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Hypothyroidism Diet: हाइपो-थायरायडिज़्म से हैं पीड़ित, तो ग़लती से भी न खाएं ये 6 चीज़े

Hypothyroidism Diet थायरॉइड दो तरह का होता है - हाइपरथायरॉइडिज़्म और हाइपोथायरॉइड। यह समस्या आजकल के बिगड़ते लाइफस्टाइल व्यायाम की कमी और ख़राब खानपान की वजह से तेज़ी से बढ़ती जा रही है। आज हम बात करेंगे हाइपो-थायरॉयडिज़्म की।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 08:30 AM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 08:40 AM (IST)
हाइपो-थायरायडिज़्म से हैं पीड़ित, तो ग़लती से भी न खाएं ये 6 चीज़े

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hypothyroidism Diet: थायरॉइड एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है, जो हार्मोन्स को बनाती है। आपके शरीर की हर कोशिका और ग्रंथि थायरॉइड हार्मोन पर निर्भर करती है ताकि उसके मेटाबॉलिज़्म को नियंत्रित किया जा सके। थायरॉइड ग्रंथि यह बताती है कि शरीर द्वारा कितनी तेज़ी से कैलोरी बर्न की जाती है। यह शरीर के अंदर सामूहिक रूप से काम करता है। आजकल थाइरॉइड से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। यह समस्या खासतौर पर महिलाओं को ज़्यादा प्रभावित करती है।

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थायरॉइड दो तरह का होता है - हाइपरथायरॉइडिज़्म और हाइपोथायरॉइड। यह समस्या आजकल के बिगड़ते लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से बढ़ती जा रही है। आज हम बात करेंगे हाइपो-थायरॉयडिज़्म की। हाइपो-थायरॉयडिज़्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें थायराइड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन नहीं बनाती है। इससे जूझ रहे लोगों को अक्सर ठंड लगती है और थका हुआ महसूस कर सकते हैं। साथ ही उनका वज़न आसानी से बढ़ भी जाता है। हाइपो-थायरॉयडिज़्म को सही इलाज, फिज़िकल एक्टिविटी और अच्छी डाइट के ज़रिए काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। तो आइए जानें कि हाइपो-थायरॉयडिज़्म के मरीज़ों को किन चीज़ों के सेवन से बचना चाहिए?

प्रोसेस्ड फूड्स

अगर आपको हाइपो-थायरॉयडिज़्म है, तो डाइट से प्रोसेस्ड फूड्स को बिलकुल निकाल दें। प्रोसेस्ड खाने में अधिक सोडियम होता है। अंडरएक्टिव थायराइड होने से हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम ज़्यादा होता है। प्रोसेस्ड फूड का सेवन इस ख़तरे को और ज़्यादा बढ़ा देता है।

शुगरी फूड्स

चीनी में कैलोरी काफी ज़्यादा होती है और पोषक तत्व बिल्कुल नहीं। अगर आप मीठे के शौक़ीन हैं, तो चॉकलेट, चीज़केक या ज़्यादा चीनी के सेवन से बचें। ऐसा इसलिए क्योंकि हाइपो-थायरॉयडिज़्म की वजह से शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा होता है, ऐसे में मीठा खाने से वज़न बढ़ता है।

फैटी फूड्स

हाइपो-थायरॉयडिज़्म में मीट, बटर, मेयोनीज़, जैसी फैट्स से भरपूर चीज़ों से दूरी बनाना ज़रूरी है। साथ ही तला-भुना खाना भी नहीं खाना चाहिए।

कैफीन

हाइपो-थायरॉयडिज़्म की समस्या कौफीन के सेवन से बढ़ सकती है। इसलिए जितना हो सके इन चीज़ों से भी दूर रहें।

सोया प्रोडक्ट्स

अगर आप हाइपो-थायरॉयडिज़्म से जूझ रहे हैं, तो सोया मिल्क, टोफू, सोया बीन्स जैसे सोया वाले फूड प्रोडक्ट्स नहीं खाने चाहिए। कुछ शोध में पाया गया ​​है कि सोया में आइसोफ्लेवोन नाम का कंपाउड पाया जाता है, जो हाइपोथायरॉयड में नुकसान पहुंचा सकता है।

ग्लूटेन युक्त फूड्स

हाइपो-थायरॉयडिज़्म से जो लोग जूझते हैं, उन्हें ग्लूटेन के सेवन से भी बचना चाहिए। ग्लूटेन एक प्रोटीन है, जो गेहूं, जौ, राई और अनाजों से बने प्रोसेस्ड फूड्स में मौजूद होता है और इसके सेवन से थायरॉयड बढ़ सकता है।

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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