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कहीं आप को भी तो सर्दी में ज़्यादा नींद नहीं आती? जानिए ओवर स्लीपिंग के 5 कारण

Excessive Sleepiness in winter सर्दी में ज्यादा नींद ना सिर्फ फिटनेस रूटीन को बिगाड़ती है बल्कि सेहत को भी खराब करती है। ज्यादा सोने से मधुमेह और दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। अवसाद और सामाजिक दूरी भी ज्यादा नींद की वजह से ही होती है।

By Shahina NoorEdited By: Updated: Tue, 30 Nov 2021 07:00 PM (IST)
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सर्दी में विटामिन डी की कमी नींद आने का सबसे बड़ा कारण है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी में सबसे ज्यादा मज़ा सोने में आता है। रात को हम कितनी भी जल्दी सो जाएं लेकिन नींद पूरी ही नहीं होती। सर्दी में गर्म बिस्तर में हम 10-12 घंटे आराम से सोते हैं फिर भी सुबह नहीं उठ पाते। ज्यादा नींद ना सिर्फ फिटनेस रूटीन को बिगाड़ती है बल्कि सेहत को भी खराब करती है। ज्यादा सोने से मधुमेह और दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अवसाद और सामाजिक दूरी ज्यादा नींद की वजह से ही होती है। लेकिन आप जानते हैं कि सर्दी में आखिर इतनी ज्यादा नींद क्यों आती है? आइए जानते हैं कि सर्दी में ज्यादा नींद क्यों आती है।

सर्दियों में ज्यादा नींद आने का कारण

बॉडी को कम धूप मिलने के कारण:

ठंड के मौसम में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं। यही कारण है कि कम सूर्य की रोशनी सिर्केडियन रिदम को प्रभावित करती है, जिससे बॉडी अधिक मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन कर सकती है। इसके कारण आप ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं। 

विटामिन डी की कमी नींद आने का कारण:

सर्दी में सूरज की रोशनी विटामिन डी का बेहतरीन स्रोत है। सर्दी में 10 मिनट सूरज की रोशनी में रहने से बॉडी को पर्याप्त विटामिन डी मिल जाता है। विटामिन डी आपके मूड, ऊर्जा के स्तर और इम्युनिटी को प्रभावित करती है।  

मूड में गड़बड़ी: 

सर्दी के मौसम में मूड स्विंग की परेशानी ज्यादा रहती है। इस मौसम में लोग उदास, अवसाद और चिंता से घिरे रहते हैं जिसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर कहा जाता है।

ठंडा वातावरण:

सोने के लिए बॉडी का ठंडा होना जरूरी है। ठंडा वातावरण अच्छी नींद के लिए मददगार होता है। सोने के लिए उपयुक्त तापमान 18 डिग्री सेल्सियस होता है, जो सामान्य रूम टेंपरेचर के मुकाबले बहुत ठंडा है। इसका मतलब है कि सर्दियों के मौसम का ठंडा माहौल आपको अधिक सोने के लिए विवश करता है।  

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।