सिर्फ लड़कियों के लिए जरूरी है HPV वैक्सीन? पढ़ें Cervical Cancer से जुड़े ऐसे ही कुछ मिथकों का सच
हर साल जनवरी में Cervical Cancer Awareness Month मनाया जाता है। यह कैंसर का एक गंभीर प्रकार है जिससे दुनियाभर में महिलाएं प्रभावित हैं। हालांकि इसे रोका जा सकता है अगर समय रहते HPV वैक्सीन (HPV Vaccine Facts) लगवा ली जाए। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे इस वैक्सीन से जुड़ी कुछ आम मिथक और उनका सच।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है, जो दुनियाभर में कई महिलाओं की मौत का कारण बनता है। यह एक ऐसा कैंसर है, जिसे वैक्सीन की मदद से रोका जा सकता है। हालांकि, कई लोगों में इस वैक्सीन (HPV Vaccine Facts) को लेकर जागरूकता भी कमी है, जिसकी वजह से यह कैंसर तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है।
ऐसे में लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के मकसद से हर साल जनवरी महीने को Cervical Cancer Awareness Month के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर आज हम आपको सर्वाइकल कैंसर से बचाव (Cervical Cancer Prevention Tips) करने वाली HPV वैक्सीन (HPV vaccine importance) से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बताएंगे। इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, फरीदाबाद में ऑब्सट्रेटिक्स एवं गाइनेकोलॉजी की एसोसिएट डायरेक्टर डॉ श्वेता मेंदीरत्ता-
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मिथक 1- एचपीवी वैक्सीन अर्ली सेक्शुअल एक्टिविटी को बढ़ाता है।
फैक्टः कुछ माता-पिता चिंतित हैं कि उनके बच्चों को एचपीवी वैक्सीन देने से उनमें शुरुआती सेक्शुअल बिहेवियर ट्रिगर हो जाएंगे। हालांकि, यह एक मिथ है, क्योंकि अध्ययनों की मानें तो एचपीवी वैक्सीन लगवाने और सेक्शुअल बिहेवियर में बदलाव के बीच कोई संबंध नहीं हैं। एचपीवी वैक्सीन का उद्देश्य एचपीवी यानी ह्यूमन पेपिलोमावायरस से जुड़ी बीमारियों को रोकना है।
मिथक 2- सिर्फ लड़कियों को ही एचपीवी वैक्सीन की जरूरत होती है।
फैक्टः यह सच है कि शुरुआत में एचपीवी वैक्सीन का टारगेट लड़कियां थीं, लेकिन इस वैक्सीनेश की जरूरत लड़कों के लिए भी उतनी ही जरूरी है। पुरुषों में, एचपीवी नेक, एनल और पेनाइल कैंसर का कारण बन सकता है। ऐसे में लड़कों को वैक्सीन लगाने से वायरस के ट्रांसमिशन को कम किया जा सकता है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षा मिलेगी।
मिथक 3- एचपीवी टीका असुरक्षित है।
फैक्टः कई साल की स्टडी और लगातार निगरानी के बाद एचपीवी वैक्सीन को अन्य सभी वैक्सीन की ही तरह सुरक्षित साबित किया गया है। इसे इस्तेमाल करने की परमिशन से पहले यह कई जरूरी लैब टेस्ट से गुजरा है। ज्यादातर मामलों में इसका रिएक्शन हल्की होती हैं, जैसे इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द या हल्का बुखार।
मिथक 4- अगर आप सेक्शुअली एक्टिव नहीं हैं, तो वैक्सीन की जरूरत नहीं है।
फैक्टः एचपीवी के संपर्क में आने से पहले, आमतौर पर लगभग 11 साल की उम्र में दिए जाने पर वैक्सीन सबसे अच्छी तरह काम करती है। भले ही कोई अभी सेक्शुअली एक्टिव नहीं है, लेकिन यह भविष्य के लिए जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए।
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