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    Bone Health: जानें आखिर क्यों होता है हड्डियों में दर्द और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Tue, 13 Apr 2021 02:29 PM (IST)

    Importance Of Bone Health हड्डियों की समस्या आम होती जा रही है इसीलिए इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमने जागरण डायलॉग्ज़ पर दो एक्सपर्ट्स से बातचीत। जिन्होंने हमें हड्डियों से जुड़ी समस्या उसके कारण और इलाज के बारे में विस्तार से बताया।

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    जानें आखिर क्यों होता है हड्डियों में दर्द और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Importance Of Bone Health: दुनियाभर के साथ-साथ भारत में भी लोग कमर में दर्द से लेकर कमज़ोर हड्डियों तक की समस्या से जूझते हैं। हड्डियों से संबंधित इस हल्के दर्द का समय पर इलाज न किया जाए, तो ये कुछ ही समय में गंभीर रूप ले लेता है। आमतौर पर ये समस्या उम्रदराज़ लोगों में देखी जाती है, लेकिन आजकल की ख़राब लाइफस्टाइल, खाने की आदतें और फिर वर्क फ्रॉम होम की वजह से नौजवान भी कमर दर्द और यहां तक कि आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं। 

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    हड्डियों की समस्या आम होती जा रही है, इसीलिए इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए हमने 'जागरण डायलॉग्ज़' पर दो एक्सपर्ट्स से बातचीत। जिन्होंने हमें हड्डियों से जुड़ी समस्या, उसके कारण और इलाज के बारे में विस्तार से बताया।

    जागरण न्यू मीडिया की रूही परवेज़ और उर्वशी कपूर ने डॉ. संदीप कपूर, जो लखनऊ के हेल्थसिटी सुपर स्पेशीऐलिटी अस्पताल के डायरेक्टर और ट्रॉमा एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन हैं और डॉ. सारांश गुप्ता, नई दिल्ली के इंडियन स्पाइनल इंजरीज़ सेंटर में स्पाइन सर्जन हैं।

    सवाल: कमर दर्द की समस्या बेहद आम है। लोग अक्सर हल्के या गंभीर पीठ या कमर दर्द की शिकायत करते रहते हैं। इस समस्या का क्या इलाज है?

    डॉ. सारांश गुप्ता ने कहा कि बैक पेन की समस्या सबसे आम है, जो खराब पॉश्चर की वजह से भी हो सकती है। कमर दर्द दो तरह के होते हैं, एक एक्यूट पेन यानी जो कुछ समय के लिए होता है और फिर ठीक हो जाता है। दूसरा है क्रॉनिक बैक पेन, जो लंबे समय तक परेशान करता रहता है। एक्यूट बैक पेन, आमतौर पर मोच आने या स्प्रेन आने की वजह से होता है। वहीं, क्रॉनिक बैक पेन की वजह कोई दूसरी हेल्थ कंडिशन की वजह से होता है, जैसे इंफेक्शन, ट्यूमर, कैंसर या फिर स्लिप डिस्क। एक्यूट बैक पेन होने पर अगर मरीज़ 48 से 72 घंटों के लिए आराम करें, सिकाई या फिर एंटी-इंफ्लामेट्री दवा ले तो वो बेहतर होना शुरू हो जाता है। लेकिन कुछ ऐसी कंडिशन्स भी हैं जिन्हें हम 'रेड फ्लैग' कहते हैं, जिसके होने पर मरीज़ को फौरन डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जैसे- बैक पेन के साथ बुखार आ जाता है, पैर सुन हो जाते हैं, पेशाब को कंट्रोल करने में दिक्कत आ रही है या फिर वज़न भी घट रहा है। हालांकि, आमतौर पर कमर का दर्द कुछ समय के लिए ही होता है, जिसका इलाज रोज़ाना एक्सर्साइज़, पोश्चर का ध्यान रखें, लगातार बैठे नहीं, तो इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। 

    सवाल: विटामिन-डी क्यों ज़रूरी होता है और इसकी कमी की वजह से क्या-क्या दिक्कतें आ सकती हैं?

    डॉ. संदीप कपूर ने कहा, हम लोग इस वक्त विटामिन-डी की कमी के एपिडेमिक से गुज़र रहे हैं। हमारे पास अधिकांश मरीज़, थकान, शरीर में दर्द, हड्डियों में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं। आजकल फिज़िशियन भी लोगों को विटामिन-डी टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।

    विटामिन-डी शरीर के लिए बेहद ज़रूरी पोषण में से एक है। विटामिन-डी शरीर में कैलिशियम को सोखने का काम करता है। शरीर में आमतौर पर कैल्शियम की कमी नहीं होती है, अधिकांश मरीज़ों में विटामिन-डी की कमी होती है। तो अगर किसी व्यक्ति के शरीर में विटामिन-डी की कमी होगी, तो उसे खाने के ज़रिए कैल्शिम नहीं मिल पाएगा। आमतौर पर हमारी से डाइट से हमें कैल्शियम की अच्छी ख़ुराक मिल जाती है, लेकिन परेशानी विटामिन-डी की कमी से आती है। विटामिन-डी बहुत आसानी से उपलब्ध होता है, अगर आप सुबह और दिन में 10-15 मिनट के लिए धूप ले लें, तो आपको यूवी-रेज़ की मदद से विटामिन-डी मिल जाएगा। सी-फूड, फिश लिवर ऑयल, मशरूम में विटामिन-डी की मात्रा अच्छी होती है। एक आम व्यक्ति को रोज़ाना 600 से 800 इंटनेशनल यूनिट मात्रा की ज़रूरत होती है, जो डाइट से मिल जाती है।

    पूरी जानकारी के लिए वीडियो देखें: