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    Health News: स्कीमेटिक स्ट्रोक के लिए तैयार होगा नया मॉडल रिसर्च, हुए चौंकाने वाले खुलासे!

    By Jagran NewsEdited By: Paras Pandey
    Updated: Sun, 10 Sep 2023 08:31 AM (IST)

    Health News अमेरिका स्थित टेनेसी विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र इस्कीमिक स्ट्रोक के इलाज के लिए एक नई तकनीक खोजने के लिए शोध कर रहा है। यह स् ...और पढ़ें

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    इस्कीमिक स्ट्रोक के लिए चाहिए नया "इलाज"

    वाशिंगटन,एएनआइ। अमेरिका स्थित टेनेसी विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र इस्कीमिक स्ट्रोक के इलाज के लिए एक नई तकनीक खोजने के लिए शोध कर रहा है। यह स्ट्रोक वैश्विक स्तर पर लोगों में मृत्यु का शीर्ष कारण है। इस अध्ययन को नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूरोलाजिकल डिसआर्डर एंड स्ट्रोक द्वारा 1.55 लाख यूएस डालर की वित्तीय सहायता भी दी गई है।

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    वैश्विक स्तर पर लोगों को जितने भी तीव्र स्ट्रोक आते हैं, उसमें से लगभग 87 प्रतिशत मामले इस्कीमिक स्ट्रोक के होते हैं। वर्तमान में इस्कीमिक स्ट्रोक के उपचार का एक ही तरीका चलन में है। इसमें अंत शिरा थ्रोम्बोलाइटिक थैरेपी और मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी शामिल हैं और इसमें संभावित जोखिम भी हैं। जो लोग उपचार प्राप्त करते हैं और जीवित रहते हैं, वे स्थायी विकलांगता के शिकार हो सकते हैं।

    इस शोध से जुड़े हुए फार्मास्युटिकल साइंसेज व एनाटामी और न्यूरोबायोलाजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर प्रमुख जांचकर्ता जियानक्सिओनग जियांग के अनुसार इस्कीमिक स्ट्रोक के लिए वर्तमान उपचार विकल्प बहुत सीमित हैं, इसलिए इस स्थिति के लिए एक नया उपचार विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है।

    स्ट्रोक के उपचार के लिए नया माडल तैयार करने वाले यूटीएचएससी में औषधीय रसायन विज्ञान केंद्र के निदेशक जियावांग लियू और न्यूरोलाजी के प्रोफेसर थाडियस एस.नोवाक का कहना है कि जीवित रहने वाले मरीजों को भी स्ट्रोक के कारण होने वाली न्यूरोनल चोट के कारण दीर्घकालिक विकलांगता हो सकती है।

    वैकल्पिक उपचार के तौर पर प्रोस्टाग्लैंडीन रिसेप्टर ईपी2 के लिए नवीन दवा-जैसे प्रतिपक्षी विकसित करने के लिए काम किया जा रहा है। अपने दादी और पिता को इसी स्ट्रोक का शिकार होते देख चुके डा. जियांग का मानना है कि यह सुरक्षित और अधिक प्रभावी उपचार सूजन को कम कर सकता है और इस्कीमिक स्ट्रोक के बाद न्यूरान्स को सुरक्षा प्रदान कर सकता है।