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    Heart Disease का खतरा बढ़ा सकता है फिश ऑयल सप्लीमेंट, जानें दिल के लिए इसके नुकसान

    Updated: Sun, 07 Jul 2024 07:27 AM (IST)

    इन दिनों सेहतमंद रहने के लिए लोग कई तरीके अपना रहे हैं। हेल्दी डाइट और वर्कआउट के साथ ही आजकल फिश ऑयल सप्लीमेंट का चलन भी काफी बढ़ गया है। आमतौर पर शरीर में ओमेगा थ्री फैटी एसिड की कमी को पूरा करने के लिए fish oil supplements का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि ज्यादा मात्रा में इसका सेवन दिल को नुकसान पहुंचा सकता है।

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    दिल के लिए हानिकारक फिश ऑयल सप्लीमेंट्स (Picture Credit- Freepik)

    लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। हेल्दी सप्लीमेंट के बढ़ते चलन के बीच अब फिश ऑयल सप्लीमेंट का प्रचलन भी बढ़ गया है। फिश यानी मछली की कोशिकाओं से निकाला गया फैटी एसिड ही फिश ऑयल सप्लीमेंट बनाता है। यह ओमेगा थ्री फैटी एसिड का एक बेहतरीन डाइटरी स्रोत है। हमारे शरीर को ओमेगा थ्री फैटी एसिड की बहुत जरूरत होती है। ऐसे तो फिश ऑयल उस गैप को भरता है जो कि अपर्याप्त मात्रा में ओमेगा थ्री लेने के कारण पैदा होता है।

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    हालांकि, अगर हम अपनी डाइट से ही भरपूर ओमेगा थ्री फैटी एसिड का सेवन कर लेते हैं, तो किसी प्रकार के फिश ऑयल सप्लीमेंट की जरूरत ही नहीं पड़ती है। ऐसा माना जाता है कि फिश ऑयल सप्लीमेंट से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है, लेकिन इसके कई नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं कि कैसे फिश ऑयल सप्लीमेंट हैं हार्ट के लिए खतरा-

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    दिल को नुकसान पहुंचा सकता फिश ऑयल सप्लीमेंट

    ऐसे तो फिश ऑयल सप्लीमेंट का इस्तेमाल कार्डियोवास्कुलर यानी हार्ट संबंधी खतरों को कम करने के लिए किया जाता है, लेकिन शोध के अनुसार जिन लोगों को हार्ट संबंधी कोई खतरा पहले से नहीं है, उन लोगों में सप्लीमेंट लेने के बाद ये खतरा आश्चर्यजनक रूप से बढ़ा हुआ पाया गया है। जिन्हें पहले से ही कोई हार्ट की बीमारी है, उनके लिए तो ये एक फायदेमंद चीज पाई गई, लेकिन आम जनता के लिए बचाव के तौर पर इसका इस्तेमाल करने पर ये रोग को बढ़ावा देने में जिम्मेदार पाया गया।

    महिलाओं में बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा

    जर्नल बीएमजे मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार लाखों लोगों पर किए एक रिसर्च में ये पाया गया कि पहले से जिन्हें किसी भी प्रकार की कार्डियोवैस्कुलर बीमारी नहीं थी, उन लोगों में सप्लीमेंट लेने के बाद 13% तक एट्रियल फिब्रिलेशन का और 5% तक स्ट्रोक का खतरा बढ़ा हुआ पाया गया। महिलाओं में इससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हार्ट फेल की संभावना 6% तक बढ़ी हुई पाई गई। ये तुलना उन लोगों से की गई, जिन्हें कोई भी कार्डियोवैस्कुलर बीमारी नहीं थी और न ही उन्होंने किसी प्रकार का सप्लीमेंट लिया।

    एक्सपर्ट की सलाह जरूरी

    हालांकि, इसी शोध में ये बात भी साफ हुई कि जिन्हें पहले से कार्डियोवैस्कुलर बीमारी थी, फिश ऑयल सप्लीमेंट लेने के बाद उनमें एट्रियल फिब्रिलेशन का हार्ट अटैक में बदलने की संभावना 15% तक कम हो गई और 9% तक हार्ट फेल से मृत्यु की संभावना भी कम हुई। इससे ये बात स्पष्ट है कि शरीर में ओमेगा थ्री फैटी एसिड की मात्रा एक सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए और फिश ऑयल सप्लीमेंट का इस्तेमाल किसी एक्सपर्ट की राय पर ही करें।

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    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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