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    क्या है हार्लेक्विन इचिथोसिस जिसमें एलियन की तरह दिखता है बच्चा, हाल ही में सामने आया दुर्लभ मामला

    By Harshita SaxenaEdited By: Harshita Saxena
    Updated: Mon, 21 Aug 2023 06:51 PM (IST)

    मां बनना हर महिला के लिए एक सुखद अहसास होता है। हालांकि बच्चे के जन्म के बाद कई बार यह सुखद अहसास दुख बदल जाता है जब बच्चा किसी खास बीमारी या समस्या से पीड़ित हो। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां एक महिला ने बेहद दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक बच्चे को जन्म दिया जिसे देख खुद डॉक्टर्स भी हैरान रह गए।

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    जानें क्या हार्लेक्विन इचिथोसिस जिसमें एलियन की तरह दिखता है बच्चा

    हार्लेक्विन इचिथोसिस (Harlequin ichthyosis) एक गंभीर आनुवंशिक विकार है, जो त्वचा को प्रभावित करता है। इस स्थिति के साथ जन्मे बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं और उनके शरीर का अधिकांश भाग बहुत सख्त, मोटी त्वचा से ढका होता है। इस विकार के साथ जन्मे बच्चों की त्वचा हीरे के आकार की प्लेटों से ढकी होती है, जो मछली के स्कैल्स के समान होती हैं।

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    ये त्वचा संबंधी असामान्यताएं पलकों, नाक, मुंह और कानों के आकार को प्रभावित करती हैं और हाथों-पैरों की गति को सीमित कर देती हैं। हार्लेक्विन इचिथोसिस वाले बच्चों को सांस लेने में कठिनाई और श्वसन विफलता हो सकती है। साथ ही प्रभावित शिशुओं को दूध पिलाने में भी समस्या होती है।

    हार्लेक्विन इचिथोसिस के लक्षण

    • पलकें बाहर की ओर मुड़ना
    • आंखें बंद न होना
    • मुंह खुला रहना
    • दूध पिलाने में मुश्किल
    • कान सिर से जुड़े हुए
    • छोटे, सूजे हुए हाथ और पैर
    • बाहों और पैरों में सीमित गतिशीलता
    • सांस लेने में समस्या
    • त्वचा में गहरी दरारें
    • डिहाइड्रेशन
    • शरीर का कम तापमान
    • खून में उच्च सोडियम, जिसे हाइपरनेट्रेमिया के रूप में जाना जाता है

    हार्लेक्विन इचिथोसिस के कारण

    हार्लेक्विन इचिथोसिस एक आनुवंशिक स्थिति है, जो ऑटोसोमल रिसेसिव जीन के जरिए बच्चे तक पहुंचती है। आप इस बीमारी के बिना भी इसके वाहक हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपको माता-पिता में से किसी एक से जीन विरासत में मिला है, तो आप इस बीमारी के वाहक होंगे, लेकिन आपको हार्लेक्विन इचिथोसिस नहीं होगा।

    लेकिन अगर आपको प्रभावित जीन माता-पिता दोनों से विरासत में मिला है, तो आप में भी यह रोग विकसित हो जाएगा। जब माता-पिता दोनों वाहक होते हैं, तो 25 प्रतिशत संभावना होती है कि उनके बच्चे में यह स्थिति होगी।

    इसका निदान कैसे किया जाता है?

    हार्लेक्विन इचिथोसिस का निदान आमतौर पर अपीरिएंस के आधार पर जन्म के समय पर ही किया जाता है। इसकी पुष्टि आनुवंशिक परीक्षण से भी की जा सकती है। ये परीक्षण यह भी निर्धारित कर सकते हैं कि क्या यह इचिथोसिस का एक अन्य प्रकार है। लेकिन आनुवंशिक परीक्षण रोग की गंभीरता या पूर्वानुमान के बारे में कोई जानकारी नहीं देता है।

    हार्लेक्विन इचिथोसिस का इलाज

    हार्लेक्विन इचिथोसिस का कोई इलाज नहीं है। हालांकि, उचित देखभाल से आप इस स्थिति को नियंत्रित कर सकते हैं। इस बीमारी से होने वाली मौतों को रोकने के लिए शीघ्र और गहन उपचार जरूरी है। कुपोषण और डिहाईड्रेशन को रोकने के लिए ट्यूब फीडिंग जरूरी है। साथ ही कुछ डॉक्टर कठोर, पपड़ीदार त्वचा को हटाने के लिए रेटिनोइड्स और संक्रमण को रोकने के लिए सामयिक एंटीबायोटिक दवाओं की सलाह देते हैं। सांस लेने में सहायता के लिए कभी-कभी एक ट्यूब आवश्यक हो सकती है। लेकिन बच्चे की त्वचा को हर समय साफ, नम और कोमल बनाए रखना होगा।

    Picture Credits- Instagram