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    Deodorants vs Antiperspirants: डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट में नहीं समझते कोई अंतर? तो अब जान लीजिए

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Fri, 05 May 2023 09:27 AM (IST)

    Deodorants vs Antiperspirants पसीने की दुर्गंध धब्बों से बचने के लिए कुछ लोग इसे साथ ही कैरी करते हैं ताकि लगातार इस्तेमाल करते रहे। लेकिन बहुत सारे लोग इनके बीच के अंतर से अनजान हैं। यहां पढ़ें पूरी खबर

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    डिओडोरेंट और एंटीपर्सपिरेंट में नहीं समझते कोई अंतर? तो अब जान लीजिए

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Deodorants vs Antiperspirants: डिओडोरेंट्स और एंटीपर्सपिरेंट का पूरी दुनिया में नियमित रूप से इस्तेमाल किया जाता है। पसीने की दुर्गंध से बचने के लिए कुछ लोग इसे साथ ही कैरी करते हैं ताकि लगातार इस्तेमाल कर सकें। लेकिन डिओडोरेंट्स और एंटीपर्सपिरेंट्स को लेकर एक बड़ा भ्रम भी है। रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाली ये दोनों चीजें समान नहीं हैं बल्कि इनमें काफी अंतर है।

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    एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट दोनों अलग-अलग चीजों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। एक तरफ जहां एंटीपर्सपिरेंट पसीने की मात्रा को कम कर सकते हैं, तो वहीं डिओडोरेंट केवल पसीने से जुड़ी शरीर की गंध को खत्म करने में मदद करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि, एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट कैसे काम करते हैं, उनके फायदे क्या हैं और आपको किसका इस्तेमाल कब करना चाहिए।

    एंटीपर्सपिरेंट क्या है?

    एंटीपर्सपिरेंट को एल्युमीनियम क्लोराइड और अन्य एल्युमीनियम कंपाउंड के साथ तैयार किया जाता है, जो पसीने पसीने की ग्लैंड्स के खुलने से रोकते हैं। एंटीपर्सपिरेंट उन लोगों के लिए अच्छा है, जिन्हें अधिक पसीना आता है। हालांकि, पसीना आना भी हेल्दी बॉडी की निशानी है क्योंकि इससे शरीर अपने तापमान को नियंत्रित रहता है। व्यायाम करते हुए या फिर अधिक गर्मी महसूस करने के दौरान पसीना आना सामान्य और स्वस्थ है। लेकिन हद से अधिक पसीना आने के चलते कुछ लोगों को शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में एंटीपर्सपिरेंट आपके काम आ सकता है।

    डिओडोरेंट क्या है?

    डिओडोरेंट एक एंटीपर्सपिरेंट की तरह पसीना नहीं रोकता, लेकिन यह पसीने से जुड़ी गंध को नियंत्रित करने में मदद करता है। पसीने से गंध आने का मुख्य कारण शरीर पर मौजूद बैक्टीरिया होते हैं, जिनकी वजह से दुर्गंध की समस्या होती है। डिओडोरेंट आमतौर पर अल्कोहल-बेस्ड होते हैं और त्वचा पर अधिक एसिडिक लेयर बनाकर काम करते हैं, जो गंध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करता है। इसलिए जिन्हें ज्यादा पसीना आने की समस्या नहीं है, लेकिन वे शरीर की दुर्गंध को दूर करना चाहते हैं, उन्हें डिओडोरेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। डिओडोरेंट को सुबह साफ, सूखी त्वचा पर लगाना चाहिए। यह लगभग 24 घंटे तक रहता है।

    एंटीपर्सपिरेंट और डिओडोरेंट के बीच कैसे करें चुनाव

    अगर आप पसीने को नियंत्रित करना चाहते हैं और अंडरआर्म्स के गीलेपन से बचना चाहते हैं, तो एंटीपर्सपिरेंट का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन अगर अत्यधिक पसीना नहीं आता है और आप केवल शरीर की गंध को सीमित करना चाहते हैं, तो आपको डिओडोरेंट की आवश्यकता होगी। यह भी सच है कि अगर शरीर से कम पसीना हो जाए तो, गंध स्वाभाविक रूप से कम हो जाएगी। लेकिन याद रखें कि पसीने से बदबू आने का कारण उनमें पनपने वाले बैक्टीरिया होते हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik