सूखापन या धुंधला दिखना ही नहीं, ये 8 संकेत भी बताते हैं कमजोर होने लगी हैं आपकी आंखें
आंखें न सिर्फ हमें इस खूबसूरत दुनिया को देखने का मौका देती हैं बल्कि हमारे रोजमर्रा के कामों को भी आसान बनाती हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना और खराब लाइफस्टाइल के कारण हमारी आंखें कमजोर होने लगती हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको इसके 8 संकेत (Eye Weakness Warning Signs) बताते हैं जिन्हें नजरअंदाज करने से बचना चाहिए।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Eye Weakness Warning Signs: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, घंटों स्क्रीन पर बिताया जाने वाला समय और गलत खान-पान हमारी आंखों पर बुरा असर डाल सकता है। अक्सर हम आंखों की कमजोरी को सिर्फ धुंधला दिखने या सूखापन होने से जोड़ते हैं, लेकिन कई और संकेत भी हैं जो यह बताते हैं कि आपकी आंखें धीरे-धीरे कमजोर हो रही हैं।
अगर इन लक्षणों (Weakening Eyes Symptoms) को समय रहते पहचान लिया जाए, तो आंखों की रोशनी बचाई जा सकती है और समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। तो आइए जानते हैं वो 8 छिपे हुए संकेत (Eye Care Tips) जो आंखों की कमजोरी का इशारा करते हैं।
1) सिरदर्द बार-बार होना
अगर आपको अक्सर सिरदर्द रहने लगा है, खासकर जब आप मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखते हैं, तो यह आंखों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। जब हमारी आंखें ज्यादा मेहनत करती हैं, तो स्ट्रेन बढ़ता है, जिससे सिर में दर्द होने लगता है।
क्या करें?
- हर 20 मिनट बाद स्क्रीन से ब्रेक लें।
- रोजाना आंखों के लिए एक्सरसाइज करें।
2) आंखों में जलन और भारीपन
अगर आपकी आंखें दिनभर थकी-थकी, भारी या जलन से भरी महसूस होती हैं, तो यह संकेत है कि वे जरूरत से ज्यादा थक रही हैं। खासकर ड्राई आई सिंड्रोम होने पर आंखें ज्यादा ड्राई हो जाती हैं और उनमें खुजली होती है।
क्या करें?
- आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोएं।
- कंप्यूटर पर काम करते समय ज्यादा पलकें झपकाएं।
- आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें (डॉक्टर की सलाह से)।
3) कम रोशनी में देखने में दिक्कत
अगर आपको रात में या कम रोशनी में चीजें देखने में मुश्किल हो रही है, तो यह आंखों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। इसे नाइट ब्लाइंडनेस भी कहते हैं, जिसमें आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।
क्या करें?
- विटामिन A से भरपूर फूड्स (गाजर, पालक, अंडे) खाएं।
- डॉक्टर से जांच करवाएं और सही चश्मा पहनें।
4) डबल विजन
अगर किसी चीज को देखने पर आपको दोहरी छवि दिखाई देती है या चीजें डबल दिखने लगती हैं, तो यह आंखों की मांसपेशियों में कमजोरी का संकेत हो सकता है।
क्या करें?
- बिना देर किए नेत्र रोग विशेषज्ञ (Eye Specialist) से मिलें।
- आंखों की रेगुलर जांच करवाएं।
5) पढ़ते या लिखते समय अक्षर हिलते दिखना
अगर किताब पढ़ते या फोन स्क्रीन पर मैसेज पढ़ते समय अक्षर हिलते या धुंधले लगते हैं, तो यह आंखों की रोशनी कमजोर होने का शुरुआती संकेत हो सकता है।
यह भी पढ़ें- आंखों में होने वाली जलन या दर्द को भूलकर न करें अनदेखा, इन 5 समस्याओं का हो सकता है संकेत
क्या करें?
- हर 30 मिनट बाद आंखों को आराम दें।
- सही नंबर का चश्मा लगाएं।
6) सूरज की रोशनी या तेज लाइट से परेशानी
अगर आपको सूरज की रोशनी या कार की हेडलाइट से ज्यादा दिक्कत होती है और आंखें सिकुड़ने लगती हैं, तो यह संकेत है कि आपकी आंखें लाइट सेंसिटिव हो गई हैं।
क्या करें?
- बाहर जाते समय धूप का चश्मा पहनें।
- मोबाइल और लैपटॉप की ब्राइटनेस कम करें।
7) आंखों के आसपास काले घेरे और सूजन
अगर आपकी आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स बढ़ने लगे हैं या आंखें सूजी हुई लगती हैं, तो यह आंखों की थकान और कमजोरी का संकेत हो सकता है।
क्या करें?
- भरपूर नींद लें (कम से कम 7-8 घंटे)।
- आंखों पर ठंडी चाय की थैली या खीरा रखें।
8) आंखों का बार-बार लाल होना
अगर आपकी आंखें बिना किसी वजह के बार-बार लाल हो जाती हैं और पानी आने लगता है, तो यह भी आंखों की कमजोरी और थकावट का संकेत हो सकता है।
क्या करें?
- आंखों को आराम दें और स्क्रीन टाइम कम करें।
- डॉक्टर की सलाह से आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
कैसे रखें अपनी आंखों को हेल्दी?
- आंखों की एक्सरसाइज करें : हर रोज आंखों को घुमाएं, दूर और पास की चीजों को देखें।
- बैलेंस डाइट लें : गाजर, पालक, टमाटर, नट्स और अंडे का सेवन करें।
- आंखों को आराम दें : 20-20-20 नियम अपनाएं (हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)।
- भरपूर नींद लें : कम से कम 7-8 घंटे सोएं, ताकि आंखें रिलैक्स हो सकें।
- रेगुलर आई चेकअप कराएं : साल में कम से कम एक बार आंखों की जांच जरूर करवाएं।
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें! समय रहते आंखों की देखभाल करें, सही खान-पान अपनाएं और नियमित जांच करवाएं।
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Disclaimer: लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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