Pneumonia: बैक्टीरियल या वायरल, इन लक्षणों से पहचानें कौन से निमोनिया का शिकार हैं आप
दुनिया के अलग-अलग देशों में लगातार निमोनिया (pneumonia) के मामले बढ़ते जा रहे हैं। खासकर बच्चे इन बीमारी का ज्यादा शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि इसे लेकर सावधानी बरती जाए। आमतौर पर दो तरह के निमोनिया लोगों को अपना शिकार बनाते हैं जिनमें बैक्टीरियल (bacterial pneumonia) या वायरल निमोनिया (viral pneumonia) शामिल हैं। आपइन लक्षणों से दोनों की पहचान कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। बीते कुछ समय से चीन समेत डेनमार्क, फ्रांस और नीदरलैंड जैसे देशों से लगातार निमोनिया (Pneumonia) के बढ़ते मामलों की खबर सामने आ रही है। यहां ज्यादातर बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। निमोनिया के इन बढ़ते मामलों ने दुनिया भर में लोगों की चिंता बड़ा दी है। जानकारी के मुताबिक इन देशों में आ रहे मामलों में से कई मामले बैक्टीरियल इन्फेक्शन से जुड़े हुए हैं, जो निमोनिया का सबसे आम प्रकार है। हालांकि, सर्दियों के दौरान अक्सर वायरल संक्रमण भी फैलने लगता है।
कैसे होता है निमोनिया?
व्यक्ति के एक या दोनों फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर इसे निमोनिया कहा जाता है। निमोनिया के इन दोनों में प्रकारों के लक्षण काफी हद तक एक जैसे ही होते हैं। हालांकि, ब्लड टेस्ट और एक्स-रे की मदद से इनकी पहचान की जा सकती है। आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया में अंतर-
यह भी पढ़ें- आठ हफ्तों में आपके दिल को हेल्दी बना सकती है ये डाइट, हालिया स्टडी में हुआ हैरान करने वाला खुलासा
क्या है वायरल निमोनिया?
व्यक्ति वायरल निमोनिया से तब पीड़ित होता है, जब कोई वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है। इसका सबसे आम कारण फ्लू है, लेकिन आप इसे सामान्य सर्दी और अन्य वायरस से भी इस निमोनिया से पीड़ित हो सकते हैं।
क्या है बैक्टीरियल निमोनिया?
जब आपके फेफड़े कुछ छोटे कीटाणुओं से संक्रमित हो जाते हैं, जिन्हें बैक्टीरिया कहा जाता है, तो आप बैक्टीरियल निमोनिया का शिकार हो जाते हैं। आमतौर पर यह निमोनिया स्ट्रेप्टोकोकस या न्यूमोकोकस बैक्टीरिया की वजह से होता है, लेकिन अन्य बैक्टीरिया भी आपको इसका शिकार बना सकते हैं।
निमोनिया के सामान्य लक्षण
- खांसी
- बुखार
- थकान
- सीने में दर्द
- शरीर में दर्द
- सांस फूलना
- भूख न लगना
- थूक के रंग में बदलाव
बैक्टीरियल और वायरल निमोनिया में अंतर
- निमोनिया के दोनों प्रकारों में ज्यादातर लक्षण एक जैसे ही होते हैं। हालांकि, बैक्टीरियल निमोनिया में तेज बुखार होता है। साथ ही कफ पीला या हरा हो सकता है और कभी-कभी गंभीर चेस्ट पेन हो सकता है।
- जब इलाज की बात करें तो, निमोनिया के दोनों प्रकार के लक्षणों की गंभीरता के आधार पर अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है।
- बैक्टीरियल निमोनिया के इलाज में एंटीबायोटिक्स प्रभावी हैं, लेकिन वायरल निमोनिया पर उनका कोई प्रभाव नहीं होता है। इसके लिए आमतौर पर एंटीवायरल दवाएं, पर्याप्त ब्लड ऑक्सीजन लेवल बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है।
- वायरल निमोनिया की शुरुआत नाक बंद होने, खांसी और बुखार से होती है, जो अक्सर म्यूकोइड कफ के साथ होती है।
- बैक्टीरियल निमोनिया अचानक लंबे समय तक बुखार, पीपयुक्त थूक और एक फेफड़े के लोब में स्थानीय सूजन के साथ होता है।
यह भी पढ़ें- गुणों का खजाना है गाजर का जूस, जानें इसे डाइट में शामिल करने के ढेरों फायदे
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
Picture Courtesy: Freepik