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Fighting COVID-19: क्या कोरोना वायरस से लड़ने में प्राणायाम कर सकता है मदद?

Fighting COVID-19 ब भी हम फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं तो हम सांस से जुड़े व्यायाम के बारे में बात न करें ऐसा नहीं हो सकता। यहीं इस महामारी के दौरान भी हो रह है।

By Ruhee ParvezEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 12:05 PM (IST)
Fighting COVID-19: क्या कोरोना वायरस से लड़ने में प्राणायाम कर सकता है मदद?
क्या कोरोना वायरस से लड़ने में प्राणायाम कर सकता है मदद?

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Fighting Covid-19: कोरोना वायरस के लंबे प्रभावों के बारे में अब भी शोध किए जा रहे हैं, हालांकि, ये हम जानते हैं कि ये संक्रमण गंभीर तीक्ष्ण श्वसन सिंड्रोम यानी SARS है और ये खासतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसलिए जब कोविड के लिए फेफड़े मुख्य युद्ध का मैदान हैं, तो आपके लिए फेफड़ों की देखभाल करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।

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और जब भी हम फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं, तो हम सांस से जुड़े व्यायाम के बारे में बात न करें ऐसा नहीं हो सकता। यहीं इस महामारी के दौरान भी हो रह है। इसलिए सोशल मीडिया पर भी फेफड़ों को मज़बूत करने के लिए सांस लेने का व्यायाम यानी प्राणायाम के अभ्यास की सलाह चारों तरफ देखी जा सकती है। कई भी रिपोर्टेस हैं जो ये दावा करती हैं कि प्रणायाम कोरोना वायरस को आपके शरीर से पूरी तरह ख़त्म कर सकता है।  

आइए जानें क्या है सच!

कोविड और सांस लेने की एक्सरसाइज़

डॉक्टरों के अनुसार, सांस लेने वाली एक्सरसाइज़ ज़्यादा मददगार साबित नहीं होती, लेकिन अगर किसी व्यक्ति में ऑक्सीजन का स्तर कम है, तो आसन में परिवर्तन (Posture change) मदद कर सकता है। अगर एक व्यक्ति अपने पेट के बल लेटता है, तो यह फेफड़ों में बहुत सारे अतिरिक्त क्षेत्र को खोलता है और सांस लेने में मदद करता है।

बेहतर सांस लेने के लिए इसका अभ्यास करने का सबसे अच्छा तरीका बाएं पार्श्व स्थिति में 2 घंटे लेटें, दाएं पार्श्व स्थिति में दो घंटे लेटें, पेट के बल 2 घंटे और फिर पीठ के बल 2 घंटे लेटें। सांस में मदद के लिए इसे दिन में एक बार किया जा सकता है। यह अभ्यास कोविड ​​पॉज़िटिव रोगियों के लिए बेहत ज़रूरी है, जो सांस की परेशानी का अनुभव करते हैं।

डॉक्टर ने साथ ही ये चेतावनी भी दी कि जब भी कोई व्यक्ति कम ऑक्सीजन का अनुभव कर रहा है, तो उसे सांस से जुड़े भारी व्यायाम नहीं करना चाहिए। जो लोग कोविड पॉजिटिव हैं या अस्थमा जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीज़ हैं, उनके लिए प्राणायाम करना उचित नहीं है, क्योंकि इसमें सांस लेने में काफी दबाव दिया जाता है। 

इसे सीधे शब्दों में कहें, तो श्वसन नियंत्रण प्रथाओं को फेफड़ों की क्षमता और स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए किया जाता है। लेकिन अगर आप कोविड पॉज़िटिव हैं, तो ज़बरदस्ती प्राणायाम न करें, इससे बेहतर है कि कमरे में ही धीरे-धीरे चल लें और अनुलोम विलोम करें।

यहां तक कि जिन्हें कोविड-19 है और वे जल्दी ठीक होने के लिए प्राणायाम करना चाहते हैं, आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की भी उन सभी लोगों सलाह है कि वे थोड़ा सब्र रखें। अगर आप पहले से रोज़ाना प्राणायाम करते आए हैं, तो इसे जारी रखा जा सकता है, लेकिन अपने आप को इसे करने का दबाव न डालें खासकर अगर आपको खांसी है। इस तरह आप शरीर को ज़बरदस्ती थका देंगे। 

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।


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