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    Bladder Infection: इन तरीकों को अपनाकर आसानी से पा सकते हैं ब्लैडर इन्फेक्शन से राहत

    By Ritu ShawEdited By: Ritu Shaw
    Updated: Thu, 27 Jul 2023 08:52 AM (IST)

    Bladder Infection स्वस्थ्य शरीर पाने की चाह में हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि केवल दिल गुर्दे फेफड़े ही शरीर का मुख्य हिस्सा नहीं हैं बल्कि हमारा यूरीनरी सिस्टम भी उतना ही महत्वपूर्ण है। कई बार जाने-अनजाने हम ब्लैडर इन्फेक्शन का शिकार हो जाते हैं जिससे कई दिन बर्बाद हो सकता है। इस आर्टिकल में हम आपको इससे निपटने के कुछ होम रेमेडीज बताएंगे।

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    ब्लैडर इन्फेक्शन से राहत दिलाएंगे ये टिप्स

    नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Bladder Infection: अगर कभी आपको पेशाब करते समय जलन महसूस हुई हो, बार-बार बाथरूम जाना पड़ता हो या फिर पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो रहा हो, तो यह ब्लैडर इन्फेक्शन हो सकता है, जिसे मूत्र पथ संक्रमण या यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन भी कहा जाता है। वैसे तो यह एक आम परेशानी है, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है। लेकिन अगर समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो परिणाम कई बार गंभीर भी हो सकते हैं। हालांकि, इस समस्या से राहत पाने के लिए ऐसे कई प्रभावी उपाय हैं जिन्हें घर पर ही आज़माया जा सकता है। आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

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    ब्लैडर इन्फेक्शन से राहत पाने के लिए क्या करें?

    हाइड्रेटेड रहें

    मूत्राशय के संक्रमण से निपटने का सबसे सरल और सबसे प्रभावी तरीका है खूब सारा पानी पीना। हाइड्रेटेड रहने से मूत्र पथ से बैक्टीरिया को बाहर निकालने में मदद मिलती है, जिससे जलन कम हो जाती है। इसके अलावा, ऐसे ड्रिंक्स से बचना चाहिए, जो मूत्राशय में जलन पैदा कर सकते हैं, जैसे शराब और कैफीन।

    क्रैनबेरी जूस पिएं

    क्रैनबेरी में प्रोएंथोसायनिडिन (पीएसी) जैसे खास कम्पाउंड होते हैं, जो बैक्टीरिया को मूत्र पथ की दीवारों पर चिपकने से रोकते हैं, जिससे यूटीआई का खतरा कम हो जाता है।

    हीट थेरेपी

    पेट के निचले हिस्से में सेकाई करने से मूत्राशय के संक्रमण के कारण होने वाले दर्द और परेशानी को कम करने में मदद मिल सकती है। तौलिये या हीटिंग पैड में लपेटी हुई गर्म पानी की बोतल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस यह ध्यान रखें कि यह बहुत ज्यादा गर्म न हो क्योंकि इससे त्वचा के जलने का खतरा हो सकता है।

    प्रोबायोटिक्स

    प्रोबायोटिक्स, जो आमतौर पर दही और फर्मेंटेड फूड आइटम्स में पाए जाते हैं, वह गट और यूरीनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया के स्वस्थ संतुलन को बढ़ावा दे सकते हैं। इससे संक्रमण का कारण बनने वाले हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं।

    विटामिन सी

    विटामिन सी इम्युनिटी को बढ़ावा देने और मूत्र को अधिक एसिडिक बनाने के लिए जाना जाता है, जिससे बैक्टीरिया के पनपने के लिए प्रतिकूल वातावरण बनता है। इसके अलावा विटामिन सी में एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में फायदेमंद होते हैं।

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

    Pic Credit: Freepik