डाइबिटीज टाइप 2 तथा कोलस्ट्राल की दवा से आंखों को भी फायदा, शोध में हुआ खुलासा
शोधकर्ताओं ने बताया है कि उच्च आय वर्ग वाले देशों में वयस्कों में होने वाली आंखों की बीमारियों में प्रमुख है। एएमडी सेंट्रल विजन और चीजों को समझने की ...और पढ़ें

लंदन, एएनआइ : जीवनशैली से जुड़ी दो बीमारियां- डायबिटीज तथा कोलेस्ट्राल का बढ़ना आम बात हो गई है। लोग इससे बचाव और इलाज के लिए नियमित तौर कई दवाएं लेते हैं और नुस्खे भी आजमाते हैं। ऐसे में कई दवाइयों के दुष्परिणाम भी सामने आते रहे हैं। लेकिन यह जानकर राहत मिल सकती है कि इन बीमारियों में ली जाने कुछ दवाएं आपकी आंखों की सेहत की भी रक्षा कर सकती हैं।
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि डाइबिटीज टाइप 2 तथा कोलस्ट्राल का स्तर को मैनेज करने के लिए ली जाने कुछ विशिष्ट दवाएं आपके लिए बढ़ती उम्र के साथ आंखों में होने वाले माकुलर क्षय (एज रिलेटेड माकुलर डिजनेरेशन- एएमडी) के जोखिम को कम करती हैं। यह निष्कर्ष आनलाइन ब्रिटिश जर्नल आफ आफ्थोलमोलाजी में प्रकाशित किया गया है। इसके अनुसार, यूरोपीय आबादी में इन रोगों के इलाज में सामान्य तौर पर इस्तेमाल होने वाली दवाओं का संबंध एएमडी का जोखिम होने से भी है।
शोधकर्ताओं ने बताया है कि उच्च आय वर्ग वाले देशों में वयस्कों में होने वाली आंखों की बीमारियों में प्रमुख है। एएमडी सेंट्रल विजन और चीजों को समझने की क्षमता दोनों को प्रभावित करता है। लेकिन इसकी रोकथाम का कोई तरीका अभी मालूम नहीं है।
इस शोध में 14 देशों के लोगों को शामिल किया। उन सभी प्रतिभागियों की उम्र 50 वर्ष से ऊपर थी तथा न्यूरोडिजनेरेटिव रोग के उपचार के लिए लेवोडोपा नामक दवा ले रहे थे। साथ ही कोलेस्ट्राल कम करने के लिए स्टैटिंस तथा डायबिटीज के लिए इंसुलिन और इन्फ्लैमेशन को कम करने के लिए स्टेरायड्स ले रहे थे। इनमें एएमडी से पीड़ितों की संख्या 12.5 से 64.5 प्रतिशत तक थी, जबकि बाद में यह 0.5 से 35.5 प्रतिशत तक पाया गया। संभावित कारकों को ध्यान में रखते हुए विश्लेषण करने पर पाय गया कि कोलेस्ट्राल कम करने तथा डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए ली गई दवाओं का इनमें योगदान क्रमश: 15 तथा 22 प्रतिशत रहा।

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