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    Breast Cancer Risk: लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 5 चीज़ें बढ़ा सकती हैं ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Mon, 04 Oct 2021 03:07 PM (IST)

    Breast Cancer Risk ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति है जिसका सही समय पर पता चल जाए तो इसे मैनेज किया जा सकता है। जेनेटिक होने के अलावा दुर्भाग्य से ब्रेस्ट कैंसर बदलते परिवेश और तेज़ी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से भी बढ़ रहा है।

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    लाइफस्टाइल से जुड़ी ये 5 चीज़ें बढ़ा सकती हैं ब्रेस्ट कैंसर का ख़तरा

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Breast Cancer Risk: हाल के सालों में 0.5% की बढ़त के साथ, स्तन कैंसर विश्व स्तर पर कैंसर के सबसे अधिक प्रचलित रूपों में से एक बना हुआ है, और दुर्भाग्य से, महिलाओं में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। स्तन कैंसर से पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक पीड़ित होती हैं। भारत में, 28 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर होता है। यह कम उम्र में तेज़ी से प्रचलित हो रहा है।

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    हालांकि, ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति है, जिसका सही समय पर पता चल जाए, तो इसे मैनेज किया जा सकता है। जेनेटिक होने के अलावा दुर्भाग्य से ब्रेस्ट कैंसर बदलते परिवेश और तेज़ी से बदलती लाइफस्टाइल की वजह से भी बढ़ रहा है।

    देर से गर्भधारण, मोटापा, प्रदूषण, ख़राब आहार और हार्मोन्स में बदलावों की वजह से भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। कैंसर के अन्य रूपों की तरह, स्तन कैंसर किसी भी समय हमला कर सकता है, कुछ जोखिम कारक भी हैं और जीवनशैली में बदलाव भी हैं जो किसी को अधिक जोखिम में डाल सकते हैं, और इसलिए, स्वस्थ जीवन के लिए इसे जड़ से रोका जाना चाहिए।

    तो इस स्तन कैंसर जागरूकता महीने में, यहां कुछ कारक और कारण हैं, जो आपको जोखिम में डालते हैं, और जिन्हें आपको हर कीमत पर रोकने और बचने के लिए काम करना चाहिए।

    बढ़ता वज़न

    मोटापा विश्व स्तर पर लोगों को प्रभावित करने वाली सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। जबकि वज़न बढ़ने से कमर, कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम तो बढ़ता ही है, साथ ही यह भी देखा गया है कि मोटापा उन कारकों में से एक है, जो किसी व्यक्ति के स्तन कैंसर के विकास के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। स्तन कैंसर एक ऐसी स्थिति भी है, जो मेनोपॉज़ के बाद ज़्यादा वज़न होने पर बिगड़ जाती है।

    इसलिए आपकी उम्र चाहे जो हो, वज़न को संतुलित रखना और वज़न को बढ़ने से रोकना बेहद ज़रूरी है। डाइटीशियन से बात कर डाइट चार्ट को फॉलो करें, वर्कआउट करें और साथ ही पूरा दिन एक्टिव रहें ताकि अतिरिक्त फैट बर्न हो सके। याद रखें, आप जितना ज़्यादा वज़न घटाएंगे, उतना ही ब्रेस्ट कैंसर होने का ख़तरा कम होगा, खासतौर पर 45 की उम्र के बाद।

    डाइट में बदलाव

    कैंसर के जोखिम के पीछे डाइट की भी अहम भूमिका है। हाई-फैट डाइट मोटापा के ख़तरे को बढ़ाती है, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ता है। इसलिए डाइट सही लें; जंक, प्रोसेस्ड फूड्स, शराब, मांस, अतिरिक्त चीनी और रिफाइन्ड कार्ब्ज़ से दूर रहें।

    शराब का सेवन

    शराब और तंबाकू के सेवन से बचें या फिर बेहद कम लें। शोध में साबित हुआ है कि शराब का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। इसे अलावा शराब दिल की सेहत, हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी परेशानियां भी होती हैं।

    प्रजनन का इतिहास

    बच्चा पैदा करना, या किसी भी उम्र में गर्भवती होना एक व्यक्तिगत फैसला है, जो महिलाओं का है, विशेषज्ञों का कहना है कि देर से गर्भधारण करना, साथ ही ऐसी महिलाएं जो बच्चे नहीं करतीं, उनमें स्तन कैंसर होने का ख़तरा अधिक होता है।

    देर से या फिर गर्भधारण नहीं होने पर, स्तन ऊतक समय के साथ एस्ट्रोजन की अधिक मात्रा के संपर्क में आ जाते हैं, जो निश्चित रूप से किसी के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके विपरीत, उन महिलाओं में स्तन कैंसर का ख़तरा कम हो सकता है, जो 30 साल की उम्र से पहले या उसके आसपास गर्भवती हो जाती हैं और जो कई बच्चों को जन्म देती हैं।

    जल्दी पीरियड्स का शुरू होना और मेनोपॉज़ का देर से आना

    प्रजनन इतिहास के समान, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जिन महिलाओं को पीरियड्स जल्दी हो जाते हैं (12 साल की उम्र से पहले मासिक धर्म शुरू हो जाता है), या मेनोपॉज़ काफी देर में आता है, उनमें भी एस्ट्रोजन का जोखिम अधिक होता है, जो स्तन के ऊतकों को प्रभावित कर सकता है। ऐसी महिलाओं को समय-समय पर ब्रेस्ट स्क्रनिंग करा लेनी चाहिए।

    Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।