नेचुरल तरीके से दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो डाइट में शामिल करें राइस ब्रान
शोध में खुलासा हुआ है कि Gamma-oryzanol से बुरे लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में ट्राइग्लिसराइड्स नामक रक्त वसा घटता है। चावल के भूसी के तेल में पाया जाने वाला Gamma-oryzanol रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में फायदेमंद होते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी के दिनों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होने के चलते वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके लिए सर्दी के दिनों में सेहत का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। खासकर कोरोना काल में ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए नियमित और संतुलित आहार समेत वर्कआउट जरूरी है। विशेषज्ञों की मानें तो सर्दी के दिनों में वायु प्रदूषण से फेफड़े और दिल को अधिक नुकसान पहुंचता है। जबकि दिल और सांस संबंधी तकलीफों से जूझ रहे लोगों को कोरोना वायरस का खतरा अधिक रहता है। इसके लिए सेहत पर पहले की अपेक्षा अधिक ध्यान देने की जरूरत है। अगर लापरवाही बरतते हैं, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। अगर आप भी सेहत को लेकर जागरूक हैं और कोरोना काल में नेचुरल तरीके से दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अपनी डाइट में राइस ब्रान जरूर शामिल करें। आइए जानते हैं कि कैसे राइस ब्रान दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है-
विशेषज्ञों की मानें तो Gamma-oryzanol एंटीऑक्सिडेंट्स हैं जो कुछ खाद्य पदार्थों में पाए जाते हैं। खासकर चावल की भूसी में Gamma-oryzanol अधिक पाए जाते हैं। इसके लिए चावल की भूसी के तेल भी बनाए जाते हैं। कई शोध में खुलासा हुआ है कि Gamma-oryzanol से बुरे लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल और उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों में ट्राइग्लिसराइड्स नामक रक्त वसा घटता है। चावल के भूसी के तेल में पाया जाने वाला Gamma-oryzanol रक्त कोलेस्ट्रॉल स्तर को कम करने में फायदेमंद होते हैं। साथ ही इसके कई अन्य फायदे भी हैं। उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर को नियंत्रित करने में यह प्रभावी है।
अमेरिका और जापान में हाइपरलाइपोप्रोटीनेमिया की बीमारी में Gamma-oryzanol का उपयोग प्राकृतिक दवा के रूप में किया जाता है। इससे ह्रदय आघात का जोखिम भी कम हो सकता है। इसके लिए दिल की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को चावल की भूसी के तेल का सेवन करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें