तनाव से निजात पाने के लिए रोजाना करें भस्त्रिका प्राणायाम, जानें इसके फायदे
योग विशेषज्ञों की मानें तो प्राणायाम वजन कम करने में सक्षम है। नियमित प्राणायाम करने से क्रेविंग यानी बार-बार खाने की आदत से छुटकारा मिलता है। जब शरीर थक जाता है तो ऐसी स्थिति में लोग अनुचित खाना खाने लगते हैं।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। भारत में दैविक काल से योग किया जाता रहा है। आधुनिक समय में भी सेहतमंद रहने के लिए योग किया जाता है। योग तन और मन को शुद्ध करता है। साथ ही बीमारियों को दूर रखता है। योग के कई साधन हैं। इनमें एक प्राणायाम है। योग की शुरुआत प्राणायाम से होती है। प्राणायाम को सूर्योदय के समय किया जाता है। आमतौर पर प्राणायाम में सही तरीके से सांस लेने का अभ्यास किया जाता है। इससे शरीर के सभी अंगों में शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचता है। प्राणायाम के तीन प्रकार होते हैं। इनमें एक भस्त्रिका प्राणायाम है। आइए, प्राणायाम करने के फायदे जानते हैं-
भस्त्रिका प्राणायाम कैसे करें
इसके लिए स्वच्छ वातावरण में पद्मानस की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद अपनी गर्दन और रीढ़ की हड्डी को एक सीध में रखें। शरीर झुका और ढीला-ढाला न हो। इसके बाद लंबी सांस लें और फेफड़ें में वायु भरें। इसके बाद एकबार में तेज़ी से सांस छोड़ें। इस आसन को एक बार में कम से कम दस बार जरूर करें। जबकि रोजाना सुबह और शाम दोनों समय में इस आसन को करें। योग करते समय एक चीज का अवश्य ध्यान दें कि शारीरिक शक्ति का दमन न करें।
प्राणायाम के फायदे
-योग विशेषज्ञों की मानें तो प्राणायाम वजन कम करने में सक्षम है। नियमित प्राणायाम करने से क्रेविंग यानी बार-बार खाने की आदत से छुटकारा मिलता है। जब शरीर थक जाता है, तो ऐसी स्थिति में लोग अनुचित खाना खाने लगते हैं। प्राणायाम करने से इस तरह की परेशानियां से निजात मिलता है।
-कई शोध में खुलासा हुआ है कि प्राणायाम करने से जीवन आयु बढ़ती है। इस बारे में शोधकर्ताओं का कहना है कि प्राणायाम सांस लेने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करता है। योग विज्ञान की मानें तो जीवन आयु सांस लेने की गति (दर) पर निर्भर करती है।
-प्राणायाम तनाव और अवसाद को दूर करने में सहायक होता है। इससे ध्यान एकाग्र होता है। प्राणायाम करने से मस्तिष्क में रक्त संचार सुचारु ढंग से होता है। इस वजह से तनाव और अवसाद में आराम मिलता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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