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    Benefits of Eucalyptus Oil: बंद नाक से लेकर शूगर तक कंट्रोल रखता है यूकेलिप्टस का तेल

    By Shilpa SrivastavaEdited By:
    Updated: Fri, 18 Dec 2020 03:03 PM (IST)

    Benefits of Eucalyptus Oil यूकेलिप्टस या नीलगिरी के तेल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो त्वचा के हर संक्रमण को दूर करते हैं। यह आपको मुलायम एवं दागरहित त्वचा प्रदान करता है। यह तेल लगाने से जलन में आराम मिलता है।

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    सर्दी ठीक करने के साथ ही मस्तिष्क को भी ठीक रखता है ये तेल।

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। सर्दी का मौसम है और इस मौसम में सर्दी खांसी बेहद परेशान करती है। जब छाती में कफ की मात्रा बढ़ जाती है तो नाक बंद होने लगती है, यहां तक सांस लेना भी दूभर हो जाता है। सांस से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों में यह समस्या बेहद जटिल हो सकती है। सर्द मौसम में स्वस्थ लोगों में भी नाक बंद होने की समस्या आम है। बंद नाक को खोलने के लिए हम आपको बताते है कि यूकेलिप्टस का तेल किस तरह कारगर साबित होता है। यूकेलिप्टस तेल से बंद नाक तुरंत खुल जाती है, और सर्दी से राहत मिलती है। आइए बताते हैं यूकेलिप्टस के कई फायदे

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    बंद नाक से कफ को तुरंत हटाता है:

    यूकेलिप्टस का तेल कफ भर जाने की स्थिति में बंद नाक को तुरंत खोल देता है। यह छाती से कफ को बाहर निकलने में मदद करता है। विक्स वेपोरब में भी यूकेलिप्टस की थोड़ी मात्रा रहती है।

    ब्लड शूगर को संतुलित रखता:

    डायिबटीज में भी यूकेलिप्टस के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि अभी तक इसके बारे में ठोस वैज्ञानिक अध्ययन सामने नहीं आए है लेकिन इससे ब्लड शुगर संतुलित रहता है।

    स्किन डीजिज को दूर रखता:

    स्किन में किसी भी तरह के हर्प संक्रमण को रोकने में यूकेलिप्टस के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। स्किन में सूजन होने पर इसे बाम की तरह लगाया जाता है।

    घुटनों का दर्द सही करता:

    यूकेलिप्टस का तेल घुटनों के दर्द में भी इस्तेमाल किया जाता है। ऑर्थराइटिस, न्यूमोटोएड ऑर्थराइटिस जैसी दर्द से संबंधित बीमारियों में दर्द से राहत पाने के लिए येकेलिप्टस का तेल बहुत असरकारक है।

    छाती को साफ करता है:

    अक्सर देखा जाता है कि छाती में कफ बढ़ जाता है लेकिन यह निकलता नहीं। दवा लेने पर कई बार कफ छाती में रह जाता। ऐसी स्थिति में यूकेलिप्टस का तेल छाती में जमा म्यूकस को बाहर निकालता है। इसे लेने के बाद खांसी के समय छाती से सभी म्यूकस बाहर निकल जाता है।

    बग्स को दूर रखता:

    मच्छर और कई तरह के कीट फतंगों के काटने से शरीर में संक्रामक बीमारी पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवी परजीवी पैदा होने लगते हैं। ये शरीर में कई तरह की बीमारियां फैला सकते हैं इन कीट फतंगों और मच्छरों को भगाने के लिए डीईईटी का छिड़काव किया जाता है लेकिन कई जगह ऐसा हो नहीं पाता। ऐसे में अपने घरों में यदि आप यूकेलिप्टस के तेल में नींबू मिलाकर छिड़काव करें तो ये सभी परजीवी भाग जाते हैं।

    घाव को संक्रमित नहीं होने देता:

    ऑस्ट्रेलिया के आदिम निवासी सदियों से घाव होने पर यूकेलिप्टस का तेल का इस्तेमाल करते हैं। आजकल यूकेलिप्टस के तेल को कटी-फटी जगहों पर लगाते हैं, ताकि किसी तरह का इंफेक्शन न हो। इसके अलावा स्किन की सूजन में भी यह बेहद असरकारी है।

    अस्थमा में भी कारगर:

    सांस से संबंधित बीमारियां जैसे अस्थमा और साइनसिटीस के दौरान यूकेलिप्टस का तेल लेने से सांस लेने के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती है। यानी फेफड़ें से लेकर गले तक की नलिकाएं साफ हो जाती है जिससे सहज तरीके से सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं होती।

                      Written By :Shahina Noor