काली खांसी से निजात पाने के लिए इन 3 उपायों को जरूर आजमाएं
चूंकि काली खांसी में व्यक्ति हमेशा खांसता रहता है। इसके लिए काली खांसी को कुकुर खांसी भी कहा जाता है। काली खांसी बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया जीवाणु के कारण होती है जो श्वशन क्रिया के दौरान बाहर निकलती है। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी रहने पर चिकित्स्क से संपर्क करें।

दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। काली खांसी को अंग्रेजी में पर्टुसिस और वूपिंग कफ कहा जाता है। यह एक संक्रमण रोग है, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। खासकर 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में काली खांसी अधिक देखी जाती है। इस बीमारी में व्यक्ति को सांस लेने में बहुत तकलीफ होती है। इसे कई नामों से जाना जाता है। चूंकि काली खांसी में व्यक्ति हमेशा खांसता रहता है। इसके लिए काली खांसी को कुकुर खांसी भी कहा जाता है। काली खांसी बोर्डेटेल्ला परट्यूसिया जीवाणु के कारण होती है जो श्वशन क्रिया के दौरान बाहर निकलती है। दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी रहने पर चिकित्स्क से जरूर सलाह लेनी चाहिए। इस खांसी के कई लक्ष्ण हैं, लेकिन प्रमुख सांस लेने में तकलीफ और गले में घरघराहट है। अगर आपको काली खांसी के बारे में नहीं पता है, तो आइए इसके लक्षण और उपचार जानते हैं-
काली खांसी के लक्षण
काली खांसी के तीन चरण हैं। इनमें छींकना, दस्त, हल्का बुखार, नाक से पानी टपकना, थकान, भूख में कमी और लगातार खांसी है। जब काली खांसी दूसरे चरण में रहती है, तो गले में घरघराहट होती है। साथ ही सीटी जैसी आवाज निकलती है। तीसरे लक्षण में आराम मिलने लगता है।
लहसुन और शहद
इसके लिए लहसुन की कलियों को कूचकर शहद के साथ सेवन करें। वहीं, लहसुन की कलियों के रस को शहद के साथ सेवन करने से भी काली खांसी में आराम मिलता है।
अदरक और शहद
आयुर्वेद में अदरक को दवा माना जाता है। इसके लिए अदरक को पीसकर पेस्ट बना लें और शहद के साथ सेवन करें। इस उपाय को करने से काली खांसी से निजात मिलता है।
हल्दी और दूध
डॉक्टर्स हमेशा सर्दी, खांसी और फ्लू में हल्दी दूध पीने की सलाह देते हैं। खासकर कोरोना काल में हल्दी-दूध के सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। इसके लिए रात में सोते समय हल्दी दूध जरूर पिएं। इससे काली खांसी की समस्या दूर हो जाती है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।