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    Heart Attack: कम उम्र में हार्ट अटैक आने की हो सकती हैं ये वजहें, हो जाएं अलर्ट

    By Priyanka SinghEdited By: Priyanka Singh
    Updated: Wed, 18 Jan 2023 09:45 AM (IST)

    Heart Attack ज्यादातर लोग सोचते हैं कि हार्ट अटैक या बुढ़ापे में होने वाली समस्या है लेकिन अब ये बात पूरी तरह से सच नहीं है। अब कम उम्र के लोगों को भी हार्ट अटैक की समस्या हो रही है तो क्या हैं इसकी वजहें जान लें यहां।

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    Heart Attack: कम उम्र में हार्ट अटैक आने की वजहें

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Attack: बेशक हार्ट अटैक के मामले सर्दियों में ज्यादा देखने को मिलते हैं लेकिन इसके लिए सिर्फ मौसम को ही जिम्मेदार ठहराना सही नहीं, कुछ और भी कारक हैं जो हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने का काम करते हैं। पहले जहां हार्ट अटैक को बड़े-बूढ़ों की बीमारी माना जाता था वहीं अब 30-40 की उम्र वाले युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। तो बेहद जरूरी है इसके कारणों पर गौर करना। हमारे देश में युवाओं की लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव से टाइप-2 डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियां बहुत ही तेजी से बढ़ रही हैं और यही हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा रही हैं। 

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    डायबिटीज

    डायबिटीज के मरीजों में फिर चाहे वो बूढ़े हों या व्यस्क हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक का खतरा 2 से 3 गुना बढ़ जाता है। सही समय पर इसे कंट्रोल न किया जाए तो यह शरीर की ब्लड वेसेल्स में सूजन को बढ़ाती है। जिसकी वजह से हार्ट को होने वाले ब्लड सर्कुलेशन में रूकावट आ सकती है। लंबे समय तक आर्टरीज़ में इस प्रकार की सूजन बने रहने से कोलेस्‍ट्रॉल और प्‍लाक भी बढ़ जाता है। इससे हार्ट की नसों को भी नुकसान पहुंचता है।

    मोटापा

    मोटापा, हार्ट अटैक के सबसे बड़े कारणों में से एक है। हमारे शरीर में फ़ैट या वसा की सही मात्रा होना बेहद ज़रूरी है। वैसे तो फैट बॉडी को एनर्जी देता है लेकिन ज्यादा मात्रा में लिया गया फ़ैट नसों को ब्लॉक करने लगता है। जिसकी वजह से नसों में ब्लड का सर्कुलेशन सही तरह से नहीं हो पाता। इस सिचुएशन में कभी-कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। 

    हाई ब्लड प्रेशर

    हाई ब्लड प्रेशर की वजह से शरीर में ब्लड का फ्लो तेजी से बढ़ता है। जिससे कई बार शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ब्लड फ्लो तेज होने से हार्ट की आर्टरीज पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है और इससे अटैक हो जाता है। 

    अनहेल्दी डाइट

    जंक फूड और पैकेज्ड फूड ड्रिंक्स में रिफाइंड प्रिजरवेटिव की जरूरत से ज्यादा मात्रा होती हैं। तो अगर आप पूरी तरह इन्हीं फूड्स पर डिपेंड हैं, तो आप हार्ट से जुड़ी बीमारियों को खुली दावत दे रहे हैं। क्योंकि ये फैट से भी भरपूर होते हैं। वहीं कम तेल, मसालों में पका भोजन सेहत के लिए किसी भी तरह से नुकसानदेह नहीं होता। तो ऐसे खाने पर फोकस करें। अपनी डाइट में ओमेगा फैटी एसिड से भरपूर चीजों, जैसे- मछली, अखरोट, अलसी के बीज और हरी सब्जियों को शामिल करें। साथ ही विटामिन डी के लिए रोजाना कुछ देर धूप में टहलें और विटामिन डी सप्लीमेंट लें।

    फिजिकल एक्टिविटी की कमी

    रोजाना कुछ देर की एक्सरसाइज करके आप कई खतरनाक बीमारियों से दूर रह सकते हैं। वहीं वो लोग जिनकी एक्टिविटी जीरो है वो मोटापे, हाई बीपी, डायबिटीज जैसी बीमारियों का जल्द शिकार होते हैं। लेकिन हैवी वर्कआउट करने से बचें क्योंकि इससे भी हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। खासतौर से तब जब आप पहले से किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं। किसी भी तरह का वर्कआउट शुरू करने से पहले एक बार फुल बॉडी चेकअप करवा लें। 

    नींद न होना

    मोबाइल, टीवी और देर रात तक काम करने के चलते युवाओं के स्लीपिंग पैटर्न (सोने और जागने का चक्र) में भी बहुत बदलाव आ गया है। वो रात को जागकर काम करते हैं जिसके चलते समय पर खानपान नहीं हो पाता, नींद भी पूरी नहीं हो पाता। नींद न होने का सीधा कनेक्शन दिल का दौरा पड़ने से है। तो इस चीज़ को सीरियसली लें और 6 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें। 

    Pic credit- freepik