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    First Pregnancy: पहली बार मां बनने जा रहीं महिलाओं को रखना चाहिए इन बातों का ख्याल

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Tue, 28 Feb 2023 05:54 PM (IST)

    First Pregnancy वैसे तो मां बनने का एहसास अपने आप में बहुत ही खास है लेकिन पहली बार मां बनने का अनुभव कुछ अलग ही है। चलिए जानते हैं ऐसे कुछ टिप्स के बारे में जिनका ख्याल रख महिलाएं खुद का ध्यान रख सकती हैं।

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    First Pregnancy: पहली बार मां बनने जा रहीं महिलाओं को रखना चाहिए इन बातों का ख्याल

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। First Pregnancy: किसी भी महिला के जीवन में गर्भावस्था एक बहुत ही अद्भुत और खास समय होता है। वैसे तो मां बनने का एहसास अपने आप में बहुत ही खास है, लेकिन पहली बार मां बनने का अनुभव कुछ अलग ही है। जो भी महिलाएं पहली बार इस चरण का अनुभव कर रही हैं, उनके लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि गर्भावस्था कोई बीमारी नहीं है।

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    इसे एक शारीरिक विस्तार माना जाना चाहिए और जिसमें आपको अपने शरीर और सेहत का अतिरिक्त ख्याल रखने की जरूरत होती है। जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, आपके शरीर में कई सारे परिवर्तनों होने शुरू हो जाते हैं, जिसके बारे में जानकारी होना अतिआवश्यक है। आपको गर्भावस्था के दौरान किसी भी खतरनाक संकेत को पहचानने में भी सक्षम होना महत्वपूर्ण हो जाता है।

    पहली बार गर्भावस्था के दौरान के टिप्स-

    1. मतली आना

    गर्भावस्था की पहली तिमाही में महिलाओं को मतली, उल्टी और भूख न लगना आम बात है। मॉर्निंग सिकनेस कई महिलाओं के लिए सामान्य है। इस शुरुआती चरण में कुछ लोगों को थकान, सुस्ती और नींद आना भी आम बात है। ऐसा प्रेगनेंसी हार्मोन के बढ़ने के कारण होता है। आपकी प्रसूति विशेषज्ञ आपको इसके लिए फोलिक एसिड के साथ दवा देंगी। अगर दवा लेने के बावजूद उल्टी गंभीर है, जिसके चलते कोई लिक्विड पदार्थ का सेवन करने में भी आप असमर्थ हैं, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, जिससे आपको डिहाइड्रेशन से तुरंत निजात मिल सके। जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, पहली तिमाही के बाद मतली और उल्टी लगभग बंद हो जाती है और महिला बेहतर महसूस करने लगती है, साथ ही भूख में सुधार होने लगता है।

    2. प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान यात्रा करना

    पहले तीन महीनों के दौरान शहर से बाहर जाने और दुपहिया वाहनों की सवारी से बचने की सलाह दी जाती है। अगर आप एक कामकाजी महिला हैं, तो आप काम करना जारी रख सकती हैं, बशर्ते आप अधिक तनाव लेकर काम करने से बचें ताकि आपकी गर्भावस्था खतरे में आने से बच सके।

    3. गर्भावस्था में वजन बढ़ना

    आम धारणा बनी हुई है कि गर्भावस्था के दौरान तेजी से वजन बढ़ता है, लेकिन ऐसा उन महिलाओं के साथ है जो इस दौरान अपने खान-पान का ध्यान नहीं रखतीं और ज्यादातर समय आराम करने में बिताती हैं। आदर्श वजन और बॉडी मास इंडेक्स पर अपनी गर्भावस्था शुरू करने वालों के लिए प्रति माह 1 किलो वजन बढ़ने की अनुमति है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान भी अनहेल्दी खाने की आदतों के कारण वजन तेजी से बढ़ता है, जिसके चलते गर्भावस्था में मधुमेह और बीपी का खतरा होता है। पहली गर्भावस्था के दौरान आपका आहार संतुलित होना चाहिए और इसमें चीनी और चावल के बजाय सब्जियां, अंडे, दूध, हल्का मीट, सी फूड, अंकुरित अनाज, फल और मेवे जैसे फूड्स को शामिल करना चाहिए। इसी के साथ अत्यधिक नमकीन और तैलीय भोजन दूरी बनाना चाहिए।

    4. कब्ज

    गर्भावस्खा के दौरान कब्ज की भी शिकायत हो जाती है। ऐसे में महिलाओं को बहुत सारे हेल्दी लिक्विड्स को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान कब्ज एक आम समस्या है, इसलिए यह सलाह दी जाती है कि आप फाइबर से भरपूर आहार लें। चुकंदर, गाजर, केला, सेब, जामुन और दालों का सेवन करें।

    5. पर्याप्त नींद सुनिश्चित करें

    रात में आठ घंटे की अच्छी नींद और दिन में थोड़ा आराम करना अच्छा होता है। रात के समय में काम करने से बचें। बाईं तरफ करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह मां से बच्चे की ओर ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है।

    6. गर्भावस्था के दौरान व्यायाम और मूवमेंट करें

    आमतौर पर दूसरी तिमाही पूरी होने के बाद गर्भवती महिला को चलने-फिरने की सलाह दी जाती। हालांकि, ज्यादा जोर से चलना नुकसान दायक हो सकता है। इसके अलावा ध्यान करना, गहरी सांस लेना और प्रसवपूर्व योग करना प्रेग्नेंसी में मदद करते हैं। अगर आप वर्किंग वुमन हैं और डेस्क पर बैठे रहने की आपकी जॉब है तो, बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लेना और कुछ मिनटों के लिए टहलना अच्छा होता है। मुलायम जूते और ढीले-ढाले कपड़े पहनें जिससे आप सहज महसूस करेंगी। सबसे महत्वपूर्ण है वजन उठाने और घुटनों के बल झुकने से बचें।

    7. सप्लिमेंट्स और वैक्सीनेशन

    गर्भावस्था के दौरान आयरन, मल्टीविटामिन और कैल्शियम सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा टेटनस, डिप्थीरिया, पर्टुसिस और फ्लू जैसे विकारों से बचने के लिए टीकाकरण की भी सलाह दी जाती है।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।