High Blood Pressure: उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान
High Blood Pressure लंबे समय तक उच्च रक्तचाप से पीड़ित रहने पर कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे हृदय संबंधी बीमारी हो सकती है। साथ ही आंख किडनी और शरीर के कई अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना अनिवार्य है।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। High Blood Pressure: उच्च रक्तचाप को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। यह बीमारी अत्यधिक तनाव, मोटापा, अल्कोहल का अधिक सेवन, धूम्रपान, कम सोना, खराब दिनचर्या, गलत खानपान और एक्सरसाइज न करने की वजह से होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को सिरदर्द, छाती में दर्द, बेचैनी, सांस लेने मे तकलीफ, थकान, भ्रम, नाक और मूत्र से खून बहने की समस्या होती है। लंबे समय तक उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने पर कई अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे हृदय संबंधी बीमारी हो सकती है। साथ ही आंख, किडनी और शरीर के कई अन्य अंग प्रभावित हो सकते हैं। इसके लिए उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना अनिवार्य है। उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें। साथ ही रोजाना संतुलित आहार लें और एक्सरसाइज जरूर करें। वहीं, उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
-खाने में नमक के अधिक सेवन से रक्तचाप बढ़ता है। इसके लिए जरूरी है कि सीमित मात्रा में नमक का सेवन करें। खासकर, एक्स्ट्रा नमक मिलाकर खाना न खाएं।
-उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए Mediterranean diet बेस्ट होता है। इसमें फल, सब्जियां, सूखे मेवे और बीज खाने की अनुमति होती है। वहीं, ऑलिव ऑयल से खाना पकाना ज्यादा फायदेमंद होता है।
-रोजाना एक्सरसाइज और योग जरूर करें। एक्सरसाइज सभी व्यक्ति के लिए अनिवार्य है। रोजाना एक्सरसाइज करने से रक्त प्रवाह में सुधार होता है। साथ ही शरीर में रक्त संचार सही से होता है। इससे उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, रोजाना सर्वांगासन, सुखासन, पश्चिमोत्तानासन, विपरीत करनी आदि योग भी जरूर करें।
-उच्च रक्तचाप के मरीजों को अपने वजन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। मोटापे से पीड़ित लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या का खतरा अधिक रहता है। इसके लिए अपने वजन पर विशेष ध्यान दें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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