं पड़ता है।

    -अपने खानपान पर पूरा ध्यान दें। खाने में नमक का सेवन अधिक न करें। साथ ही अपने भोजन में फाइबर और विटामिन-सी युक्त सब्जियों और फलों को जरूर जोड़ें।

    -अपने दिनचर्या में एक्सरसाइज को जरूर जोड़ें। इससे मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है और रक्त संचार सही से होता है। इससे पैरों अथवा हाथों की नसें नहीं दबती हैं।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।