Toxic Ammonia: ज़हरीला अमोनिया कर रहा है पानी और हवा को प्रदूषित, जानें आपकी सेहत को कैसे पहुंचाता है नुकसान?
Toxic Ammonia अमोनिया एक हानिकारक पदार्थ है। एक ऐसा पदार्थ जो पानी की गुणवत्ता वनस्पतियों और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है। हम जो पानी पीते हैं उसे अत्यधिक अशुद्ध बना सकता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानीकारक साबित हो सतकता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Toxic Ammonia: यमुना के पानी पर तैरते ज़हरीले झाग के दृश्य लगातार सुर्खियां बटोर रहे हैं और प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ा रहे हैं। प्रदूषण को अब एक मौसमी संकट कहा जा सकता है, चिंता की बात यह है कि अमोनिया सहित ज़हरीले प्रदूषक न सिर्फ हमारे द्वारा सांस लेने वाली हवा की गुणवत्ता को बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि पानी और हमारे स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहे हैं।
अमोनिया को लंबे समय से एक हानिकारक पदार्थ के रूप में माना जाता है। एक ऐसा पदार्थ जो पानी की गुणवत्ता, वनस्पतियों और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकता है। हम जो पानी पीते हैं उसे अत्यधिक अशुद्ध बना सकता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद हानीकारक साबित हो सतकता है।
अमोनिया का स्तर हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकता है?
अमोनिया का उच्च स्तर न सिर्फ पानी की आपूर्ति को बाधित करता है, बल्कि अगर इसका सेवन किया जाए तो यह हमारे स्वास्थ्य को भी गंभीर नुकसान पहुंचाता है। किसी भी तरह अमोनिया के संपर्क में आने से, चाहे वह हवा के ज़रिए हो या फिर पानी के सेवन से, हमारे स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है, और लंबे समय में सेहत को गंभीर रूप से ख़राब कर सकता है।
अमोनिया का स्तर दोहरे ख़तरे के रूप में काम कर सकता है- यह एक गंभीर न्यूरोटॉक्सिन और फेफड़े के लिए ज़हर है, जिसका मतलब है कि एक्सपोज़र पर, यह तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क में संज्ञानात्मक कार्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। अमोनिया हवा में भी मौजूद होता है इसलिए यह सांस के ज़रिए भी आपको बीमार कर सकता है।
अमोनिया प्रदूष से बीमार पड़ने पर कैसे लक्षण दिखते हैं?
- झुनझुनी, अंगों में झुनझुनाहट आना
- आंखों या मुंह में जलन
- भूल जाने की संभावना बढ़ती है
- याद्दाश्त का कम होना, एलर्ट न रहना
- गले में सूजन और जलन
निगलने या फिर त्वचा के संपर्क के ज़रिए जब अमोनिया शरीर में प्रवेश करता है, तो यह अमोनियम हाइड्रॉक्साइड का उत्पादन करने के लिए पानी के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है। यह अंततः संपर्क में आने पर शरीर में कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
सांस से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए उच्च जोखिम
इस बारे में बड़े पैमाने पर बात की गई है कि कैसे वायु प्रदूषण कैसे लॉन्ग कोविड वाले लोगों के लिए समस्याएं बढ़ा सकता है। जिसमें ऐसे लोगों की संख्या बढ़ रही है जो सांस की समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पानी में मौजूद अमोनिया का स्तर भी फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। हवा में मौजूद अमोनिया की थोड़ी मात्रा भी नाक बहने, खांसी, कंजेक्टीवाइटिस जैसी ऊपरी श्वसन समस्याओं का कारण बन सकती है, जबकि उच्च अमोनिया के स्तर वाला पानी पी लिया जाए, तो इससे फेफड़ों, संवहनी कार्य को नुकसान पहुंचा सकता है और कई मामलों में, मृत्यु भी हो सकती है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।
अपने पानी को सुरक्षित कैसे बनाएं?
आरओ (रिवर्स ऑस्मोसिस) वाटर प्यूरीफायर का उपयोग, क्योंकि यह पानी में मौजूद अमोनिया की थोड़ी मात्रा को प्रभावी ढंग से कम कर सकता है। इसके अलावा, अगर आपके क्षेत्र में जल स्तर गंभीर रूप से प्रदूषित है, तो पानी में घुलनशील अमोनिया को कम करने और पीने के पानी को डिटॉक्सीफाई करने के लिए क्लोरीन और क्लोरैमाइन का भी उपयोग किया जा सकता है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं और वृद्ध लोगों की देखभाल करते समय विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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