Flat Feet Exercises: क्या फ्लैट फुट की वजह से रहता है पैरों में दर्द? तो इन योगासनों से मिलेगा आराम
Flat Feet Exercises कई लोगों के फ्लैट फुट होते हैं जिससे उन्हें चलने दौड़ने यहां तक की खड़े होने में भी परेशानी होती है। बचपन में पैरों का विकास ठीक न होने के कारण यह समस्या होती है। कई बार वजन बढ़ने के कारण या चोट लगने के कारण भी यह समस्या हो सकती है। आज आपको कुछ योगासन बताने जा रहे हैं जिससे एड़ियों के दर्द से आराम मिलेगा।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Flat Feet Exercises: कई बार लोगों के पैर के तलवों का आर्च वाला हिस्सा सपाट होता है, तो इसे सपाट पैर या फ्लैट फुट (Flat Foot) कहते हैं। यह समस्या हर उम्र के लोगों में हो सकती है। हालांकि यह बीमारी अक्सर बचपन में ही होती है। पैर ठीक ढंग से विकसित न होने के कारण या चोट लगने के कारण भी यह समस्या होती है, जिसके कारण चलने या दौड़ने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा एड़ी के दर्द से भी लोग परेशान रहते हैं। अगर आप भी फ्लैट फुट की वजह से एड़ी के दर्द से परेशान हैं, तो इन योगासनों से आपको फायदा मिल सकता है।
ताड़ासन
ताड़ासन करने से आपको पैरों में होने वाले दर्द से आराम मिल सकता है। इससे आपकी एड़ी में दर्द और सूजन की दिक्कत भी कम होती है। ताड़ासन करने के लिए सबसे पहले योगा मौट पर सीधे खड़े हो जाएं। अब दोनों पैरों और हाथों को मिलाकर रखें। धीरे-धीरे हाथों को उठाकर सिर के ऊपर ले जाएं। पैर की एड़ी को थोड़ा सा उठाकर पंजों के बल खड़े हो जाएं। हाथों की उंगलियों को मिलाकर हाथ के पंजों को ऊपर की ओर मोड़ें।
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन करने से घुटनों और पैरों के दर्द से आराम मिलता है। वीरभद्रासन करने के लिए सबसे पहले आप योगा मैट पर खड़े हो जाएं। आप सांस अंदर लेते हुए दोनों पैरों को कम से कम तीन फीट की दूरी पर रखें। दाएं घुटने के बल पर दाएं पैर को इतना मोड़ें कि बायां पैर बिल्कुल सीधा हो जाए। दोनों हाथों को ऊपर करके पंजों को आपस में मिलाएं।
गरुड़ासन
गरुड़ासन करने से कंधे, जांघों, एड़ियों, पिंडलियों में खिंचाव आता है। वहीं इसके रोजाना अभ्यास से एड़ियों और पिंडलियों को मजबूती मिलती है। गरुड़ासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। धीरे-धीरे दाएं घुटने को नीचे की तरफ झुकाएं। बाएं पैर को दाएं पैर के चारों तरफ लपेटने की कोशिश करें। इस दौरान पैरों की एड़ियां एक-दूसरे के ऊपर आ जाएंगी और आपका बायां पैर दाहिनी पिंडली के निचले हिस्से को छूना चाहिए। दोनों हाथों को कंधे की ऊंचाई तक उठाएं। दाएं हाथ को बाएं के चारों तरफ लपेट दें। इस दौरान आपकी कुहनियां 90 डिग्री के कोण पर मुड़ी हुई रहेंगी। बैलेंस बनाते हुए हिप्स को धीरे-धीरे नीचे की तरफ लाएं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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