प्रेग्नेंसी में ज्यादा वजन मां और बच्चे के लिए है खतरनाक, एक्सपर्ट से जानें कैसे करें वेट मेंटेन
प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ना एक सीमा तक ही हेल्दी माना जाता है। जी हां अगर गर्भावस्था के दौरान वजन ज्यादा बढ़ जाए तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक (Pregnancy Weight Gain Risks) हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में वेट कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। आइए एक्सपर्ट की मदद से इस विषय को विस्तार से समझें और जानें कि प्रेग्नेंसी में वेट कंट्रोल करना क्यों जरूरी है।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Pregnancy Weight Gain Risks: प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का सबसे खास और सेंसिटिव दौर होता है। इस दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिनमें वजन बढ़ना भी एक आम बात है। हालांकि, जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने से न केवल मां को, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है। वेट को कंट्रोल में रखना न केवल प्रेग्नेंसी को हेल्दी बनाता है, बल्कि सेफ डिलीवरी और बच्चे की ओवरऑल ग्रोथ में भी मदद करता है।
अक्सर महिलाओं को यह समझ नहीं आता कि प्रेग्नेंसी में कितना वजन बढ़ना सामान्य है और किस स्तर के बाद यह चिंता का विषय बन सकता है। ऐसे में, कुछ महिलाओं का वजन ज्यादा बढ़ जाता है, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और कॉम्प्लिकेटेड डिलीवरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं, बहुत कम वजन बढ़ने से बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है।
इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान वजन को बैलेंस्ड बनाए रखना (Gestational Weight Management) बहुत जरूरी है। आइए, यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी की सीनियर कंसलटेंट गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ, डॉ. स्नेहा मिश्रा से इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रेग्नेंसी में जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने के नुकसान
- जेस्टेशनल डायबिटीज: प्रेग्नेंसी में ज्यादा वजन बढ़ने से शरीर में इंसुलिन का बैलेंस बिगड़ सकता है, जिससे जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या हो सकती है। इसका असर बच्चे के जन्म के बाद भी रह सकता है और आगे चलकर उसे टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।
- हाई ब्लड प्रेसर और प्री-एक्लेम्पसिया: जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे मां और बच्चे दोनों को खतरा हो सकता है। यह समस्या समय से पहले डिलीवरी या अन्य कॉम्प्लिकेशन्स को जन्म दे सकती है।
- सिजेरियन डिलीवरी की संभावना: ज्यादा वजन होने पर नॉर्मल डिलीवरी मुश्किल हो जाती है और सिजेरियन डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है, जिससे रिकवरी में ज्यादा समय लग सकता है।
- बच्चे की सेहत पर असर: शोध बताते हैं कि गर्भावस्था में ज्यादा वजन बढ़ने से जन्म के बाद बच्चे में मोटापा, दिल की बीमारियों और डायबिटीज जैसी समस्याओं की संभावना बढ़ सकती है।
- डिलीवरी के समय कॉम्प्लिकेशन: वजन ज्यादा होने पर डिलीवरी लंबी और दर्दनाक हो सकती है। साथ ही, ज्यादा वजन से शरीर में सूजन, थकान और जोड़ों में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान कितना बढ़ना चाहिए वजन?
यह इस बात पर निर्भर करता है कि प्रेग्नेंसी से पहले महिला का वजन कितना था। आइए जानें।
- अगर महिला का वजन सामान्य (बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) 18.5-24.9) है, तो गर्भावस्था में 10-15 किलोग्राम वजन बढ़ना सामान्य माना जाता है।
- ज्यादा वजन (बीएमआई 25-29.9) होने पर 7-11 किलोग्राम वजन बढ़ना सही रहता है।
- मोटापे की स्थिति में (बीएमआई 30 से अधिक) 5-9 किलोग्राम से ज्यादा वजन नहीं बढ़ना चाहिए।
डॉ. स्नेहा मिश्रा बताती हैं कि प्रेग्नेंसी में बैलेंस डाइट और हल्की शारीरिक गतिविधियों से वजन को कंट्रोल में रखा जा सकता है। जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने से जेस्टेशनल डायबिटीज, हाई बीपी और डिलीवरी से जुड़े कॉम्प्लिकेशन्स का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, महिलाओं को रेगुलर टेस्ट कराने चाहिए और अपने डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए।
वेट कंट्रोल करने के लिए कुछ जरूरी टिप्स
- बैलेंस डाइट लें: फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर डाइट लें। कैलोरी से भरपूर जंक फूड, तले-भुने और ज्यादा मीठे फूड आइटम्स से बचें।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें: डॉक्टर की सलाह से योग, वॉकिंग या हल्की एक्सरसाइज करें। यह न केवल वेट को कंट्रोल करता है, बल्कि डिलीवरी को भी आसान बनाता है।
- हाइड्रेटेड रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। यह मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
- अचानक ज्यादा वजन बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क करें: अगर किसी महिला का वजन सामान्य से ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है या शरीर में जरूरत से ज्यादा सूजन हो रही है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी में सही वजन बनाए रखना मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है। बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और डॉक्टर की निगरानी से प्रेग्नेंसी को सेफ और हेल्दी बनाया जा सकता है। अगर आप भी मां बनने वाली हैं, तो अपनी सेहत का ध्यान रखें और एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
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