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    Restless Legs Syndrome: कहीं आपको भी बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत तो नहीं? जानिए क्या है रेस्टलेस सिंड्रोम और उसका उपचार

    By Shahina NoorEdited By:
    Updated: Fri, 29 Oct 2021 12:00 PM (IST)

    Restless Legs Syndromeहार्वर्ड मेडिकल स्कूल के कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि लगातार पैर हिलाने से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। यह आदत सेहत के लिए हानिकारक है। पैर हिलाने से घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है।

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    यह परेशानी शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। अक्सर कुछ लोगों की आदत होती है कि वो मसरूफियत होने के बावजूद भी बॉडी से कुछ एक्टिविटी करते रहते हैं। चेयर पर बैठते हैं तो लगातार पैरों को हिलाते रहते हैं। वैसे तो पैर हिलाने की आदत को अशुभ माना ही जाता है, लेकिन इसका सेहत पर गलत असर भी पड़ता है जिसका वैज्ञानिक कारण मौजूद है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह आदत एक बीमारी है जिसे रेस्टलेस सिंड्रोम कहते हैं। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि लगातार पैर हिलाने से दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है। यह आदत सेहत के लिए हानिकारक है। पैर हिलाने से घुटनों और जोड़ों के दर्द की समस्या हो जाती है। पैरों की नसों पर दबाव पड़ने से नुकसान होता है। आइए जानते हैं कि यह आदत किस तरह सेहत बिगाड़ सकती है और इसका उपचार कैसे करें।

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    रेस्टलेस सिंड्रोम क्या है?

    रेस्टलेस सिंड्रोम नर्वस सिस्टम से जुड़ी एक बीमारी है। पैर हिलाने पर इनसान के शरीर में डोपामाइन हॉर्मोन रिलीज होता है जिसके कारण उसे अच्छा लगता है। अच्छा लगने की वजह से इनसान इस आदत को बार-बार दोहराता है। इसे स्लीप डिसऑर्डर भी कहते हैं, क्योंकि नींद पूरी नहीं होने की वजह से व्यक्ति को थकाम महसूस होती है।

    रेस्टलेस सिंड्रोम का कारण क्या है?

    यह परेशानी शरीर में आयरन की कमी के कारण होती है। बढ़ते वज़न, नींद में कमी, फिजिकल एक्टिविटी में कमी, मादक पदार्थों का सेवन करने से यह बीमारी पनपने लगती है।

    रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण:

    इन बीमारी की वजह से पैरों में झंझनाहट महसूस होती है। पैरों में जलन, खुजली और दर्द हो सकता है। 

    इस बीमारी का उपचार कैसे करें:

    • रेस्टलेस सिंड्रोम से बचना चाहते हैं तो कम से कम रात को 8 घंटे की नींद जरूर लें।
    • नियमित रूप से व्यायाम करें और स्ट्रेचिंग करें। 
    • अपनी डाइट पर खास ध्यान दें। डाइट में आयरन युक्त चीज़ें जैसे सरसों, पालक, चुकंदर को शामिल करें। 
    • कैफीन युक्त पदार्थ, धूम्रपान और शराब से परहेज करें।