Heart Attack First Aid Tips: आपके आसपास किसी को पड़ जाए दिल का दौरा तो क्या करें?
Heart Attack First Aid Tips दिल का दौरा पड़ने पर हर पल कीमती हो जाता है। आपके आसपास किसी को दिल का दौरा पड़े तो फौरन एक्शन लेने में गी समझदारी है। इसके लिए दिल के दौरे से जुड़े ज़रूरी लक्षणों के बारे में पता होना भी ज़रूरी है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Heart Attack First Aid Tips: दिल का दौरा पड़ना एक मेडिकल एमर्जेंसी है। दिल का दौरा जब पड़ता है तो उस वक्त हर सेकेंड क़ीमती होता है। एक सेकंड में स्थिति बदल सकती है। इसलिए अगर आपके करीब किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है, तो आपको प्राथमिक उपचार के बारे में पता होना चाहिए ताकि आप उस व्यक्ति की फौरन मदद कर सकें।
दिल का दौरा जिस व्यक्ति को पड़ता है उसके लिए हर सेकंड कीमती हो जाता है। खासतौर पर ऐसी जगहों पर जहां मेडिकल मदद मिलने में देर हो सकती है, वहां CPR मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए दिल के दौरे से जुड़े लक्षणों के बारे में भी पता होना चाहिए।
दिल के दौरे के लक्षण
दिल के दौरे के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं और पैनिक की वजह से इन्हें समझना मुश्किल हो जाता है। जब दिल का दौरा पड़ता है, तो आमतौर पर, लोग सीने में दर्द महसूस करते हैं, जो एक दबाव की तरह होता है। दर्द अक्सर सीने के बीचों-बीच होता है। दर्द जबड़े, कंधे, हाथ, पेट और पीठ में भी महसूस होता है। ब्रिटिश रेडक्रॉस सोसाइटी का कहना है कि यह दर्द इसलिए होता है क्योंकि एक रुकावट रक्त को हृदय की मांसपेशियों में जाने से रोकती है। और यह दर्द आराम करने से शांत नहीं होगा।
व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आएगी, कमज़ोरी और उल्टे हाथ में सुन्न महसूस होगा। दिल के दौरा पड़ने के दौरान व्यक्ति बेहोश हो सकता है और उसे काफी पसीना भी आ सकता है।
दिल का दौरा पड़ने पर प्राथमिक उपचार
अगर आपको किसी व्यक्ति में दिल के दौरे के लक्षण नज़र आते हैं, तो इंतज़ार न करें और फौरन एक्ट करें। आपको यह याद रखने की ज़रूरत है कि यह एक ऐसी गंभीर मेडिकल स्थिति है, जिसमें हर सेकंड की एहमियत है।
एमर्जेंसी नम्बर पर कॉल लगाएं
सबसे पहला कदम है एमर्जेंसी नम्बर पर एम्बूलेंस के लिए कॉल करें। मरीज़ को प्राथमिक उपचार तो मिल जाएगा, लेकिन उसे जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना भी ज़रूरी है।
व्यक्ति को बैठने में मदद करें
मेडिकल एंर्जेंसी कॉल लगाने के बाद, व्यक्ति को आरामदायक जगह पर बिठाएं। बैठने से दिल से दबाव कुछ कम होता है। एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि बैठने से दिल का दौरा पड़ने से व्यक्ति बेहोश नहीं होता।
उनसे बात करते रहें
जब मेडिकल हेल्प आए, पीड़ित व्यक्ति से बातचीत करते रहें। व्यक्ति को भरोसा दिलाएं कि सबकुछ जल्द ठीक हो जाएगा और एम्बूलेंस रास्ते में ही है।
CPR दें
अगर व्यक्ति बेहोश हो जाता है, तो जबतक एम्बूलेंस न आए, उसे CPR दें। अगर व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है या आपको नाड़ी नहीं मिल रही है, तो आपातकालीन चिकित्सा सहायता के लिए कॉल करने के बाद रक्त प्रवाह को बनाए रखने के लिए सीपीआर शुरू करें। मेयोक्लिनिक के विशेषज्ञों का कहना है कि काफी तेज़ लय में व्यक्ति की छाती के बीच में ज़ोर से और तेज़ी से झटका दें - लगभग 100 से 120 कंप्रेशन।
इन बातों का भी रखें ख्याल
कई बार प्राथमिक चिकित्सा उपचार में देरी हो सकती है या कई मामलों में कुछ बुरा होने को रोका जा सकता है, इसलिए समझदारी इसी में है कि जितनी जल्दी हो सके चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।
जब आप बेहतर महसूस करने लगें, तो रेगुलर चेर-अप को न टालें। सही समय पर चेकअप कराना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि जितनी जल्दी मेडिकल ट्रीटमेंट शुरू होगा उतना ही बेहतर है।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।