प्लास्टिक के डिब्बों में खाना खाने से बढ़ सकता है हार्ट फेलियर का खतरा! पढ़ें क्या कहती है नई स्टडी
हम हर दिन प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल करते हैं जैसे कि पानी की बोतलें खाने के डिब्बे और पैकेजिंग। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक में मौजूद केमिकल्स हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं? दरअसल एक नई स्टडी में सामने आया है कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना खाने से हार्ट फेलियर का खतरा (Plastic Food Containers Health Risks) बढ़ सकता है। आइए जानें।

लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। Plastic Food Containers Health Risks: मॉडर्न लाइफस्टाइल में प्लास्टिक का इस्तेमाल हर जगह देखने को मिलता है। खाने-पीने की चीजों से लेकर घरेलू सामान तक, प्लास्टिक हमारी डेली लाइफ का अहम हिस्सा बन चुका है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना खाने से हमारी सेहत पर गंभीर असर पड़ सकते हैं?
हाल ही में हुई एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना खाने से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है (Plastic Containers Cause Heart Failure)। यह अध्ययन हेल्थ एक्सपर्ट्स और आम लोगों के बीच चिंता का विषय बन गया है। आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करते हैं और जानते हैं कि प्लास्टिक हमारे दिल के लिए कैसे खतरनाक हो सकता है।
एक नई स्टडी में सामने आया है कि प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना खाने से दिल की गंभीर बीमारी, खासकर कंजेस्टिव हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लास्टिक के छोटे-छोटे कण हमारे पेट में जाकर सूजन और सर्कुलेटरी सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे ये खतरा पैदा होता है। ये रिसर्च Sciencedirect.com पर छपी है।
दिल की बीमारियों को दावत देते हैं प्लास्टिक के बर्तन
शोधकर्ताओं ने प्लास्टिक के बर्तनों में खाने और दिल की बीमारियों के खतरे के बीच संबंध जानने के लिए एक रिसर्च की। इस रिसर्च में दो स्टेप्स थे। पहले स्टेप में, उन्होंने 3000 से ज्यादा चाइनीज लोगों के खाने के तरीकों का स्टडी किया। उन्होंने पाया कि जो लोग अक्सर प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाते थे, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा था।
दूसरे स्टेप में, उन्होंने चूहों पर एक एक्सपेरिमेंट किया। चूहों को ऐसे पानी में रखा गया जिसमें काले प्लास्टिक के बर्तनों से केमिकल निकल रहे थे। इस एक्सपेरिमेंट से साफ हुआ कि बार-बार प्लास्टिक के केमिकल्स के संपर्क में आने से चूहों में हार्ट फेलियर के लक्षण दिखाई देने लगे। यह रिसर्च दिखाती है कि प्लास्टिक के बर्तनों में खाना खाने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, खाने को स्टोर करने और खाने के लिए प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल कम करना बेहतर है।
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पेट के लिए जहर हैं प्लास्टिक के बर्तन
प्लास्टिक के डिब्बों में खाना रखने से छोटे-छोटे प्लास्टिक के कण खाने में मिल जाते हैं और हमारे पेट तक पहुंच जाते हैं। ये कण पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे पेट की दीवार में छेद हो जाते हैं। इससे हानिकारक चीजें खून में मिल जाती हैं और सूजन हो जाती है। यह सूजन खून के बहाव को प्रभावित करती है और दिल पर बुरा असर डालती है।
खाने की चीजों को प्लास्टिक में रखने से हमारी सेहत पर क्या असर होता है, इस बारे में वैज्ञानिकों ने कुछ नई बातें बताई हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि प्लास्टिक से कुछ हानिकारक रसायन निकलते हैं जो हमारे पेट में रहने वाले अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हालांकि, अभी तक यह पूरी तरह से पता नहीं चल पाया है कि प्लास्टिक से कौन-कौन से रसायन निकलते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि प्लास्टिक के डिब्बों में खाना खाने से हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए, हमें प्लास्टिक के डिब्बों का इस्तेमाल कम करना चाहिए और खाने की चीजों को रखने के लिए दूसरे विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
ऐसे करें प्लास्टिक से अपना बचाव
प्लास्टिक का इस्तेमाल कम करने के लिए, आप कुछ आसान तरीके अपना सकते हैं। सबसे पहले, जब भी मुमकिन हो, प्लास्टिक की जगह कांच या स्टेनलेस स्टील के बर्तन इस्तेमाल करें। दूसरा, कभी भी गरम खाना प्लास्टिक के बर्तनों में न रखें, क्योंकि इससे हानिकारक कैमिकल खाने में घुल सकते हैं। तीसरा, ऐसे रेस्टोरेंट चुनें जो खाने के लिए इको-फ्रेंडली कंटेनर इस्तेमाल करते हैं, यानी प्लास्टिक की जगह ऐसे बर्तन जो पर्यावरण के लिए सही हों।
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Source:
- साइंस डायरेक्ट डॉट कॉम: https://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0147651324014593#sec0150
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