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    Goosebumps Feeling: सिर्फ डर के मारे ही नहीं खड़े होते रोंगटे! क्या बीमारी से भी है इसका रिलेशन

    Updated: Thu, 17 Apr 2025 01:35 PM (IST)

    What Is Goosebumps हम इंसानों में रोंगटे खड़े होना सिर्फ डर का संकेत नहीं है बल्कि यह किसी बीमारी का भी लक्षण हो सकता है। हमारी त्वचा पर मौजूद छोटे-छोटे रोमछिद्र अलग-अलग परिस्थिति में भावनाओं के उतार-चढ़ाव के साथ रिएक्ट करते हैं। इसे ही रोंगटे खड़े होना कहा जाता है। जानिए रोंगटे खड़े होने के कारणों और उनसे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में।

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    सिर्फ डर के मारे ही नहीं खड़े होते रोंगटे!

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Goosebumps Meaning In Hindi: ठंड लगने या डर की स्थिति में रोंगटे खड़े हो जाना या गूजबम (What Is Goosebumps) आना बहुत सामान्य-सी बात है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका संबंध किसी बीमारी से भी हो सकता है।

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    क्या होते हैं गूजबम्स 

    जब भी आपका नर्वस सिस्टम लड़ने के मोड में आता है, रोंगटे खड़े होना (Goosebumps Feeling) स्वत: होने वाला रिएक्शन होता है। इस स्थिति में हेयर फॉलिकल्स के नीचे छोटे-छोटे मसल्स सिकुड़ जाते हैं।

    इससे बाल या रोएं खड़े हो जाते हैं और वो छोटी-छोटी फुंसियों जैसे नजर आने लगते हैं। आपके शरीर के जिस हिस्से में बाल होंगे, वहां ऐसा रिएक्शन हो सकता है।

    ये कारण भी हैं

    • अचानक तेज डर, सदमा, गुस्सा या उत्साह महसूस होने की स्थिति में रोंगटे खड़े होते हैं
    • इंटीमेसी की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है
    • कोई थ्रिलर फिल्म, म्यूजिक या दमदार स्पीच देखने या सुनने पर

    ऐसा क्यों होता है?

    हार्वर्ड के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में पाया है कि हेयर फोलिकल्स के नीचे छोटे-छोटे मसल्स को सिकोड़ने वाली नसें वही होती हैं जोकि हेयर फोलिकल के स्टेम कोशिकाओं को स्टिम्युलेट करती हैं और बालों के बढ़ने में मदद करती हैं।

    यही वजह है कि ठंडी जगहों में रहने वाले जानवरों की खाल मोटी होती है। इससे वे ज्यादा बड़े नजर आते हैं और अपने दुश्मनों के लिए खतरा दिखते हैं। लेकिन इंसानों में रोंगटों का खड़े होना हीट को संरक्षित रखने से संबंधित होता है।

    जब भी हम अचानक ठंडे मौसम का सामना करते हैं या हमें ठंड लगती है तो हमारे हेयर फोलिकल्स अपने आप खड़े हो जाते हैं, हमारे रोमछिद्र बंद हो जाते हैं और हमारी स्किन के अंदर की गर्मी उसमें ट्रैप हो जाती है।

    शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए भी ये जरूरी होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये देखना कितना अद्भुत है कि इंसानी शरीर किस तरह खतरे को अलग-अलग लेकिन आसान सिग्नल के जरिए भांप लेता है।

    क्या ये किसी परेशानी का संकेत हो सकता है?

    वैसे तो गूजबम आना या रोंगटे खड़े होना सामान्य बात है, लेकिन ऐसा लगातार हो रहा है तो ये किसी समस्या का संकेत हो सकता है।

    • केराटोसिस पिलारिस: ये हाथों, पैर या बटक (कूल्हा) पर छोटे-छोटे दानों के रूप में नजर आते हैं। आमतौर पर इससे कोई समस्या या खुजली नहीं होती। ये सिर्फ आपकी स्किन पर रूखे पैच और छोटी-छोटी फुंसियों के रूप में दिखते हैं। मॉइश्चराइजर, क्रीम और स्किन केयर से यह ठीक हो सकता है।
    • एंजाइटी: एंजाइटी डिसऑर्डर और पैनिक अटैक दोनों में ही ठंड महसूस होना उसके लक्षणों में शामिल है। यदि आपको अन्य लक्षणों के साथ लगातार ठंड का एहसास हो रहा है तो डॉक्टर से मिलें।
    • नशा छोड़ने पर: यदि आप अल्कोहल, निकोटीन या नशे की अन्य चीजों को छोड़ने के दौर में हैं तो त्वचा पर छोटी-छोटी फुंसियां नजर आ सकती हैं। ऐसे में आपके काउंसलर मदद कर सकते हैं।
    • मिर्गी के दौरे: ऐसा कम होता है लेकिन कई लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ने के दौरान रोंगटे खड़े हो जाते हैं, खासकर यदि आपको टेम्पोरल लोब एपिलेप्सी है।

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