कटिवस्ती: कमर दर्द का बेजोड़ इलाज
कमर दर्द से परेशान हैं और कई सारी दवाईयों का इस्तेमाल भी कर चुके हैं तो एक बार कटिवस्ति का उपयोग करके देखें। जो एक आयुर्वेदिक औषधी है।
कमर दर्द आम समस्या है। कई कारणों से होता है कमर दर्द। मालिश न करने से भी होता है दर्द। सही तरीके से न बैठने और लगातार बैठकर काम करते रहने से भी कमर दर्द की शिकायत हो सकती है।
कमर दर्द का आयुर्वेदिक उपाय है कटिवस्ति
गर्म तेल को निश्चित अवधि के लिए धारण करना है। जोड़ों को शक्ति मिलती है। कटिवस्ति का प्रयोग निचली कमर के लिए करते हैं।
सामग्री
3 कटोरी
1 चम्मच
उड़द की दाल का आटा
औषधीय तेल
निर्गुंडी तेल
महामाष तेल
दशमूल तेल
तिल का तेल
कटिवस्ति के तीन Process हैं
Preoperative
Operative
Postoperative
Preoperative Process
मल-मूत्र का विसर्जन करें
Lumber sector area पर 10-15 मिनट मालिश करें
Operative Process
रोगी को बेंच पर पेट के बल लिटाएं।
उड़द की दाल की पिट्ठी बनाएं।
पिट्ठी की 2 इंच ऊंची, 2 इंची चौड़ी दिवार बनाएं। ध्यान रहे तेल लीक न हो।
तेल को इनडायरेक्ट गर्म करें।
गर्म पानी में तेल को गर्म करें
तेल को सहनीय योग्य रखें
तेल का तापमान 40-45 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए।
Postoperative Process
तेल को रूई की सहायता से बाहर निकालें
तेल छानकर इकट्ठा करके रख लें
तेल को 3-4 बार इस्तेमाल कर सकते हैं
रोगी धूप में ना जाएं
ध्यान रखें
तेल बहुत ज़्यादा गर्म न हो
टैपिंग सही से हो
तेल लीक न हो
रोगी ज़्यादा हिले-डुले नहीं
कटिवस्ति के लाभ
रक्तचाप बढ़ता है
सूजन कम होती है
नसों पर दबाव कम होता है