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    Mobile Phone Radiations: ज्यादा वक्त मोबाइल के साथ गुजारेंगे तो दिमाग पर पड़ सकता है असर

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Thu, 28 Jan 2021 03:36 PM (IST)

    Mobile Phone Radiations Impact मोबाइन का इस्तेमाल ज्यादा वक्त तक करने से सिर दर्द नींद में गड़बड़ी याददाश्त में कमजोरी चि़ड़चिड़ापन हाथ और गर्दन में दर्द और आंखों से कम दिखने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

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    मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन ब्रेन की गतिविधियों को भी प्रभावित करती हैं।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Mobile Phone Radiations Impact:मोबाइल हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है, जिसके बिना हम एक मिनट भी गुजारना पसंद नहीं करते। हमारे ऑफिस के कामों से लेकर पढ़ाई तक हम मोबाइल पर करते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल आपकी बॉडी पर साइड इफेक्ट भी डालता है। हम ज्यादा से ज्यादा वक्त मोबाइल के साथ गुजारते हैं और मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन हमारी सेहत और आंखों को नुकसान पहुंचाते हैं।

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    लॉकडाउन में हमने ज्यादा से ज्यादा वक्त मोबाइल और लेपटॉप पर चैटिंग और ब्राउजिंग करने में गुजारा है। लेकिन आप जानते हैं कि ज्यादा समय मोबाइल के साथ गुजारने से सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता हैं। मोबाइन का इस्तेमाल ज्यादा वक्त तक करने से सिर दर्द, नींद में गड़बड़ी, याददाश्त में कमजोरी, चिड़चिड़ापन, हाथ और गर्दन में दर्द और आंखों से कम दिखने की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल दिमाग की गतिविधियों को भी प्रभावित करता है।

    एम्स और एन्वायरोनिक ने अध्ययन किया है कि मोबाइल रेडिएशन मानव शरीर को कैसे प्रभावित करती है। अध्ययन में शामिल प्रतिभागियों को मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडिएशन से अवगत कराया गया। अध्ययन में पाया गया कि कैसे मोबाइल की रेडिएशन मस्तिष्क के वेव पैटर्न में परिवर्तन करती है।

    सिनर्जी एन्वायरोनिक के एमडी अजय पोद्दार ने कहा हमने अपने अध्ययन के लिए इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम का मूल्यांकन किया, जो मस्तिष्क में विद्युत गतिविधि की निगरानी करता है। हमारे मस्तिष्क से मूल रूप से चार तरंगें अल्फा, बीटा, थीटा और डेल्टा निकलती हैं जो मस्तिष्क की विभिन्न गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 30 स्वयंसेवकों के एक सांख्यिकीय आकार और एक बहुत परिष्कृत उपकरण चुना। हमने लोगों से फोन पर 5 मिनट बिना एनवायरमेंट के और फिर एनवायरोशिप के साथ बात की। उसके बाद हमने उनकी मस्तिष्क गतिविधि की जाँच की।

    अध्ययन में जब डेटा का विश्लेषण किया गया, तो पाया कि अल्फा और थीटा तरंगें जो रिलेक्सेशन महसूस कराती है दोनों में उतार-चढ़ाव देखा गया। ये उतार-चढ़ाव बॉडी के लिए तनावपूर्ण था।

    मोबाइल फोन के हानिकारक प्रभाव

    मोटे तौर पर, मोबाइल रेडिएशन के दो हानिकारक प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ते हैं। एक हीट इफेक्ट है। एक घंटे अगर आप कान पर फोन लगाकर बात करते हैं तो आपको उतनी ही गर्मी मिलती है जितनी एक मिनट में माइक्रोवेव देता है। दूसरा बॉयोलॉजिकल इफेक्ट। हमारी कोशिकाएं एक-दूसरे से संपर्क करती हैं और मोबाइल फोन विकिरण इस संचार को बाधित करते हैं।

    मोबाइल कंपनियों द्वारा दी गई सूचना:

    मोबाइल फोन हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन गया हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल करने में हमें सावधानी बरतने की हमेशा जरूरत है। क्या आप जानते हैं सभी मोबाइल फोन की वेबसाइट फोन के अत्याधिक इस्तेमाल से संबंधित चेतावनी देती हैं, जिसे हम नजरअंदाज कर देते हैं। ये साइट हमें टॉकटाइम को सीमित करने और डिवाइस को आपके शरीर से दूरी पर रखने का सुझाव देती हैं। इसके अतिरिक्त, वे हैंड्सफ्री पर फोन का उपयोग करने की सलाह देती हैं। 

                  Written By: Shahina Noor