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    Gestational Diabetes: प्रेग्नेंसी में खतरा बन सकती है जेस्टेशनल डायबिटीज, जानें इसके बारे में सब कुछ

    By Jagran NewsEdited By: Ruhee Parvez
    Updated: Mon, 10 Jul 2023 02:16 PM (IST)

    Gestational Diabetes जेस्टेशनल डायबिटीज होने का मतलब यह नहीं है कि आपको प्रेग्नेंसी से पहले भी डायबिटीज थी। यह स्थिति गर्भावस्था के कारण शुरू होती है। जब गर्भावस्था की बात आती है तो टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज वाले लोगों की अपनी अलग चुनौतियां होती हैं। हालांकि शिशु की सेहत पर यह काफी प्रभाव डाल सकती है। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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    Gestational Diabetes: जानें क्या है जेस्टेशनल डायबिटीज?

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Gestational Diabetes: जेस्टेशनल डायबिटीज यानी प्रेग्नेंसी के वक्त होने वाली डायबिटीज। यह एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, यह आमतौर पर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में विकसित होती है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी में महिला को कई तरह ही परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

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    महिलाओं को यह परेशानी गर्भावस्था के किसी भी स्टेज में हो सकती है, लेकिन दूसरी या तीसरी तिमाही में ये स्थिति आमतौर पर देखी जा सकती है।

    जेस्टेशनल डायबिटीज के लक्षण कैसे होते हैं?

    अगर कुछ महिलाओं में ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है (हाइपरग्लाइकेमिया), तो उनमें ऐसे कुछ लक्षण विकसित हो सकते हैं :

    • ज्यादा प्यास लगना
    • बार-बार पेशाब आना
    • मुंह का सूखना
    • थकान
    • धुंधला दिखाई देना
    • जननांगों में खुजली की समस्या

    जेस्टेशनल डायबिटीज का गर्भावस्था पर क्या असर होता है?

    जेस्टेशनल डायबिटीज से पीड़ित अधिकांश महिलाएं स्वस्थ बच्चे को ही जन्म देती है। हालांकि, इस स्थिति में कुछ अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो इस प्रकार हैंः

    1. शिशु का साइज अधिक बड़ा हो सकता है, जिससे प्रसव डिलीवरी के दौरान कठिनाइयां हो सकती हैं और सिजेरियन की आवश्यकता पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।
    2. पॉलीहाइड्रमनिओस गर्भ में बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव (बच्चे को घेरने वाला तरल पदार्थ), जो समय से पहले प्रसव या प्रसव में समस्या पैदा कर सकता है।
    3. बच्चे की नौ महीने पूरे होने से पहले ही डिलीवरी हो जाना यानी कि प्रीटर्म बर्थ की संभावना बढ़ जाती है।
    4. बच्चे में जन्म के बाद लो ब्लड शुगर या पीलिया विकसित हो सकता है।
    5. बच्चे को जन्‍म के बाद कुछ समय के लिए सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है।

    जेस्टेशनल डायबिटीज की वजह क्या होती है?

    शोधकर्ता अभी तक इसका सटीक कारण नहीं जान पाए हैं कि कुछ महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज क्यों होती है और अन्य को नहीं। गर्भावस्था से पहले अतिरिक्त वजन अक्सर एक भूमिका निभाता है।

    आमतौर पर, विभिन्न हार्मोन ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखने का काम करते हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन का स्तर बदलता रहता है, जिससे शरीर के लिए ब्लड शुगर का सही तरह से काम करना कठिन हो जाता है। इससे ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

    जेस्टेशनल डायबिटीज के जोखिम कारक क्या हैं?

    • आपकी उम्र 40 से अधिक है।
    • बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से ऊपर।
    • आपके पहले बच्चे का वजन जन्म के समय 4.5 किलोग्राम (10 पाउंड) या उससे अधिक होना।
    • आपको पिछली गर्भावस्था में जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या होना।
    • आपके माता-पिता या भाई-बहनों में से किसी को डायबिटीज है।
    • अगर आपकी गैस्ट्रिक बाईपास या वजन घटाने वाली अन्य सर्जरी हुई है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Picture Courtesy: Freepik