Kidney Transplant: क्या होता है किडनी ट्रांसप्लांट, इसमें लगता है कितना वक्त, जानेंगे इन सभी सवालों के जवाब
Kidney Transplant किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। क्या एक किडनी के साथ बेहतर लाइफ जी सकते हैं? किडनी ट्रांसप्लांट के बाद कितना खर्चा आता है? किडनी डोनेट करने के बाद किस तरह की दिक्कतें आती हैं? तो जानेंगे इनके जवाब।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Kidney Transplant: सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ हॉस्पिटल में सोमवार को RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव का किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा। लालू यादव को उनकी बेटी रोहिणी ने किडनी डोनेट की। ऑपरेशन के बाद डोनर रोहिणी आचार्य और लालू यादव दोनों पूरी तरह से स्वस्थ हैं। दोनों को अभी डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया है।
शरीर का जरूरी अंग होने के कारण दो में से एक किडनी दान करने के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि क्या इसके बाद नॉर्मल जिंदगी जी पाना पॉसिबल है? एक किडनी के सहारे व्यक्ति कितने दिन जिंदा रह सकता है? ट्रांसप्लांट के बाद किस तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी है। तो इस लेख में हम इन तमाम सवालों के जवाब जानेंगे।
क्या होता है किडनी ट्रांसप्लांट?
हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती हैं। वैसे तो एक किडनी के सहारे भी इंसान जिंदा रह सकता है लेकिन जब दोनों किडनियां काम करना बंद कर दें, तो इंसान को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। इसमें पुरानी किडनी को निकालकर दूसरी किडनी लगाई जाती है।
कब पड़ती है किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत?
किडनी की खराबी के लास्ट स्टेज में जब किडनी फेल की बीमारी की वजह से ब्लड में अनेक प्रकार के विषाक्त पदार्थ और अपशिष्ट उत्पादों का निर्माण होने लगता है जिसकी वजह से मरीज जान को खतरा होता है। तब मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी जाती है। किडनी विशेषज्ञों के अनुसार लास्ट स्टेज में मरीजों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट डायलिसिस से बेहतर उपाय है।
क्या होती है ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया?
अगर किडनी देने वाला व्यक्ति जिंदा है तो ट्रांसप्लांट की तैयारी डोनर के मुताबिक पहले से ही की जाती है। अगर किसी मृत व्यक्ति से किडनी लेनी है तो ट्रांसप्लांट केंद्र मरीज को किडनी मिलने के बाद पूरी जानकारी देता है। इसके बाद सर्जरी होती है। जिसमें आमतौर पर खराब किडनी को हटाया नहीं जाता है बल्कि नई किडनी को उसी के नीचे पेट के निचले हिस्से में लगाया जाता है। इसके बाद नई किडनी को मरीज की ब्लड वेसल और ब्लैडर से जोड़ा जाता है।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद रिकवरी में कितना समय लगता है?
आमतौर पर किडनी ट्रांसप्लांट के बाद बॉडी को रिकवर होने में लगभग छह हफ्ते का समय लगता है। लेकिन ये प्रोसेस ज्यादा भी हो सकता है।
किडनी डोनेट के बाद किन चीजों का रखना पड़ता है ख्याल?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि किडनी डोनेट करने के बाद डोनर को कई चीज़ों का ख्याल रखना पड़ता है, जैसे- किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर को बताएं। किडनी डोनेट करने के बाद ब्लड प्रेशर, यूरिन टेस्ट, ब्लड यूरिया टेस्ट और साल में एक बार फुल बॉडी चेकअप जरूरी करवाना चाहिए।
कितना आता है खर्च?
किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर कितना खर्च आएगा यह कुछ फिक्स नहीं है। सरकारी अस्पतालों में ट्रांसप्लांट पूरी तरह से फ्री में किया जाता है लेकिन दवाइयों पर कम से कम 2-3 लाख का खर्च आता है। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल्स में डॉक्टर की फीस, सर्जरी और दवाईयों का खर्च 30 लाख और उससे ज्यादा भी हो सकता है।
क्या कोई भी व्यक्ति किडनी दे सकता है?
पूरी तरह से स्वस्थ्य व्यक्ति किडनी डोनेट कर सकता है। ट्रांसप्लांट से पहले डॉक्टर्स किडनी डोनेट करने वाले व्यक्ति की हर जरूरी जांच करते हैं। हर तरह से हेल्दी होने के बाद ही किडनी डोनेट करने की सलाह दी जाती है।
Pic credit- freepik