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    Hypertension: जानें हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में पानी कैसे करता है मदद?

    By Ruhee ParvezEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jul 2022 10:04 AM (IST)

    Hypertension एक्सपर्ट्स की मानें तो पानी भी बीपी को कंट्रोल कर सकता है। पानी शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालता है और खून को डिटॉक्स करने में मदद करता है। बता दें कि सोडियम ब्लड प्रेशर को हाई करने के जोखिम को बढ़ाता है।

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    Hypertension: जानें हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए कितना पानी पीना होगा?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Hypertension: हाई ब्लड प्रेशर या कहें हाइपरटेंशन, एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आपकी रक्त वाहिकाओं से खून तेज़ी से बहने लगता है, जो अंततः हृदय रोगों सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर आप शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट रखेंगे, तो आपका ब्लड प्रेशर का स्तर ठीक रहेगा। जब शरीर में पानी पर्याप्त होता है, तो कहा जाता है कि हृदय पूरे शरीर में रक्त पंप करने में अधिक कुशल होता है।

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    बीपी को मैनेज करने में लाइफस्टाइल की भूमिका

    अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, जब उच्च रक्तचाप से बचने की बात आती है, तो जीवनशैली को स्वस्थ बनाना एक बेहतरीन शुरुआत होगी। AHA के अनुसार, इसके लिए संतुलन डाइट जिसमें नमक बेहद कम हो, शराब का सेवन कम, रोज़ाना एक्सरसाइज़, तनाव कम लेना, हेल्दी वज़न बनाए रखना और स्मोकिंग से दूर रहना ज़रूरी है।

    इसके अलावा एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खूब सारा पानी पीने से भी हाइपरटेंशन को कम किया जा सकता है। लेकिन आपको दिन में कितना पानी पीना चाहिए, जिससे ब्लड प्रेशर का स्तर कम हो जाए?

    बीपी को कम करने के लिए कितना पानी पीना चाहिए?

    रोज़ाना कम से कम 8 गिलास पानी ज़रूर पीना चाहिए। पानी ब्लड को डिटॉक्स करता है, जिससे टॉक्सिन्स और गंदगी निकल जाती है। साथ ही पानी अतिरिक्त सोडियम को भी शरीर से बाहर का रास्ता दिखाता है, जो हाई ब्लड प्रेशर में मददगार साबित होता है।

    क्रेनबेरी जूस हो सकता है मददगार

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, क्रेनबेरी जूस एक ऐसा ड्रिंक है, जिसे पीने से हाई ब्लड प्रेशर में मदद मिल सकती है। क्रेनबेरी जूस विटामिन-सी से भरपूर होता है। इसके अलावा ये जूस इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है और ऑक्सीडेटिल स्ट्रेस से लड़ता है और बैक्टीरिया को मारता है।

    हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' क्यों कहा जाता है?

    WHO का अनुमान है कि दुनिया भर में 30-79 वर्ष की आयु के 128 करोड़ वयस्क उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। वहीं, 46 फीसदी ऐसे लोग जिन्हें पता ही नहीं है कि वे हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि ज़रूरी नहीं कि बीपी लक्षणों के साथ ही आए। जब यह बीमारी ख़तरनाक स्थिति पर पहुंच जाती है, तब इसके संकेत नज़र आने शुरू होते हैं, जिसमें हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक आदि शामिल हैं। यही वजह है कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा जाता है।

    हाई ब्लड प्रेशर के ख़तरे के पीछे क्या कारण हैं?

    विश्व स्वास्थ्य संस्थान के मुताबिक, हाइपरटेंश के कारणों में अस्वस्थ डाइट, जिसमें ज़रूरत से ज़्यादा नमक, ट्रांस फैट्स और सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर डाइट, फल और सब्ज़ियों का कम सेवन, फिज़िकल एक्टिविटी की कमी, तंबाकू-शराब का सेवन और मोटापा शामिल हैं। यह ऐसी वजह हैं जिन्हें कंट्रोल कर हाई ब्लड प्रेशर से बचा जा सकता है।

    इसके अलावा परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास, 65 से ऊपर उम्र और डायबिटीज़, किडनी का रोग जैसी बीमारियां भी हाइपरटेंशन का कारण बनती हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik