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    एड्स (AIDS)

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Tue, 16 May 2023 04:27 PM (IST)

    एड्स एक जानलेवा बीमारी है जिसका अगर सही समय से इलाज नहीं कराया जाए तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। यही वजह है कि हर साल इस बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाने के मकसद से 18 मई को एड्स वैक्सीन अवेयरनेस डे मनाया जाता है।

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    जानें क्या है एड्स और इसके लक्षण

    एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) एक ऐसी जानलेवा बीमारी है, जो ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) के कारण फैलती है। यह वायरस आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा कर आपके शरीर की संक्रमण और बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है।

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    एचआईवी (HIV) क्या है

    एचआईवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) एक वायरस है, जो उन कोशिकाओं पर हमला करता है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। इससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह वायरस एचआईवी वाले व्यक्ति के कुछ शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है, आमतौर पर असुरक्षित यौन संबंध के दौरान, इंजेक्शन आदि साझा करने के माध्यम से यह वायरस फैल सकता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो एचआईवी एड्स (एक्वायर्ड इम्युनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम) को जन्म दे सकता है।

    एचआईवी कहां से आया?

    • मनुष्यों में एचआईवी संक्रमण मध्य अफ्रीका के एक प्रकार के चिम्पांजी से आया। अध्ययनों से पता चलता है कि 1800 के दशक के दौरान एचआईवी चिम्पांजी से मनुष्यों तक पहुंचा था।
    • वायरस के चिम्पांजी वर्जन को सिमियन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस कहा जाता है। यह मनुष्यों में तब आया जब मानव ने मांस के लिए इन चिम्पांजियों का शिकार किया और उनके संक्रमित रक्त के संपर्क में आए।
    • दशकों से, एचआईवी धीरे-धीरे पूरे अफ्रीका में और बाद में दुनिया के अन्य भागों में फैल गया। यह वायरस संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम 1970 के दशक के मध्य से अस्तित्व में है।

    HIV और AIDS में क्या है फर्क

    ‘एचआईवी एक वायरस होता है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम में सफेद रक्त कोशिकाओं पर हमला करता है। हमारा शरीर कई तरह के वायरस से लड़ने की ताकत रखता है, लेकिन एचआईवी संक्रमण किसी भी बीमारी से लड़ने की शरीर की क्षमता को कमज़ोर बना देता है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है, जो एक बार हो जाए तो इससे रिकवर नहीं हुआ जा सकता।

    वहीं, अगर एड्स एक ऐसी बीमारी है, जो कई लक्षणों की वजह बनती है। एचआईवी से संक्रमित रोगी उस वक्त एड्स से भी पीड़ित हो जाता है, जब वो एचआईवी का सही समय पर और सही तरीके से इलाज नहीं करवाता। एक मरीज़ जो एचआईवी पॉजिटिव है, ज़रूरी नहीं कि उसे एड्स भी हो, लेकिन एड्स उसी को होता है, जो एचआईवी पॉजिटिव होता है।

    एचआईवी के लक्षण-

    • दस्त
    • बुखार
    • थकान
    • सिर दर्द
    • मांसपेशियों में दर्द
    • जोड़ों का दर्द
    • रैशेज
    • गले में खराश
    • दर्दनाक मुंह के छाले
    • लिम्फ ग्लैंड्स में सूजन
    • वजन घटना
    • खांसी
    • रात में पसीना आना
    • दाद (हरपीज ज़ोस्टर)
    • न्यूमोनिया

    एड्स के लक्षण-

    • तेज बुखार
    • लिम्फ ग्लैंड्स में सूजन (विशेष रूप से बगल, गर्दन और कमर की)
    • थकावट
    • रात में पसीना
    • त्वचा के नीचे या मुंह, नाक या पलकों के अंदर काले धब्बे
    • घाव, धब्बे, जननांगों या एनल में घाव
    • धक्के, घाव या त्वचा पर चकत्ते होना
    • दस्त
    • तेजी से वजन कम होना
    • तंत्रिका संबंधी समस्याएं (जैसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी, मेमोरी लॉस और भ्रम)
    • चिंता और अवसाद

    एचआईवी के चरण क्या हैं?

