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    जानलेवा होती है Hepatitis की बीमारी, एक्सपर्ट से जानें कैसे जोखिम के कारणों को कर सकते हैं कम

    By Jagran NewsEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Mon, 24 Jul 2023 03:31 PM (IST)

    World Hepatitis Day 2023 बरसात में हेपेटाइटिस के प्रसार की आशंका बढ़ जाती है ऐसे में जरूरी है कि इसके बारे में जानकारी हो। हर साल हेपेटाइटिस के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। इस बार हेपेटाइटिस दिवस की थीम है- क्या है इसका अर्थ और किस प्रकार अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर इस बीमारी से कर सकते हैं अपनी रक्षा।

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    विश्व हेपेटाइटि‍स दिवस: सजगता से रहें सुरक्षित

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। World Hepatitis Day 2023: 'हम इंतजार नहीं कर रहे' यानी हेपेटाइटिस की जांच से और प्रारंभिक स्तर पर पहचान में आने पर इसके इलाज में देर नहीं करनी चाहिए। हेपेटाइटिस के ज्या‍दातर लक्षण सामान्य समझ लिए जाते हैं। इस अनदेखी से ही बीमारी जानलेवा बन जाती है। वैसे तो वैक्सीन इससे बचाव का सबसे शानदार तरीका है, लेकिन जीवनशैली में जोखिम वाले कारणों को दूर कर इससे बचना आसान हो जाता है।

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    कैसे फैलती है यह बीमारी

    हेपेटाइटिस पांच प्रकार की होती है-ए, बी, सी, डी और ई। ए और ई पानी और वि‍षाक्त भोजन के कारण होता है, वहीं बी और सी रक्त व शारीरिक द्रव में मौजूद संक्रमण के कारण होता है, जबकि हेपेटाइटि‍स-डी, हेपेटाइटि‍स-बी के साथ होता है। इनमें हेपेटाइटिस-ए और ई इस मौसम में सबसे ज्यादा फैलता है, क्‍योंकि दूषित पानी और खानपान में सफाई व सावधानी की कमी के कारण लोग आसानी से इसके शिकार हो सकते हैं। बता दें कि हेपेटाइटि‍स-ई अक्सर गर्भवती महिलाओं को ज्यादा होता है। अगर यह ज्यादा गंभीर हो तो किडनी को भी क्षति पहुंचा सकता है।

    लिवर पर प्रहार

    हेपेटाइटिस लिवर में सूजन और इसकी कोशि‍काओं को क्षति पहुंचाकर इसके नियमित कार्यप्रणाली पर प्रहार करता है। लिवर के अनेक कार्य हैं, वह भोजन तैयार करने से लेकर गंदगी को साफ करने और शरीर के बाकी अंगों को सुचारु रखने में मदद करता है। लिवर खराब होने के प्रारंभिक लक्षणों में भूख न लगना, पीलिया रोग, बुखार, पेट में परेशानियां होने लगती हैं।

    गंभीरता को रोकने के लिए

    कुछ हेपेटाइटिस अपने आप ठीक हो जाते हैं, तो कुछ गंभीर खतरा उत्पन्न कर देते हैं। दवा से दो से पांच प्रतिशत लोग ठीक नहीं हो पाते। उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ जाती है। कभी-कभी इसके बाद भी मरीज के बचने की संभावना कम रह जाती है। इस गंभीरता को कम करने के लिए जरूरी है कि इस बीमारी के जोखिम के कारणों को जितना संभव हो कम करें। इसके लि‍ए सजग बनें।

    जोखिम के इन कारणों को कम करें

    • बाहर के दूषित खाद्य पदार्थ व पानी का प्रयोग
    • टैटू या दवा प्रयोग के लिए संक्रमित सुई का प्रयोग
    • अल्कोहल का असुरक्षि‍त सेवन आदि
    • वैक्सीन से वंचित रहना

    बचाव के लिए रखें ध्यान

    • हेपेटाइटिस-ए व बी के लिए वैक्सीन केवल बच्चे ही नहीं बड़े भी ले सकते हैं।
    • अगर परिवार में कभी किसी को हेपेटाइटिस-बी व सी हुआ है तो घर के सभी सदस्यों को जांच करा लेनी चाहिए।
    • लिवर की जांच कराने पर उसमें लिवर एंजाइम बढ़ा हुआ नजर आता है, तो हो सकता है यह हेपेटाइटिस का प्रारंभि‍क लक्षण हो। ऐसे में आगे की जांच कराएं।
    डॉ. अभिदीप चौधरी, सीनियर डायरेक्टर, लिवर ट्रांसप्लांटेशन, बीएलके मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, नई दिल्ली
    बातचीत : सीमा झा