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    क्या सचमुच चीनी से बेहतर होता है गुड़? न्यूट्रिशनिस्ट की बात सुनकर हैरान रह जाएंगे आप

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 05:51 PM (IST)

    हम भारतीयों की रसोई में मीठे की बात हो तो चीनी और गुड़ दोनों की अपनी जगह है। सदियों से यह माना जाता रहा है कि गुड़ चीनी की तुलना में हेल्दी ऑप्शन है लेकिन क्या यह वाकई सच है? क्या गुड़ में वो जादुई गुण हैं जो उसे चीनी से बेहतर बनाते हैं? आपकी यह धारणा आज बदलने वाली है क्योंकि न्यूट्रिशनिस्ट की राय सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।

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    क्या आप भी चीनी की जगह गुड़ को मानते हैं ज्यादा बेहतर? (Image Source: Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। पीढ़ियों से हम सुनते आ रहे हैं कि गुड़ 'ज्यादा सेहतमंद' है, 'नेचुरल' है और 'चीनी से बेहतर' है। क्या आपने भी कभी यही सोचा है कि गुड़ खाकर आप सेहत के साथ इंसाफ कर रहे हैं? अगर हां, तो तैयार हो जाइए, क्योंकि आज आपकी यह पुरानी धारणा टूटने वाली है (Jaggery vs Sugar)। दरअसल, इंस्टाग्राम रील के जरिए न्यूट्रिशनिस्ट रिता जैन ने इस राज से पर्दा उठाया है। आइए जानते हैं।

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    गुड़ vs चीनी: समझें पूरा साइंस

    आमतौर पर, हम सोचते हैं कि गुड़ नेचुरल है, कम प्रोसेस्ड है और इसमें मिनरल्स होते हैं, जबकि चीनी एक रिफाइंड प्रोडक्ट है जो "प्लेन कैलोरी" देती है। बता दें, यह बात कुछ हद तक सही भी है। गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम जैसे कुछ माइक्रो न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो चीनी में नहीं होते, लेकिन यहीं पर कहानी में ट्विस्ट आता है और वह है ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI)।

    क्या है ग्लाइसेमिक इंडेक्स?

    ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक पैमाना है जो बताता है कि कोई फूड कितनी जल्दी आपके ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ाता है। 0 से 100 तक के इस पैमाने पर, जितना ज्यादा नंबर होगा, ब्लड शुगर उतनी ही तेजी से बढ़ेगा।

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    अब चौंकाने वाली बात

    अक्सर यह माना जाता है कि गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स चीनी से कम होता है, लेकिन कई न्यूट्रिशनिस्ट रिता जैन बताती हैं कि यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। सफेद चीनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लगभग 70-75 होता है, जबकि गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 80 से 85 तक हो सकता है। इसका मतलब है कि गुड़ आपके ब्लड शुगर को सफेद चीनी से भी तेजी से बढ़ा सकता है।

    क्या बेकार है गुड़?

    नहीं, ऐसा नहीं है। गुड़ में यकीकन कुछ मिनरल्स होते हैं जो सफेद चीनी में नहीं पाए जाते। ये मिनरल्स हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। आयुर्वेद में भी गुड़ को कई गुणों से भरपूर बताया गया है, जैसे यह पाचन में मदद करता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है।

    हालांकि, समस्या तब आती है जब हम यह मान लेते हैं कि गुड़ 'हेल्दी' है और इसलिए इसे कितनी भी मात्रा में खा सकते हैं। सच तो यह है कि गुड़ में भी लगभग उतनी ही कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हैं जितनी चीनी में। अगर आप एक चम्मच चीनी की जगह दो चम्मच गुड़ खा रहे हैं, तो आप अनजाने में ज्यादा कैलोरी और शुगर का इनटेक कर रहे हैं।

    न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह

    न्यूट्रिशनिस्ट का साफ कहना है कि चाहे चीनी हो या गुड़, दोनों ही शुगर के सोर्स हैं और दोनों को ही सीमित मात्रा में खाना चाहिए। खासकर डायबिटीज के रोगियों को तो गुड़ के सेवन को लेकर भी उतनी ही सावधानी बरतनी चाहिए जितनी चीनी के लिए।

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