    जब एचआईवी वाले लोगों को इलाज नहीं मिलता है, तो वे आम तौर पर यह वायरस उनमें तीन चरणों में फैलने लगता है। आमतौर पर एचआईवी के 3 चरण होते हैं-

    पहला चरण- एक्यूट एचआईवी इंफेक्शन

    • लोगों के रक्त में बड़ी मात्रा में एचआईवी होता है और वे बहुत संक्रामक होते हैं।
    • कई लोगों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं।
    • अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण हैं और आपको लगता है कि आप एचआईवी के संपर्क में आ गए हैं, तो जांच करवाएं।

    दूसरा चरण- क्रोनिक एचआईवी इंफेक्शन

    • इस चरण को एसिम्टोमेटिक एचआईवी इंफेक्शन भी कहा जाता है।
    • इस स्टेज में एचआईवी अभी भी सक्रिय है और शरीर में प्रजनन करना जारी रखता है।
    • इस चरण के दौरान लोगों में कोई लक्षण नहीं हो सकता है या न ही वे बीमार हो सकते हैं लेकिन एचआईवी संक्रमण फैला सकते हैं।
    • एचआईवी उपचार के बिना, यह संक्रमण तेजी से बढ़ता है और संक्रमित व्यक्ति इसके अंतिम चरण यानी एड्स में जा सकता है।

    तीसरा चरण-एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स)

    • तीसरा चरण एचआईवी संक्रमण का सबसे गंभीर चरण है।
    • एड्स वाले लोगों में संक्रमण काफी ज्यादा हो सकता है और यह लोग आसानी से दूसरों को एचआईवी संक्रमित कर सकते हैं।
    • एचआईवी एड्स से पीड़ित लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को बुरी तरह क्षतिग्रस्त करता है, जिसकी वजह से अन्य संक्रमणों या गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
    • एचआईवी के इलाज के बिना, एड्स वाले लोग आम तौर पर लगभग तीन साल जीवित रहते हैं।

    एचआईवी फैलने के कारण

    • असुरक्षित यौन संबंध
    • नशीली दवाओं के लिए सुई, सीरिंज और अन्य वस्तुओं को साझा करना
    • बिना सैनिटाइज किए पहले से इस्तेमाल किए टैटू उपकरण का उपयोग करना
    • गर्भवती महिला ये बच्चे तक पहुंचना
    • स्तनपान के दौरान
    • बच्चे को खिलाने से पहले उनके खाने को चबाना
    • एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के रक्त, वीर्य, योनि और मलाशय के तरल पदार्थ,स्तन के दूध आदि के संपर्क में आना
    • इन चीजों से नहीं फैलता एचआईवी
    • त्वचा से त्वचा का संपर्क
    • गले मिलना, हाथ मिलाना या चूमना
    • हवा या पानी
    • भोजन या पेय साझा करना
    • लार, आँसू, या पसीना (जब तक कि एचआईवी वाले व्यक्ति के रक्त में मिश्रित न हो)
    • शौचालय, तौलिया या बिस्तर
    • मच्छर या अन्य कीड़े

    जोखिम

    किसी भी उम्र, नस्ल, लिंग या यौन रुझान का कोई भी व्यक्ति एचआईवी/एड्स से संक्रमित हो सकता है। हालांकि, आपको एचआईवी/एड्स का ज्यादा खतरा है, अगर आप इनमें से कुछ चीजें कर रहे हैं-

    • असुरक्षित यौन संबंध बनाना
    • अप्राकृतिक यौन संबंध जोखिम भरा है।
    • अगर आपके कई यौन साथी हैं, तो एचआईवी का खतरा बढ़ जाता है।
    • एसटीआई की वजह आपके जेनिटल्स पर खुले घाव हो जाते हैं। ये घाव आपके शरीर में एचआईवी के प्रवेश का मुख्य कारण बन सकते हैं।
    • नशीली दवाओं को लेने के लिए एक-दूसरे के साथ सुई और सीरिंज साझा करना।

    एड्स के बचाव

    एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और एचआईवी/एड्स के लिए कोई इलाज नहीं है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (NIH) आप इन चीजों को ध्यान में खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचा सकते हैं।

    • असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बचें। किसी नए पार्टनर के साथ संबंध बना रहे हैं, तो सुरक्षा का खास ध्यान रखें।
    • अगर आपका पार्टनर एचआईवी संक्रमित है, तो उनका इलाज पूरा किए बिना शारीरिक संबंध बनाने से बचें।
    • जब भी किसी नए साथी के साथ संबंध बनाएं, तो दोनों का एसटीडी परीक्षण करवाएं। एसटीडी से एचआईवी होने का खतरा बढ़ सकता है।
    • आपके जितने ज्यादा यौन साथी होंगे, संक्रमण होने की संभावना उतनी ज्यादा बढ़ती है। इसलिए यौन साथियों की संख्या कम करें।
    • नशीली दवाओं के सेवन के लिए एक-दूसरे के साथ सुई आदि साझा करने से बचें।
    • टैटू आदि बनवाते समय मशीन को सैनिटाइज जरूर करवाएं।

    Picture Courtesy: Freepik