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    डायबिटीज में किसी दवा से कम नहीं है गंगा जलेबी, जानें-क्या कहती है रिसर्च

    By Umanath SinghEdited By:
    Updated: Thu, 20 Aug 2020 03:30 PM (IST)

    इसे कई नामों से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे गंगा जलेबी कहा जाता है तो कई जगहों पर इसे विलायती जिलेबी कहा जाता है।

    डायबिटीज में किसी दवा से कम नहीं है गंगा जलेबी, जानें-क्या कहती है रिसर्च

    दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। जंगल जलेबी एक पेड़ है, जो गांव के क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है। इसे कई नामों से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे गंगा जलेबी कहा जाता है, तो कई जगहों पर इसे विलायती जिलेबी कहा जाता है। इसका फल कच्चे में सफ़ेद और पकने के बाद लाल हो जाता है। स्वाद में मीठा होने की वजह से लोग इसे खूब पसंद करते हैं। आमतौर पर यह फल गर्मी के मौसम में फलता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते हैं, जो कई रोगों में लाभकारी होते हैं। इसके सेवन से मधुमेह नियंत्रित होता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और कैंसर रोग में फायदा मिलता है। अगर आप गंगा जलेबी से अनजान हैं, तो आइए इसके स्वास्थ्य लाभ जानते हैं-

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    मधुमेह को नियंत्रित करता है

    Journal of Pharmacognosy and Phytochemistry के रिसर्च अनुसार, इसमें एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं, जो मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। आयुर्वेद में इसकी पुष्टि की गई है कि मधुमेह के मरीजों का जंगल जलेबी का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से एक महीने में आराम मिल सकता है।

    डायरिया में भी फायदेमंद है

    इसे हिंदी में दस्त अथवा पेचिश कहा जाता है। यह बीमारी दूषित पानी अथवा भोजन ग्रहण करने से होती है। इस बीमारी में डॉक्टर की सलाह जरूरी है। प्राथमिक लक्षण में आप जंगल जलेबी के पत्तों का काढ़ा बनाकर सेवन कर सकते हैं। इससे बहुत जल्द आराम मिलता है।

    पाचन तंत्र मजबूत होता है

    इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है। हालांकि, एक चीज़ का ध्यान रखें कि सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। अगर आप इस फल का अधिक सेवन करते हैं, तो इससे पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। कब्ज, अपच, बदहजमी समेत पेट संबंधी सभी विकारों में जलेबी का सेवन लाभकारी सिद्ध होता है।

    डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।