63 दिनों में Kapil Sharma ने घटाया 11 किलो वजन! फिटनेस कोच बोले, "फॉलो किया वेट लॉस का 21-21-21 रूल"
कॉमेडी के बादशाह Kapil Sharma अब अपने ट्रांसफॉर्मेशन को लेकर चर्चा में हैं। नेटफ्लिक्स पर चल रहे ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ में कपिल का नया लुक देख फैन्स हैरान हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बदलाव के पीछे कोई जादू नहीं बल्कि एक बेहद सिंपल और असरदार फिटनेस फॉर्मूला छिपा है यानी 21-21-21 Weight Loss Rule...
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। इस फॉर्मूले को उनके फिटनेस कोच योगेश भाटेजा ने डिजाइन किया है, जिन्होंने पहले फराह खान और सोनू सूद जैसे सितारों को भी ट्रेन किया है। आइए जानें कैसे काम करता है वेट लॉस का 21-21-21 रूल और कैसे आप भी इसे अपनाकर बिना स्ट्रिक्ट डाइट चार्ट या घंटों की जिम ट्रेनिंग के फिट हो सकते हैं।
कपिल शर्मा की फिटनेस जर्नी
कोच योगेश बताते हैं कि जब लोग फिटनेस को लेकर अवेयर नहीं होते, तो वे ना तो अपनी आदतों पर ध्यान देते हैं और ना ही बदलाव की कोशिश करते हैं। आम भारतीय नाश्ता – जैसे पराठा, समोसा या ब्रेड-बटर – हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है। बाहर निकलते ही हम जो भी दिखे वो खा लेते हैं। इसी आदत में बदलाव लाना पहला कदम है।
योगेश कहते हैं कि असली बदलाव तब आता है जब इंसान अपने खान-पान, पानी पीने की मात्रा, सांस लेने के तरीके और फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान देने लगता है।
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क्या है वेट लॉस का 21-21-21 रूल?
21-21-21 रूल यानी तीन स्टेप्स में लाइफस्टाइल को बेहतर बनाना – हर स्टेप 21 दिनों का होता है। यह नियम किसी स्ट्रिक्ट डाइट या थका देने वाली एक्सरसाइज पर बेस्ड नहीं है, बल्कि धीरे-धीरे बदलाव को स्वीकारने और उस पर टिके रहने की आदत सिखाता है।
पहले 21 दिन: शरीर को हिलाना-डुलाना शुरू करें
इस स्टेप में कोई भारी वर्कआउट करने की जरूरत नहीं है। बस रोज 20-25 मिनट हल्की फिजिकल एक्टिविटी करें। जैसे स्कूल में पीटी होती थी, वैसी सिंपल एक्सरसाइज – स्ट्रेचिंग, हल्की दौड़ या योग। इस चरण में आपको अपने खान-पान में कोई बदलाव नहीं करना है। यहां तक कि आप मिठाइयां भी खा सकते हैं।
अगले 21 दिन: खान-पान में छोटे-छोटे बदलाव करें
अब समय है धीरे-धीरे डाइट पर ध्यान देने का। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप कार्बोहाइड्रेट या कैलोरीज पूरी तरह छोड़ दें। बस इतना करें कि बाहर का तला-भुना कम करें, घर का पौष्टिक खाना खाएं और दिनभर में क्या खा रहे हैं उस पर नजर रखें। बदलाव छोटे हों, लेकिन स्थायी हों।
आखिरी 21 दिन: नशे की आदतों और मीठे पर कंट्रोल
तीसरे चरण में ध्यान देना है उन आदतों पर जो शरीर के लिए नुकसानदेह हैं- जैसे धूम्रपान, शराब, जरूरत से ज्यादा कैफीन या मीठा। इस फेज में टारगेट होता है मेंटल और इमोशनली मजबूत बनना ताकि आप इन आदतों को छोड़ सकें या कम कर सकें।
क्यों है यह नियम इतना असरदार?
योगेश कहते हैं कि 63 दिनों में आप अपने शरीर के साथ-साथ सोचने के तरीके में भी सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे। हर 21 दिन में एक नई आदत जोड़ने से दिमाग को झटका नहीं लगता और शरीर भी धीरे-धीरे साथ देना शुरू कर देता है।
कोई आपको धक्का देने की जरूरत नहीं होती – आप खुद मोटिवेट हो जाते हैं। खास बात ये है कि इस नियम को कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र में, बिना किसी स्पेशल इक्विपमेंट या महंगे जिम के भी फॉलो कर सकता है।
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