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    Contraceptive Myth & Facts: 'कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स'- जानें इसके इस्तेमाल से जुड़े कुछ मिथक और उनका सच

    By Jagran NewsEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Wed, 05 Jul 2023 04:29 PM (IST)

    Contraceptive Myth Facts कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स का इस्तेमाल यौन रोगों से बचने के साथ अनचाहे गर्भ को खत्म करने के लिए भी किया जाता है। इसमें प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की हाई डोज होती है। यह गोली सर्वाइकल म्यूकस को गाढ़ा कर देती है जिससे प्रेग्नेंसी न ठहरे। इसका उपयोग सालों से महिलाएं करती आ रही हैं लेकिन फिर भी इसे लेकर कई करह के मिथक सुनने में आते हैं।

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    Contraceptive Myth & Facts: क्या आपके भी मन में हैं कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स को लेकर सवाल

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Contraceptive Myth & Facts: दुनियाभर की लाखों महिलाएं कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल करती हैं। जिनमें से ज्यादातर महिलाएं कई तरह के मिथकों के संपर्क में कभी न कभी आती ही हैं। क्या यह पिल्स वजन बढ़ने का कारण बनती हैं? क्या इन्हें रोजाना एक ही समय पर लेना जरूरी है? क्या इनको एंटीबायोटिक्स के साथ खाया जा सकता है? गर्भनिरोधक दवाइयों का इस्तेमाल काफी आम है, और इसलिए इनसे कई तरह के मिथक भी जुड़े हैं। अगर आप भी अक्सर इसी तरह के मिथकों का सामना करती हैं, तो आपको यह आर्टिकल जरूर पढ़ना चाहिए।

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    क्या है ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स?

    ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (गोली) हार्मोनल गोलियां हैं, जिसका आमतौर पर महिलाएं गर्भ को रोकने के लिए इस्तेमाल करती हैं। इनमें या तो डबल हार्मोन प्रोजेस्टोजन और एस्ट्रोजन (estrogen) एक साथ होते हैं या एक हार्मोन प्रोजेस्टोजन (progestogen) मौजूद होता है।

    ओव्यूलेशन को दबाने के साथ-साथ, डबल हार्मोन कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स शुक्राणु प्रवेश को रोकने और उसे विफल करने के लिए गर्भाशय ग्रीवा बलगम को गाढ़ा करने का काम करती है। वहीं, सिंगल हार्मोन कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (contraceptive pills) गर्भाशय ग्रीवा के बलगम को गाढ़ा करती है, लेकिन जब ओव्यूलेशन को दबाने की बात आती है, तो वे अपेक्षाकृत कम प्रभावी होती है।

    लेकिन महिलाओं में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (गर्भनिरोधक) के बारे में कई गलत धारणाएं भी मौजूद हैं, तो आइए जानते हैं पिल्स से जुड़े कुछ मिथक और उनका सच-

    मिथकः कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स STI को रोक सकती हैं।

    सच: हर्पीस जैसे यौन संचारित संक्रमण जननांगों या किसी अन्य शारीरिक संपर्क में आने से फैलते हैं। कोई भी गर्भनिरोधक, जो लोगों के बीच स्पर्श संपर्क को प्रतिबंधित नहीं करता है, यह एसटीआई (s*xually transmitted infections) को नहीं रोक सकता है। हालांकि, कंडोम को एसटीआई के जोखिम को कम करने के लिए एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है, जो कि पूरी तरह प्रभावी नहीं है।

    मिथकः ये प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं

    सच: गर्भनिरोधक गोलियां जाहिर तौर पर, आपके मासिक धर्म चक्र को प्रभावित जरूर करती हैं, लेकिन कई अध्ययनों की मानें तो इसका आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करने के संबंध में कोई संकेत नहीं पाया गया है। डोज़ को इस तरह से नियंत्रित किया जाता है कि जब सेवन बंद हो जाता है, तो साइकिल वापस अपनी जगह पर आ जाती है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि गोली का आपकी प्रजनन क्षमता पर लंबे वक्त तक प्रभाव पड़ता है।

    मिथकः गर्भनिरोधक गोलियां कैंसर का कारण बन सकती हैं

    सच: कई अध्ययनों से पता चला है कि डबल ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव ओवेरियन और एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरे को कम करने में योगदान देती है। जब आपने सेवन बंद कर दिया हो तब भी गोलियों के उपयोग का सकारात्मक प्रभाव आपके शरीर पर बना रहता है।

    ब्रेस्ट कैंसर या सर्वाइकल कैंसर पर, डबल हार्मोन कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स के प्रभावों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, हालांकि, अब तक जो भी अध्ययन किए गए हैं, उनमें कैंसर के संबंध में गोलियों का कोई विशेष प्रभाव नहीं पाया गया है।

    मिथकः शिशुओं में जन्मजात विकलांगता का कारण बन सकती है

    सच: अगर सही तरीके से लिया जाए तो जन्म नियंत्रण की गोलियां लगभग 99%, और वास्तविकता में लगभग 93% प्रभावी होती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि महिलाएं इन पिल्स को सफर के दौरान या किसी और वजह से साथ रखना भूल सकती हैं। इसलिए, कभी-कभी महिलाएं गोली लेने के दौरान गर्भवती हो जाती हैं। इसका कोई सबूत नहीं है कि ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव बच्चे के विकास को प्रभावित करती है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik