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Hypoglycemia Treatment: शुगर का बढ़ना जितना खतरनाक है उतना ही घटना भी, जानिए हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण और उपचार

Hypoglycemia Causes And Treatment जब ब्लड शुगर लेवल 72 मिग्रा/DL से भी नीचे चला जाए तो ऐसी स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर कहलाती है। शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन के बिगड़ने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Published: Wed, 26 May 2021 01:30 PM (IST)Updated: Wed, 26 May 2021 01:30 PM (IST)
Hypoglycemia Treatment: शुगर का बढ़ना जितना खतरनाक है उतना ही घटना भी, जानिए हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण और उपचार
शुगर लो होने पर मरीज़ को चक्कर आना, घबराहट और ज्यादा पसीने आ सकते हैं।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत में शुगर के मरीज़ों की तादाद दिनों दिन बढ़ती जा रही है। कोरोनाकाल में शुगर का बढ़ना बेहद खतरनाक साबित हो रहा है। शुगर के मरीज़ों को कोरोना से ज्यादा खतरा हो रहा है। आप जानते हैं कि शुगर का बढ़ना जितना खतरनाक है उतना ही शुगर का घटना भी खतरनाक है। जिन लोगों की शुगर बढ़ती है वो उसे कंट्रोल करने के लिए दवा का सेवन कर लेते हैं लेकिन जिन लोगों की शुगर कम रहती है वो अपनी शुगर को मेनटेन करने के लिए कुछ नहीं करते। बहुत से लोगों को तो पता भी नहीं होता कि उन्हें शुगर की बीमारी है। शुगर का कम होना हाइपोग्लाइसीमिया कहलाता है। जब ब्लड शुगर लेवल 72 मिग्रा/DL से भी नीचे चला जाए, तो ऐसी स्थिति हाइपोग्लाइसीमिया या लो ब्लड शुगर कहलाती है।

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हमारे शरीर का सामान्य ब्लड शुगर लेवल 80-110 मिग्रा/DL के बीच होता है और 90 मिग्रा/DL को औसत ब्लड शुगर लेवल माना जाता है। हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से मरीज को चक्कर आना, घबराहट और पसीने आते है। कई बार इस परेशानी की वजह से मरीज को बेहोशी भी हो सकती है।

हाइपोग्लाइसीमिया के कारण:

शरीर में ग्लूकोज और इंसुलिन के संतुलन के बिगड़ने की वजह से हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। हॉर्मोनल लेवल के बिगड़ने के कारण भी ये बीमारी हो सकती हैं।

हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण:

  • हर वक्त थकान महसूस होना
  • रक्त में शर्करा की अचानक गिरावट से बेहोशी या दौरा पड़ना।
  • पीड़ित को चलते-चलते चक्कर आना
  • दौरा, स्ट्रोक और कौमा में भी हो सकता है।
  • कई रिसर्च से पता चला है कि डायबिटीज के 2-4 फीसद मरीजों की मौत हाइपोग्लाइसीमिया से होती है। टापइ 1 डायबिटीज के मरीज, इंसुलिन पर निर्भर, बुजुर्ग मरीजों को कम शुगर या हाइपोग्लाइसीमिया का ज्यादा खतरा होता है।

हाइपोग्लाइसेमिक का इलाज:

  • डायबिटीज को कंट्रोल रखने के लिए बॉडी को सक्रिय रखना जरूरी है।
  • जब भी आपको थकान या चक्कर महसूस हो तो आपको तुरंत अपना शुगर चेक कराएं। शुगर चेक करेंगे तो आप जल्दी ही बॉडी में शुगर की रिकवरी कर सकते है।
  • ‘लो ब्लड शुगर’ के माइल्ड केस में जल्द ही मीठी चीज़ खा कर आप अपनी डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते है।
  • अगर आपका ब्लड शुगर लेवल 70 मिग्रा/डीएल से कम है और आप होश में हैं, तो 15-20 ग्राम ग्लूकोज़ का सेवन करना सही इलाज है। आप अपने पास हमेशा कैंडी, मिटाई या फलों का जूस रखें, ताकि आप अपनी बॉडी में ग्लूकोज़ का स्तर मेनटेन रख सकें।
  • हाइपोग्लाइसीमिया को रोकने के लिए आपको भरपूर नाश्ता करना जरूरी है। नाश्ते में मिठी चीजों का सेवन करें।
  • ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो जाने पर दौरे पड़ने या बेहोश होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसी परेशानी में आप ग्लोकोज का इंजेक्शन लगवाएं।
  • इस परेशानी से बचने के लिए खाने में देरी या खाना ना खाना जैसी आदतों से परहेज करें।

                Written By : Shahina Noor 


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