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    Types of Body Fat: कहीं आपकी बॉडी में हानिकारक फैट तो मौजूद नहीं? जानिए बॉडी फेट के प्रकार

    Types of Body Fatअलग-अलग इनसान में बॉडी फैट बढ़ने के अलग-अलग कारण होते हैं। आमतौर पर बॉडी फैट उम्र जेंडर हार्मोन लेवल और जीन्स के आधार पर बढ़ता है जो शरीर के अलग अलग हिस्सों में जमा हो जाता है।

    By Shahina NoorEdited By: Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:00 AM (IST)
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    ज्यादातर लोगों की बॉडी में फैट पेट के आस-पास जमा होता है।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। खान-पान का गलत चुनाव बॉडी फैट का सबसे बड़ा कारण हैं। बॉडी में फैट बढ़ने के कई कारण होते हैं, जैसे अधिक वसायुक्त खाना, बॉडी का सक्रिय नहीं होना, पूरी नींद न लेना, प्रेग्नेंसी और दवाइयों का अधिक इस्तेमाल। बॉडी में फैट बढ़ने से बॉडी में कई तरह की बीमारियां देखने को मिलती हैं। अलग-अलग इनसान में बॉडी फैट बढ़ने के अलग-अलग कारण होते हैं। आमतौर पर बॉडी फैट उम्र, जेंडर, हार्मोन लेवल और जीन्स के आधार पर बढ़ता है, जो शरीर के अलग अलग हिस्सों में जमा हो जाता हैं। ज्यादातर लोगों की बॉडी में फैट पेट के आस-पास जमा होता है। फैट एक जैसा नहीं होता इसके कई प्रकार होते हैं, जो बॉडी को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं कि बॉडी में फैट के कौन-कौन से प्रकार होते हैं।

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    सबकुटेनियस फैट:

    हमारी बॉडी का 90 फीसदी फैट सबकुटेनियस फैट ही होता है जो मसल्स के आस-पास जमा होता है। यह फैट ब्राउन, बीज और व्हाइट फैट सेल्स से मिल कर बनता है। इस प्रकार का फैट बाजू, पेट, जांघ और हिप्स में पाया जाता है जिसे आसानी से कम किया जा सकता है। कुछ हद तक इस फैट को बॉडी के लिए हेल्दी भी माना जाता है, लेकिन इसके अधिक इकट्ठा होने पर हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव आ सकता है।

    विसरल फैट:

    फैट के चारों प्रकारों में विसरल फैट सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। यह फैट एब्डोमिनल एरिया की बहुत गहराई में इक्ट्ठा होता है और किडनी, आंत, हृदय जैसे ऑर्गन के आस पास जमा हो जाता है। इस फैट को बेली फैट कहा जाता है जिसे कम करना आसान काम नहीं है। यह फैट डायबिटीज का कारण बन सकता है। इस फैट की वजह से किडनी डेमेज, स्ट्रोक, हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। यह फैट टिश्यू के बहुत अंदर जमा होता है, इसलिए हम इसे छू नहीं सकते।

    ब्राउन फैट:

    यह फैट अक्सर बच्चों में देखने को मिलता है। यह स्पेशल प्रकार का फैट होता है जो शरीर को कैलोरी को बर्न करने में फायदा पहुंचता है। रिसर्च के मुताबिक ठंडे तापमान के अंदर यह फैट एक्टिवेट हो जाता है शरीर की कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है।

    एसेंशियल फैट:

    यह फैट हमारी बॉडी और जिंदगी दोनों के लिए जरूरी है। यह फैट ब्रेन, बोन मैरो, नर्व और मेंब्रान में पाया जाता है जो हमारे ऑर्गन की रक्षा करते है। यह फैट हार्मोन्स को नियमित रखने के लिए जरूरी होता है, यह फर्टिलिटी के लिए भी आवश्यक होता है। एक स्टडी के मुताबिक एक महिला तब ही हेल्दी मानी जाती है जब उसके अंदर 10 से 13% एसेंशियल फैट मौजूद होता है। अधिक मात्रा में फैट आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है।