Health Tips: कितने स्वस्थ हैं आप? इन चीज़ों से लगा सकते हैं इसका पता
Health Tips आप सेहतमंद हैं या नहीं ये देखने के लिए समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराते रहना जरूरी है लेकिन इसके अलावा कुछ और भी तरीके हैं जिनके द्वारा पता लगाया जा सकता है कि आप हेल्दी हैं या नहीं। जानेंगे इसके बारे में।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Health Tips: पिछले कई सालों से बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को किसी की संपूर्ण सेहत की स्थिति का पता लगाने के लिए एक माध्यम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। वजन और लंबाई के सरल अनुपात का इस्तेमाल कर लोगों को कम वजन, स्वस्थ वजन, अधिक वजन या मोटापे में वर्गीकृत किया जा सकता है। हालांकि, रिसर्च बताते हैं कि एकमात्र यही माप सेहत को जानने का सबसे अच्छा संकेतक नहीं हो सकता है। इसका पता हम कैसे लगा सकते हैं कि हम स्वस्थ हैं? यहां कुछ ऐसी बातें दी गईं जिससे कि हम सेहत को सही तरीके से नाप सकते हैं।
क्यों बीएमआई का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है?
इसकी वजह है कि बीएमआई टूल्स आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं और यह बहुत ही सरल तरीका है। आमतौर पर बीएमआई सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले हेल्थ इंडीकेटर में से एक है। मोटापे के स्तर के आकलन के लिए, बीएमआई की प्रभावकारिता की वजह से किसी भी व्यक्ति की सेहत का पता लगाने का यह आसान और किफायती तरीका है। एक रिसर्च टूल के रूप में बीएमआई, वसा की मात्रा पर आधारित मूल सेगमेंट में लोगों को उम्र, जेंडर्स, जनसांख्यिकी और स्थान के आधार पर वर्गीकृत करने में मदद करता है- लेकिन इसके अलावा सिर्फ एक वैरिएबल के आधार पर लोगों को बांटने पर, सेहत की स्थिति का पता लगाने में इसकी अपनी सीमाएं हो सकती हैं।
बीएमआई से आगे देखने की जरूरत है
एक ही बीएमआई के लोगों की सेहत का स्तर अलग-अलग हो सकता है, क्योंकि बीएमआई शारीरिक संरचना या फैट के अनुपात में मांसपेशियों की माप नहीं करता। जैसे कि खिलाड़ियों की बीएमआई ज्यादा होती है, क्योंकि उनकी मांसपेशियों का वजन ज्यादा होता है। इस तरह का फर्क इस बात पर जोर देता है कि किसी की सेहत की स्थिति क्या है, इस बात का पता लगाने के लिये नई तकनीक तैयार करना बहुत जरूरी है।
सेहत का पता लगाने के लिए मसल मास
हम अपनी रोजमर्रा की बातचीत में मसल शब्द का इस्तेमाल यूं ही कर लिया करते हैं, लेकिन यह सेहत को भी प्रभावित करता है जैसे चलने-फिरने और संतुलन, ताकत, इम्युनिटी और जख्मों के भरने को। डॉ. आदर्श चौधरी, चेयरमैन, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी डिविजन, मेदांता गुड़गांव, का कहना है, “स्वास्थ्य का आकलन करते समय, हम अक्सर व्यवहार से अधिक अनुमानित संख्या पर जोर देते हैं। जैसे, यदि आप स्वस्थ और फिट नजर आ रहे हैं तो मस्क्यूलर मास कम होने से हो सकता है आपको उठाने के लिये कुर्सी के हत्थे या किसी सहारे की जरूरत पड़े। मूवमेंट और मेटाबॉलिज्म दोनों के लिए मसल को बनाए रखना बहुत जरूरी है।” जब आप 40 साल के हो जाते हैं तो आप हर साल 2 अपने मसल का 8% तक खो सकते हैं। इसलिए, मसल मायने रखता है और यह सेहत की स्थिति बताने के लिये एक अच्छा संकेतक हो सकता है, क्योंकि इसका संबंध जीवन की गुणवत्ता से है।
गेट स्पीड टेस्ट
किसी के मसल मास को मापने के कई तरीके हैं, जिसमें एमआरआई, डेक्सा स्कैन और पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड। फिर भी किसी के चलने की गति को देखने जैसी सरल चीज जिसे गेट स्पीड के रूप में भी जाना जाता है, चिकित्सकों को थोड़ा अंदाजा लगाने में मदद कर सकता है। शोध से पता चलता है कि गेट स्पीड नकारात्मक स्वास्थ्य परिणामों की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकती है। इतना ही नहीं, प्रौढ़ वयस्कों में संभावित आयु का भी पता लगाने में मदद कर सकती है। कुछ दूरी तक चलने की गति को मापना भी सेहत की स्थिति का पता लगाने का एक प्रभावी तरीका है। कुर्सी वाली चुनौती भी आपके मसल की ताकत को परखने का एक आसान उपाय है। लगभग 43 सेमी (1.4 फीट) की ऊंचाई वाली एक कुर्सी पर 5 सिट-अप्स करने में आपको लगने वाला समय, आपके मांसपेशियों की उम्र बता सकता है। जैसे, टेस्ट करने में 40 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों के लिए लगभग 6.8 से 7.5 सेकंड और महिलाओं के लिए में 6.9 से 7.4 सेकंड का समय लगना चाहिए।
निष्कर्ष
ऐसे तो कोई आदर्श माप नहीं है, लेकिन व्यक्तियों और डॉक्टरों को स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिये सबसे व्यापक डेटा देने के लिये कई उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है। हमें वस्तुस्थिति को चुनौती देते रहना चाहिए और हर पहलू से सेहत की जांच करनी चाहिए, इसमें मांसपेशियों की सेहत भी शामिल है।
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